छ्पी-अनछ्पी: नीतीश पहुंचे 9:30 बजे दफ्तर तो नहीं पहुंचे थे आधा दर्जन मंत्री, छह जिलों में नए डीएम
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आजकल सचिवालय का निरीक्षण कर रहे हैं। मंगलवार को वह जब सुबह 9:30 बजे आधा दर्जन विभागों के दफ्तर पहुंचे तो वहां मंत्री नहीं मिले। इसकी खबर प्रमुखता से ली गई है। छह जिलों के डीएम के तबादले की खबर भी प्रमुख है।
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: सीएम के निरीक्षण में मंत्री अफसर गैर हाजिर मिले। जागरण की पहली सुर्खी है: निरीक्षण में मंत्री से आईएएस तक अनुपस्थित। प्रभात खबर की मेन हेडलाइन है: 9:30 बजे दफ्तर आएं मंत्री, अफसर: सीएम। भास्कर ने लिखा है: मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री को फोन कर पूछ 9:30 बज रहे हैं… आप कहां हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के औचक निरीक्षण में मंगलवार को आधा दर्जन मंत्री और अधिकारी अपने दफ्तर से गायब मिले। ठीक 9:30 बजे मुख्यमंत्री विकास भवन पहुंचे तो वहां शिक्षा मंत्री नहीं मिले। मुख्यमंत्री ने उनके चेंबर में जाकर उन्हें फोन लगवा कर पूछवाया कि दफ्तर पहुंचने में आखिर देर क्यों हुई। उन्होंने कहा कि सभी को 9:30 बजे तक कार्यालय पहुंचना है। इधर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के वाहन चालक को कारण बताओ नोटिस दिया गया है क्योंकि चालक के लेट आने से मंत्री अपने विभागीय दफ्तर लेट पहुंचे। निरीक्षण के दौरान शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के अलावा गन्ना उद्योग मंत्री आलोक मेहता, उद्योग मंत्री समीर महासेठ, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत अपने कार्यालय कक्ष में उपस्थित नहीं मिले।
छह डीएम का तबादला
प्रभात खबर की सूचना है: रोहतास, औरंगाबाद,किशनगंज, जमुई, मुंगेर और शिवहर में बने नए डीएम। बिहार सरकार ने मंगलवार को 8 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया है। जमुई के डीएम अवनीश कुमार सिंह को मुंगेर का नया बनाया गया है। निदेशक प्राथमिक शिक्षा, पंकज कुमार को शिवहर का नया जिला अधिकारी बनाया गया है। मुख्यमंत्री सचिवालय में संयुक्त सचिव राकेश कुमार को जमुई का डीएम बनाया गया है। मुंगेर के डीएम नवीन कुमार को रोहतास का डीएम बनाया गया है। किशनगंज के डीएम श्रीकांत शास्त्री को औरंगाबाद का डीएम बनाया गया है। वित्त विभाग के संयुक्त सचिव तुषार सिंगल को किशनगंज का डीएम बनाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अभी चुप हैं लेकिन…
हिन्दुस्तान के अनुसार उच्च न्यायालयों के जजों की नियुक्ति में ‘देरी’ पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नाराजगी जताई। जस्टिस संजय किशन कौल और सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि इस मामले की बारीकी से निगरानी करेंगे। जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि ‘आज मैं चुप हूं क्योंकि अटॉर्नी जनरल ने कम समय मांगा है, अगली बार चुप नहीं रहूंगा। बोलने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन मैं अपने आपको रोक रहा हूं।’ पीठ ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि हस्तक्षेप कीजिए। 70 सिफारिशें लंबित हैं, जिनमें से 26 न्यायाधीशों के स्थानांतरण की हैं।
मणिपुर में प्रदर्शन, 45 ज़ख़्मी
मणिपुर में पाबंदियों में ढील के बाद दो छात्रों की हत्या का फोटो वायरल होने के बाद तनाव बढ़ गया। मंगलवार को इंफाल घाटी में जगह-जगह उग्र प्रदर्शन हुए। भीड़ ने पुलिस पाबंदियों को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की तो झड़प हो गई। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया, जिसमें 45 छात्र घायल हो गए। अधिकारियों के मुताबिक, वायरल फोटो में दिख रहे दोनों छात्र फिजाम हेमजीत और हिजाम लिनथोइनगांबी छह जुलाई से लापता थे। इन दोनों युवकों का जुलाई में अपहरण किया गया था।
