छपी-अनछपी: नीतीश विपक्ष को जोड़ रहे मगर कांग्रेस में बगावत; तिरुपति मंदिर के पास ₹85705 करोड़

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। विपक्षी दलों को एक करने की अपनी मुहिम में जुटे नीतीश कुमार ने कांग्रेस पार्टी को इसका आवश्यक अंग बताया है लेकिन कांग्रेस पार्टी खुद अपनी एकजुटता कायम रखने में संघर्ष कर रही है। रविवार को जहां नीतीश कुमार एक तरफ छह अन्य दलों के साथ कार्यक्रम में शामिल थे वहीं राजस्थान में कांग्रेस के 80 से 90 विधायकों के बारे में यह खबर आ रही थी कि उन्होंने अशोक गहलोत के समर्थन में इस्तीफा देने का मन बनाया है। आज यही दोनों खबरें अखबारों में छाई हुई हैं। आज की समीक्षा में पीएमसीएच की तस्वीर वहां जारी हड़ताल की वजह से है।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर हरियाणा के शहर फतेबाद में हुई सम्मान रैली को लेकर है जिसकी सुर्खी है सम्मान रैली एकजुटता पर सात दल एकमत। इस रैली में जनता दल यूनाइटेड के ओर से नीतीश कुमार, राष्ट्रीय जनता दल की ओर से तेजस्वी यादव, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी की ओर से शरद पवार, इंडियन नेशनल लोकदल की ओर से ओम प्रकाश चौटाला, शिरोमणि अकाली दल की ओर से सुखबीर सिंह बादल और शिवसेना की ओर से अरविंद सावंत शामिल हुए। इसके साथ नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की सोनिया गांधी से मुलाकात की खबर भी छपी है।
जागरण की सबसे बड़ी खबर है: सोनिया से मिले लालू और नीतीश। भास्कर ने लिखा है: नीतीश ने कहा- सभी विरोधी दल साथ आएं 2024 में भाजपा बुरी तरह हारेगी।

राजस्थान में अशोक गहलोत की जगह पर मुख्यमंत्री कौन बने इस बात को लेकर कांग्रेस पार्टी में बगावत की खबरें भी प्रमुखता से छपी है। यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि अशोक गहलोत कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले हैं और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मुताबिक एक व्यक्ति एक पद के नियम के तहत अशोक गहलोत या तो कांग्रेस के अध्यक्ष होंगे या राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं। हिंदुस्तान में इस खबर की सुर्खी है: राजस्थान कांग्रेस के 82 विधायकों का इस्तीफा। जागरण ने लिखा है:गहलोत समर्थक 90 विधायकों के इस्तीफे। भास्कर की सबसे बड़ी खबर यही है जिसकी हेडिंग है: गहलोत गुट के चक्रव्यूह से पायलट के सपने हवा, आलाकमान भी स्तब्ध।

बिहार में जाति जनगणना को लेकर सरकारी सरगर्मी तेज हो रही है। हिन्दुस्तान में इस बारे में खबर है: तैयारी: जाति आधारित जनगणना के लिए वेबसाइट व ऐप जल्द।
प्रभात खबर की एक खास खबर है: खाद बेचने को केमिस्ट्री में स्नातक होना होगा। हालांकि देखना यह होगा कि ऐसे नियम किस हद तक लागू हो पाते हैं।

दक्षिण भारत के मंदिरों के पास अथाह धन की बात चर्चा में रहती है। ऐसे में प्रभात खबर की एक खबर पठनीय लगती है जिसमें बताया गया है कि तिरुपति मंदिर के पास 960 संपत्तियां है जिसकी कीमत ₹85705 करोड़ आंकी गई है।

पीएमसीएच यानी पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 23 सितंबर से जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। जागरण में इस पर आज भी खबर छपी है जिसके सुर्खी है: जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं, भर्ती भी लेंगे तो इलाज नहीं होगा अन्य अस्पताल ले जाएं। यह बात पीएमसीएच के करने और सीनियर डॉक्टर ही मरीजों को बता रहे हैं, जैसा कि इस बाद में लिखा है। प्रभात खबर की संबंधित खबर में बताया गया है कि वीडियो फुटेज में डॉक्टरों और गार्डों द्वारा मरीज के परिजनों को पीटते देखा जा सकता है।

अनछपी: पटना मेडिकल कॉलेज के बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा बड़े-बड़े दावे करते रहते हैं। उनका कहना है कि यह एशिया का सबसे बड़ा हॉस्पिटल बनेगा। इस वक्त स्वास्थ्य मंत्रालय उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पास है जिन्होंने कुछ दिनों पहले ही वहां औचक निरीक्षण में गड़बड़ियां पाई थीं। लेकिन उसी पीएमसीएच का हाल यह है कि छोटी-छोटी बातों पर डॉक्टर और गार्ड मरीज के परिजनों से उलझ जाते हैं और उनमें आपस में मारपीट हो जाती है। यह भी कह सकते हैं कि मरीज के परिजन डॉक्टर से उलझ जाते हैं। दोनों स्थितियों में नुकसान मरीजों का ही होता है। पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर किस अधिकार से ओपीडी में ताला जड़ देते हैं, यह बात सरकार को जरूर बतानी चाहिए। विरोध दर्ज करने में खुद को इलाज से अलग करने की बात तो समझ में आती है लेकिन दूसरे डॉक्टरों को भी इलाज से रोकना क्या सही है? इस समय कई मरीज कहां भर्ती हैं और जूनियर डॉक्टर उनका भी इलाज नहीं होने दे रहे हैं। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि पीएमसीएच की व्यवस्था को जूनियर डॉक्टरों के इस बंधक बना लेने की हरकत से मुक्ति दिलाएं।

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