छपी-अनछपी: दो आईपीएस अफसर सस्पेंड, फुलवारी में फिर एनआईए की छापेमारी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में पुलिस अधिकारियों की जालसाजी और घूसखोरी की खबरें चर्चा में बनी हुई हैं। ऐसे में 2 आईपीएस अधिकारियों को सस्पेंड करने की खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है। फुलवारी शरीफ पर आतंक के आरोप का धब्बा नहीं छूट पा रहा है। मंगलवार को देश के अन्य कई हिस्सों के साथ यहां भी एनआईए की छापेमारी हुई जिसकी खबर प्रमुखता से छपी है। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आईआरसीटीसी घोटाले में दी गई जमानत बरकरार रही है, जिसे सभी अखबारों ने पहले पेज पर जगह दी है।

फुलवारी शरीफ से संबंधित जागरण की खबर है: गज़वा-के-हिन्द मामले में फुलवारी शरीफ में एनआईए की छापेमारी। इस खबर में बताया गया है कि एनआईए ने मंगलवार की सुबह फुलवारी शरीफ के तीन ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन मरगूब अहमद दानिश व उसके साथियों के घरों की तलाशी ली गई। एनआईए ने इससे पहले जुलाई में भी मोहम्मद दानिश के घर पर छापेमारी की थी। हिंदुस्तान के देश पेज पर खबर है: शिकंजा: पांच राज्यों में आतंकियों के मददगारों पर एनआईए की छापेमारी। हालांकि इस खबर में बिहार का नाम शामिल नहीं है। इसमें दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, यूपी, राजस्थान और पंजाब में कई जगहों पर कार्रवाई की बात बताई गई है। प्रभात खबर की सुर्खी है अलकायदा आतंकी मॉड्यूल मामले में फुलवारी में छापे।

हिंदुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: आईपीएस आदित्य कुमार और दयाशंकर निलंबित। वर्ष 2011 बैच के आईपीएस ऑफिसर आदित्य कुमार के खिलाफ पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पर जालसाज अभिषेक अग्रवाल से डीजीपी समेत दूसरे अफसरों को फोन कर दबाव बनाने का मामला है। गया के फतेहपुर थाने में अपने ऊपर दर्ज मामले को रफा-दफा कराने के बाद वे विभागीय कार्यवाही को समाप्त कराने और पोस्टिंग के लिए दबाव डाल रहे थे। यह मामला उस समय का है जब वे गया के एसएसपी थे। दूसरी ओर दयाशंकर पर पूर्णिया के एसपी रहते हुए घूसखोरी का मामला दर्ज किया गया है। जागरण की सुर्खी है: भ्रष्टाचार में पूर्णिया एसपी दयाशंकर व फर्जी कॉल कराने में आदित्य निलंबित। भास्कर ने लिखा हैः आदित्य कुमार को पूर्णिया का एसपी बनवाने के लिए भी चीफ जस्टिस बनकर डीजीपी पर दबाव बना रहा था शातिर अभिषेक। प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर भी यही है: गया के पूर्व एसएसपी आदित्य और पूर्णिया के एसपी दयाशंकर सस्पेंड।

पुलिस महकमे से जुड़ी एक और खबर हिंदुस्तान के पहले पेज पर है: मगध रेंज के आईजी समेत 11 आईपीएस का तबादला। घूसखोरी के कारण हाल में चर्चित रहे पूर्णिया जिले में आमिर जावेद को नया एसपी बनाया गया है।

भास्कर की सबसे बड़ी खबर की सुर्खी हैः तेजस्वी की जमानत कायम, कोर्ट की हिदायत…बोलने में संयम बरतें। जागरण में सुर्खी है: आईआरसीटी के मामले में तेजस्वी की जमानत बरकरार। हिंदुस्तान ने लिखा है कि तेजस्वी यादव धमकी देने के आरोप के बाद सीबीआई कोर्ट में पेश हुए थे। उन्हें कोर्ट ने भविष्य में शब्दों का चयन सोच समझकर करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने गवाहों को प्रभावित करने वाले बयान देने से बचने के लिए कहा है।

केदारनाथ में हेलीकॉप्टर गिरने से पायलट समेत सात की मौत की खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है। यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ से 6 यात्रियों को लेकर गुप्तकाशी लौट रहा था जो कोहरे व बारिश के कारण गरुड़चट्टी के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में सोमवार की रात आतंकी हमले में 2 लोगों की मौत की खबर भी प्रमुखता से छपी है।
हिंदुस्तान में पहले पेज पर एक छोटी सी खबर है: केंद्र का फरमान, मास्क ज़रूर पहनें।

प्रभात खबर ने पहले पेज पर खबर दी है बिल पास करने को 50000 घूस लेते इंजीनियर गिरफ्तार। इसमें जानकारी दी गई है कि विशेष निगरानी इकाई ने बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के सहायक अभियंता मोहम्मद अब्दुल रक़ीब को ₹50000 रिश्वत लेते हुए उनके कार्यालय से रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।

भास्कर की एक खास खबर हैः हाईवे जाम का असर- जो कश्मीरी सेब हमें 200 रु. में मिल रहा, वह बागवानों से 20-30 रु. में खरीदा जा रहा।

अनछपी: फुलवारी शरीफ में एनआईए की एक बार फिर छापेमारी से कई सवाल पैदा हुए हैं। पहला सवाल तो यही है कि इससे पहले एनआईए और पुलिस ने की छापेमारी की थी क्या वह काफी नहीं थी। क्या एनआईए को लगभग ढाई महीना गुजरने के बाद दोबारा की गई इस छापेमारी से कोई नए सबूत मिले हैं? यह सवाल कि मरगूब अहमद दानिश के बारे में भी है, जो घर वालों के अनुसार मानसिक रोगी हैं, कि क्या जेल में उन्हें उचित दवाएं मिल रही हैं? इसके साथ ही यह सवाल भी पैदा होता है कि आखिर इन आरोपियों पर अदालती कार्रवाई कब अपने अंजाम को पहुंचेगी? यह बात भी विचारणीय है कि ऐसे मामलों में कई बार आरोपित बेगुनाह साबित होते हैं और उनका काफी समय जेल में सख्तियों और बदनामी के बीच गुजरता है जिससे वह अपना जीवन में ढंग से शुरू कर पाने में सफल नहीं हो पाते हैं। यह आरोप भी लगता है कि ऐसे मामलों को जानबूझकर लटकाया जाता है। यह उम्मीद की जानी चाहिए कि एनआईए इन आरोपों को गलत साबित करते हुए अदालती कार्रवाई को जल्द से जल्द पूरी कराने में अपनी तत्परता दिखाएगा।

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