छपी-अनछपी: बोले नीतीश- इसी साल हो सकता है लोकसभा चुनाव, मणिपुर हिंसा में 11 की मौत

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। क्या लोकसभा चुनाव 2024 के बदले एक साल पहले ही हो सकता है? बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ऐसा ही लगता है और उनका यह बयान सभी अखबारों में पहले खबर है। 3 मई से मणिपुर में जारी जातीय हिंसा में 11 लोगों के और मारे जाने की खबर को भी प्रमुखता मिली है। खगड़िया में एक सनकी द्वारा बीवी और तीन बेटियों की हत्या के बाद खुदकुशी की खबर भी सभी जगह है।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: आम चुनाव इसी वर्ष हो सकता है: नीतीश। जागरण की मेन हेडलाइन है: तेजी से बनाएं सड़क, समय पूर्व हो सकता है लोकसभा चुनाव: नीतीश। भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: नीतीश बोले इसी साल हो सकता है लोस चुनाव। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि देश में इसी वर्ष आम चुनाव हो सकता है। चुनाव कब होगा, कोई नहीं जानता, लेकिन जो हालात हैं उससे लगता है कि यह कभी भी हो सकता है। मुख्यमंत्री बुधवार को ग्रामीण कार्य विभाग की योजनाओें के शिलान्यास और उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि समीक्षा के दौरान हमें बताया गया कि वर्ष 2024 के जनवरी तक अधूरे काम पूरे हो जाएंगे। लेकिन, इसे और तेजी से करने की जरूरत है। कोई जरूरी है कि अगले साल ही चुनाव होगा। कोई नहीं जानता की चुनाव कब हो जाए। लिहाजा, सारे कार्यों में तेजी लाते हुए उसे जल्द पूरा करवाएं। समय से पहले काम करवाने के लिए यदि अतिरिक्त लोगों की जरूरत हो तो इसके लिए नियुक्ति भी करें।

मणिपुर हिंसा में 11 की मौत

भास्कर ने पहले पेज पर खबर दी है: मणिपुर हिंसा में 11 की मौत, उद्योग मंत्री का घर जलाया। अखबार लिखता है कि मणिपुर फिर सुलग उठा है। कंगपोकपी जिले के खेमेलोक में मंगलवार देर रात गैर आदिवासियों और आदिवासी गुटों के बीच फायरिंग में 11 लोगों की मौत हो गई। चार-पांच लोग लापता हैं। 9 शवों की शिनाख्त हो गई है। 25 घायल हैं। देर रात भीड़ ने उद्योग मंत्री नेमचा किपगेन के सरकारी घर को जला डाला। घटना के समय घर में कोई नहीं था। महिला मंत्री किपगेन उन 10 विधायकों में शामिल हैं जो अलग प्रशासनिक व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। फुंदरेई और सुगनू इलाके में ग्रामीणों ने सेना के जवानों को तलाशी लेने से भी रोक दिया।

तमिलनाडु के मंत्री गिरफ्तार

हिन्दुस्तान की खबर है: तमिलनाडु के बिजली मंत्री बालाजी भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को बुधवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार कर लिया। हालांकि उनकी तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक स्थानीय अदालत ने सेंथिल को 28 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बालाजी राज्य सरकार में केंद्रीय एजेंसी द्वारा कार्रवाई का सामना करने वाले पहले मंत्री हैं। सत्र न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस अल्ली ने आदेश पारित करने से पहले आज सुबह उस सरकारी अस्पताल का दौरा किया जहां बालाजी को भर्ती कराया गया था।

पत्नी, 3 बेटियों को मारकर की खुदकुशी

खगड़िया में मानसी थाना क्षेत्र के एकनिया गांव में पत्नी और तीन बेटियों की हत्या कर खुद फंदा लगाकर जान दे दी। यह वारदात मंगलवार देर रात करीब दो बजे हुई। 45 वर्षीय मुन्ना यादव ने पहले अपनी पत्नी और तीन बेटियों की धारदार हथियार से हत्या कर दी, फिर फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। हमला उसने अपने दो बेटों पर भी किया, मगर दोनों जान बचाकर भागने में सफल रहे। सुबह गांव के लोगों को वारदात की जानकारी मिली। एक घर में पांच शव देखकर पूरा गांव स्तब्ध हो गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया। वारदात में प्रयुक्त दबिया भी बरामद हो गया। मुन्ना यादव एक हत्याकांड का आरोपी था और फरार चल रहा था।

