छपी-अनछपी: गुजरात में बारिश-बवंडर लेकिन बिहार में लू से मौत, नीतीश के सुरक्षा घेरे में घुसे चेन लुटेरे

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। आज के अखबारों में एक तरफ गुजरात में जबरदस्त बारिश और बवंडर की जानकारी है तो दूसरी तरफ बिहार में लू से बुरा हाल है और इससे मौत भी हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुरक्षा घेरे में दो चेन लुटेरों को घुसने की खबर भी प्रमुखता से ली गई है।

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: लू से सैप जवान समेत 11 लोगों की गई जान, 5 जिलों में चेतावनी जारी। अखबार लिखता है कि 24 घंटे में लू से रोहतास में 27 जवानों पटना में नगर निगम सुपरवाइजर समेत भोजपुर नालंदा गया वा जमुई जिले में 11 लोगों की मौत हो गई। आरा में एक युवक व बुजुर्ग रास्ते में मृत पड़े मिले, उनकी पहचान गुरुवार की देर शाम तक नहीं हो सकी। एक महिला और बुजुर्ग ट्रेन में यात्रा के दौरान लू की चपेट में आ गए जिनकी अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। सासाराम सिविल कोर्ट परिसर की सुरक्षा में तैनात 2 सैप जवानों की गुरुवार को एक-एक कर मौत हो गई। बिहार में ज़बर्दस्त गर्मी की वजह राजस्थान से आ रही पछुआ हवा बताई जा रही है।

पांच जिलों में लू का रेड अलर्ट

पटना सहित प्रदेश के 14 जिलों में शुक्रवार के लिए मौसम विभाग ने लू का रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। 2023 में पहली बार लू को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। गया, औरंगाबाद, नवादा, भभुआ और रोहतास में रेड अलर्ट जारी किया गया है। लोगों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील मौसम विभाग ने की है। मौसम विभाग ने प्रदेश के 5 जिलों में रेड, 6 में ऑरेंज और 3 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। अगले 3 दिनों तक राज्य में तामपान में गिरावट की संभावना नहीं है।

गुजरात मे तूफान

हिन्दुस्तान ने पहले पेज पर खबर दी है: बिपारजॉय चक्रवात से समुद्र तटों पर बारिश और बवंडर। बिपारजॉय चक्रवात ने गुरुवार को गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ इलाकों में दस्तक दे दी, लेकिन सेना और एनडीआरएफ के प्रयासों से बड़ी आफत टल गई। गुजरात के तटीय इलाकों में 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। हालांकि, तटीय इलाकों में बड़े नुकसान की कोई सूचना नहीं है। इससे पहले, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि गुजरात तट पर चक्रवात बिपारजॉय ने शाम 4.30 बजे दस्तक दी और इसके टकराने की प्रक्रिया मध्यरात्रि तक पूरी होगी।

सीएम की सुरक्षा में सेंध

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: बाइक से भागते चेन स्नैचर सीएम से टकराने वाले ही थे, नीतीश फुटपाथ पर चढ़कर बचे। हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर भी यही है: चूक: भाग रहे दो चेन लुटेरे सीएम के सुरक्षा घेरे में घुसे। बोरिंग रोड में एक महिला से चेन लूटकर भाग रहे दो अपराधी सुबह की सैर करने सर्कुलर रोड में निकले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुरक्षा घेरे में घुस गये। यह वाक्या गुरुवार की सुबह छह बजकर 40 मिनट पर हुआ। बाइक सवार दो अपराधी पैदल पथ के करीब पहुंच गये, जहां सीएम मौजूद थे। यह देख वहां सुरक्षा व्यवस्था में लगे एसएसजी के जवानों के बीच हड़कंप मच गया। पुलिसकर्मियों और एसएसजी के जवानों ने दोनों बाइक सवारों को खदेड़ा तो वे जमीन पर गिर गए। इसके बाद दोनों को पकड़ लिया गया। पलक झपकते ही जवानों ने दोनों को अपनी गिरफ्त में लेकर उनकी तलाशी ली। बाद में दोनों को सचिवालय थाने की पुलिस के हवाले कर दिया गया। इधर, मुख्यमंत्री के सुरक्षा घेरे में बाइक सवारों के घुसने की खबर मिलते ही एसएसपी राजीव मिश्र सहित कई बड़े पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। जब पुलिस ने पकड़े गए बाइक सवारों की जांच की तो पता चला कि वे चेन लुटेरे हैं। दोनों मसौढ़ी के रहने वाले हैं। आरोपितों ने खुद को नाबालिग बताया है।

4 वर्षीय ग्रेजुएशन प्रोग्राम की मुश्किल

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने राज्य के विश्वविद्यालयों में स्नातक के चार वर्षीय पाठॺक्रम को शुरू किए जाने के आदेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से किया है। उन्होंने इसको लेकर राज्यपाल सचिवालय को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि राज्य में शैक्षणिक सत्र काफी विलंब से चल रहे हैं। अपने शैक्षणिक कैलेंडर से अधिकांश विश्वविद्यालय काफी पीछे चल रहे हैं। राज्य सरकार अगले कुछ माह में विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक कैलेंडर को ठीक करने के लिए कई जरूरी कदम उठाने जा रही है। इस परिस्थिति में राज्य सरकार का मत है कि विश्वविद्यालयों को सबसे पहले वर्तमान में चल रहे तीन वर्षीय स्नातक कोर्स को समय पर पूरा करना चाहिए।

