छपी-अनछपी: पिछड़ा आरक्षण पर हाईकोर्ट में दोबारा अर्जी, देश में इमरजेंसी से भी खराब हालत: चौधरी
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में नगर निकाय चुनाव में आरक्षण के मुद्दे पर सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने दोबारा हाईकोर्ट में अर्जी लगाई है हालांकि पहले सरकार ने कहा था कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएगी। इस खबर को सभी अखबारों ने पहले पेज पर जगह दी है। जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजय कुमार चौधरी ने प्रभात खबर को दिए अपने इंटरव्यू में कहा है कि देश में इस समय इमरजेंसी से भी खराब हालत है।
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: पिछड़ा आरक्षण पर हाईकोर्ट से फिर सुनवाई की अपील। ऐसा समझा जा रहा कि शुक्रवार को ही राज्य सरकार ने पटना हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी थी जबकि राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को पुनर्विचार याचिका दायर की। राज्य सरकार की ओर से सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ से पुनर्विचार अर्जी पर जल्द सुनवाई करने की गुहार लगाई गई। इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने इस मामले पर 19 अक्टूबर को सुनवाई करने की बात कही।
जागरण में सबसे बड़ी सुर्खी है: सरकार ने निकाय चुनाव के लिए दाखिल की पुनर्विचार याचिका।
इसी माह चार अक्टूबर को पटना हाईकोर्ट ने नगर निकाय चुनाव में ओबीसी-ईबीसी को दिए गए आरक्षण को गैरकानूनी करार देते हुए आरक्षित सीट को अनारक्षित करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव को स्थगित कर दिया था। इसके मद्देनजर सरकार ने पुनर्विचार याचिका दी है।
भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: आईपीएस आदित्य की गिरफ्तारी होगी, रडार पर और कई अफसर भी। प्रभात खबर की सुर्खी है: गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य की गिरफ्तारी के लिए इओयू की छापेमारी शुरू।
मुजफ्फरपुर के एमडीडीएम कॉलेज में हिजाब विवाद की खबर पटना के हिंदी अखबारों में तो नहीं है लेकिन मुजफ्फरपुर संस्करण में यह बताया गया है कि इसके लिए जांच की दो अलग-अलग टीम बनी है। एक टीम कॉलेज ने अपनी ओर से बनाई है और दूसरी टीम वहां के डीएम ने बनाई है। कॉलेज की प्रिंसिपल डॉक्टर कनुप्रिया यह कह रही हैं कि यह विवाद हिजाब जुड़ा नहीं है लेकिन जिस तरह दो टीमें जांच के लिए बनायी गयी हैं उससे यह लगता है कि मामला हिजाब से ही जुड़ा हुआ है।
प्रभात खबर को दिए अपने इंटरव्यू में जदयू नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि बिहार ने 2024-25 का रास्ता दिखाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में राजनीतिक माहौल के अपहरण की कोशिश हो रही है। उन्होंने यह बात भी दोहराई है कि सरकार 10 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने को लेकर सजग है।
जागरण में दूसरी सबसे बड़ी खबर है: प्रिंस हत्याकांड में नाबालिग आरोपित को माना बालिग। यह मामला तो गुड़गांव का है लेकिन इसमें 16 साल के आरोपित को बालिग मानकर मुकदमा चलाने से सजा में बड़ा फर्क आएगा, इस कारण यह बहुत अहम माना जा रहा है। सात साल का प्रिंस मूल रूप से मधुबनी का रहने वाला था लेकिन अपने पिता के साथ गुड़गांव में रह रहा था। आरोपित को यदि नाबालिग माना जाता तो उसे अधिकतम 3 साल की ही सजा होती।
बिहार सरकार के कर्मियों के लिए एक खुशखबरी है कि उन्हें दिवाली से पहले सैलरी मिल जाएगी। यह खबर अधिकतर अखबारों में पहले पेज पर है।
हिन्दुस्तान में पहले पेज पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार खबर दी गई है कि 41 करोड़ भारतीय डेढ़ दशक में गरीबी से उबर चुके हैं।
दिल्ली आबकारी नीति के कथित घोटाले में मंत्री मनीष सिसोदिया से 9 घंटे की पूछताछ की खबर भी प्रमुखता से छपी है। सिसोदिया ने इसे साज़िश बताया है।
अनछपी: आईपीएस अधिकारी और गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार का मामला बेहद अफसोसनाक और हास्यास्पद भी लगता है। एक तो आदित्य कुमार ने गया के फतेहपुर थाना के शराब कांड में आईजी अमित लोढ़ा की बात न मानते हुए अपनी मनमानी की। इसके बाद जब आदित्य कुमार पर कार्रवाई हुई तो बजाए अनुशासन दिखाने के उन्होंने चालाकी शुरू कर दी। हास्यास्पद बात यह है कि आदित्य कुमार के किसी दोस्त ने पटना हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनकर डीजेपी को फोन किया और डीजेपी ने बिना किसी जांच परख यह मान लिया कि फोन हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का ही है। इस बात का दावा इस मामले में गिरफ्तार अभिषेक अग्रवाल ने किया है। यह दावा अगर सच है तो डीजीपी की समझ पर भी गहरा सवाल है। अगर डीजीपी को ऐसे झांसे में लिया जा सकता है तो आम आदमी की क्या बिसात है? कुछ लोगों का कहना है कि दाल में कुछ काला है जिसे छिपाया जा रहा है।
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