फिर कॉमन सिविल कोड की चर्चा

हिन्दुस्तान की खबर है: समान नागरिक संहिता पर नए सिरे से राय मांगी। भारत के विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर सार्वजनिक और धार्मिक संगठनों एवं लोगों से नए सिरे से राय मांगे हैं। आयोग ने बुधवार को कहा कि उसने यूसीसी की जरूरत पर नए सिरे से गौर करने का फैसला किया है। इससे पहले, 21वें विधि आयोग ने मुद्दे की पड़ताल की थी और राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा, समान नागरिक संहिता पर दो मौकों पर सभी हितधारकों के विचार मांगे थे। उसका कार्यकाल अगस्त 2018 में समाप्त हो गया था।

कुछ और सुर्खियां

  • समस्तीपुर-बरौनी रेलखंड पर नाजिरगंज स्टेशन के पास आनंद विहार से जयनगर जा रही गरीब रथ एक्सप्रेस कोच में आग लगी, बाल-बाल बचे यात्री
  • बिहार में 24 को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और 29 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे रैली
  • बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार कल रत्नेश सदा लेंगे शपथ
  • 170461 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आज से ऑनलाइन आवेदन
  • बसों पर परमिटधारी व ड्राइवर-कंडक्टर का नाम नंबर लिखना होगा
  • अगुवानी पुल गिरने के मामले में सिंगला कंपनी के एमडी हाई कोर्ट में तलब
  • मुजफ्फरपुर में पुलिस मुठभेड़ में तीन लुटेरे घायल दोनों तरफ से 27 राउंड फायरिंग
  • 26 जून को पटना रांची वंदे भारत का उद्घाटन कर सकते हैं पीएम मोदी
  • भाजपा सांसद और कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण के खिलाफ आज चार्जशीट

अनछपी: खगड़िया में हत्या और आत्महत्या की घटना दिल दहलाने वाली होने के साथ बहुत सारे सवालों को जन्म देने वाली है। खबरों के अनुसार मुन्ना यादव के दो बेटे इसलिए बच गए क्योंकि बाप का हत्यारा रुख़ देखकर दोनों घर से किसी तरह भाग निकले थे। मुन्ना यादव के बारे में कहा जा रहा है कि वह एक हत्याकांड में आरोपी था और फरार चल रहा था। ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि उसकी बीवी उसे इस कांड में सरेंडर करने के लिए कह रही थी। बीवी घर में गाय पालन करके किसी तरह घर चला रही थी। लेकिन क्या सरेंडर करने की बात कहने से कोई आदमी इतने गुस्से में आ सकता है कि वह सब की हत्या करने की ठान ले? हमारे समाज में हत्या कोई खास बात नहीं मानी जाती लेकिन जिन लोगों पर हत्या का इल्जाम लगता है उनके साथ क्या समाज ऐसा रवैया अपना सकता है कि वह सरेंडर भी करें और उसके अंदर हिंसक प्रवृत्ति भी ना हो? हम आमतौर पर गरीबी के कारण हत्या और आत्महत्या की घटनाएं तो देखते हैं लेकिन सजा से बचने के लिए पूरे परिवार की हत्या की बात कम ही सुनी जाती होगी। वैसे यह बात भी सोचने की है कि क्या सिर्फ सरेंडर ना करने की जिद के कारण यह घटना हुई है या इसके पीछे गरीबी भी एक महत्वपूर्ण कारण है? एक तरह से देखा जाए तो यह परिवार काफी परेशानी में था और उसे समाज से शायद उस तरह का भावनात्मक साथ नहीं मिला जिसकी जरूरत होती है। ऐसी घटनाओं से इस बात की जरूरत महसूस होती है कि हमारे जेलों की व्यवस्था मानवीय बनाई जाए जहां की हालत बदतर बताई जाती है। समाज और सरकार की यह जिम्मेदारी है कि इस घटना में जो 2 बच्चे बच गए उसकी परवरिश सही तरीके से हो और उनके मन पर पड़ने वाले असर को कम किया जाए। हमारे समाज में ऐसी घटनाओं पर लंबी चर्चा नहीं होती तात्कालिक प्रतिक्रिया के बाद सब इसे भूल जाते हैं। समाज और सरकार दोनों के लिए यह चिंता का विषय होना चाहिए कि इस तरह की सामूहिक हत्या की घटनाएं क्यों होती हैं।

 

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