MBBS के बाद NeXT

भास्कर ने पहले पेज पर खबर दी है: MBBS के बाद नेक्स्ट, एम्स जुलाई में कराएगा मॉक टेस्ट। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) अगले साल से देश में एमबीबीएस पास आउट के लिए नेक्स्ट (नेशनल एग्जिट टेस्ट लागू) करेगा। इसका खाका तैयार कर लिया गया है। तैयारी परखने के लिए जुलाई में देशभर में मॉक टेस्ट कराया जाएगा। नोटिफिकेशन जून में जारी हो जाएगा। मॉक टेस्ट दिल्ली एम्स कराएगा। दिल्ली में 14 जून को होगी एमएमसी की दसवीं जनरल बॉडी मीटिंग में इस पर फैसला लिया गया। नेक्स्ट लागू होने पर नौकरी से लेकर पीजी सीट तक इसी से तय होगी। नेक्स्ट लागू होने के बाद neet-pg की व्यवस्था खत्म हो जाएगी।

अमेरिका से ड्रोन खरीद

जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: अमेरिका से 30 प्रिडेटर ड्रोन खरीदेगा भारत, मिली मंजूरी। अखबार लिखता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस माह प्रस्तावित अमेरिकी यात्रा की तैयारियों के बीच रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को अमेरिका से mq-9 प्रिडेटर ड्रोन खरीदने के सौदे को मंजूरी दे दी। 3 अरब डॉलर यानी लगभग 24000 करोड़ रुपये के समझौते के तहत 30 प्रिडेटर ड्रोन खरीदे जाएंगे। इस पर अब अंतिम फैसला सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी को करना है।

कुछ और सुर्खियां

  • महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल
  • बालासोर रेल हादसे में बिहार के मृतक के परिजनों को मिलेंगे 2-2 लाख
  • मणिपुर में भीड़ ने दो घरों को आग लगाई, जवानों ने किया बल प्रयोग
  • सीवान में गंडक नहर का बांध टूटा, 800 एकड़ में फैला पानी, नहर विभाग के अफसर का तर्क …चूहों ने कुतरा नहर का किनारा
  • 31 अगस्त को शुरू होगा एशिया कप, पाकिस्तान में 4 मैच होंगे

अनछपी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुरक्षा घेरे में लगे सेंध की खबर में असली खबर यह है कि पटना में चेन लुटेरों का आतंक मचा हुआ है। यह सही है कि इससे मुख्यमंत्री के सुरक्षा घेरे के कमजोर होने का भी पता चल गया लेकिन असली समस्या तो यही है कि राजधानी और दूसरी जगहों पर चेन और मोबाइल फोन लूटने वालों ने कोहराम मचा रखा है और पुलिस उन पर काबू पाने में पूरी तरह नाकाम है। चेन और फोन छीनना लुटेरों का एक पेशा बन चुका है। आजकल हर जगह सीसीटीवी कैमरा लगा रहता है इसके बावजूद चेन लुटेरों के पकड़े जाने का उदाहरण कम ही मिलता है। यह मामला क्योंकि नीतीश कुमार की सुरक्षा का था इसलिए पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्यवाही कर न सिर्फ उनके सुरक्षा घेरे में सेंध लगाने वाले दोनों लड़कों को पकड़ा बल्कि तुरंत यह भी पता लगा लिया कि वे चेन स्नेचर हैं और उन्होंने कहां से चेन छीनी थी। दूसरे लोगों के साथ का मामला यह है कि पुलिस के पास अगर यह शिकायत लेकर कोई पहुंचता है तो पुलिस वाले पहले उसे ही डांटते हैं कि अपने सामान की सुरक्षा का ध्यान क्यों नहीं रखते। चेन स्नेचर हों या मोबाइल फोन के लुटेरे वे कई बार चलती मोटरसाइकिल से यह काम अंजाम देते हैं। कोई आदमी पैदल चल रहा हो या ऑटो में सफर कर रहा हो लुटेरे उनसे चेन या मोबाइल छीन कर फरार हो जाते हैं। पुलिस महकमे में एक से एक आईपीएस ऑफिसर बैठे हैं, क्या उन्हें यह नहीं मालूम कि यह काम किसी एक लुटेरे का नहीं बल्कि इसके पीछे एक गिरोह होता है? ऐसे में यह कहना क्या अनुचित होगा कि पुलिस लुटेरों को पकड़ने में नाकाम है। यही नहीं पुलिस का रवैया उनके खिलाफ भी सख्त होता है जिनका सामान जाता है। इसलिए, पुलिस को सबसे पहले तो शिकायत दर्ज करने में नरमी बरतनी चाहिए और शिकायत करने वालों को डांटने डपटने से बचना चाहिए। अच्छी बात यह है कि बिहार में हाल में ही साइबर थाने खोले गए हैं जो साइबर क्राइम और ऐसे लूट-झपट के केस को देखेंगे। इससे भी अच्छी बात यह होगी कि इन थानों के साथ-साथ दूसरे थाने भी पीड़ितों के लिए काम करें उन्हें लापरवाही का ताना देने के लिए नहीं।

 

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