शाहनवाज़ हुसैन को हार्ट अटैक के बाद स्टेंट लगा
भाजपा के वरिष्ठ नेता सैयद शाहनवाज हुसैन को मंगलवार को हार्ट अटैक के बाद मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका ऑपरेशन हुआ। फिलहाल वे स्वस्थ महसूस कर रहे हैं। जांच में पता चला कि हृदय में 90 फीसद ब्लॉकेज है। चिकित्सकों ने उन्हें स्टेंट लगाया। ऑपरेशन के बाद उन्हें आईसीयू में रखा गया है।
नन बैंकिंग फ्रॉड का सबसे ज़्यादा शिकार पटना
प्रभात खबर की दूसरी सबसे बड़ी सुर्खी है: पटना व तिरहुत प्रमंडल के लोग नन बैंकिंग फ्रॉड के सबसे अधिक शिकार। पटना और तिरहुत प्रमंडल के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग कम समय में पैसा दुगना करने के लालच में फंसकर सबसे अधिक नन बैंकिंग फ्रॉड का शिकार हुए हैं। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई के आंकड़ों के मुताबिक 2011 से सितंबर 2023 तक इसमें इससे जुड़े 228 केस दर्ज हुए हैं। ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने मंगलवार को बताया कि छोटे-छोटे निवेशकों की पूंजी को फंसने से बचाने के लेकर संस्थागत सेटअप बनाने का काम चल रहा है।
कुछ और सुर्खियां
- दिल्ली में ज्वेलरी शोरूम के स्ट्रांग रूम से 25 करोड़ की चोरी
- वहीदा रहमान को दादा साहब फाल्के अवार्ड
- एशियन गेम्स में घुड़सवारी टीम ने 41 वर्ष बाद जीता गोल्ड मेडल
- 28 सितंबर से 8 अक्टूबर तक पुलिस कर्मियों की छुट्टियों पर रोक
- पटना हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज अनंत मनोहर राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष होंगे
- पशु दाना बनाने वाली कंपनी पर छापेमारी में 75 लाख कैश, जमीन के दस्तावेज
- यूट्यूबड् मनीष कश्यप के बयान बाजी मामले में चार पुलिस वाले सस्पेंड
- अब मेयर व डिप्टी मेयर को भी मिलेगी सरकारी गाड़ी
- श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को, प्रधानमंत्री भी होंगे शामिल
अनछपी: सरकारी दफ्तरों के बारे में पुरानी कहावत है कि 12:00 बजे लेट नहीं और 3:00 बजे भेंट नहीं। 12 और 3:00 को एक-दो घंटा आगे-पीछे किया जा सकता है। अभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विभागों के दफ्तरों का निरीक्षण कर रहे हैं और यह बात सबको मालूम है, फिर भी मंगलवार को आधा दर्जन मंत्री और ऑफिसर अपने कार्यालय समय पर नहीं पहुंचे थे। मुख्यमंत्री का निरीक्षण जारी रहते हुए जब सचिवालय का यह हाल है तो बाकी दफ्तरों के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है। पटना से बाहर कार्यालय जाने वाले लोगों की लेट लतीफ़ी भी जग जाहिर है। पटना से लगभग 70-80 किलोमीटर दूर के शहरों में काम करने वाले बहुत से लोग भी पटना से ही हर दिन आते जाते हैं और उनका लेट होना आम बात है। इसका सबूत पटना रेलवे जंक्शन पर सुबह सवेरे मिल सकता है। लेट आने के मामले में सरकारी अस्पतालों का भी बुरा हाल है। सरकारी अस्पतालों में वहां इलाज का समय कभी दर्ज नहीं मिलेगा और डॉक्टर 8:00 बजे के बजाय 9:30 या 10:00 बजे तक अस्पताल पहुंचते हैं। इसके बाद ड्यूटी खत्म होने का समय 2:00 बजे होता है लेकिन डॉक्टर एक से 1:30 के बीच ही वहां से निकल जाते हैं। मेडिकल कॉलेज के बारे में तो कहा जाता है कि डॉक्टर जितने ज्यादा बड़े होते हैं उतना ही कम समय वह अस्पतालों में मरीजों को देखने के लिए देते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ऐसे ही कभी किसी सरकारी अस्पताल का भी निरीक्षण करना चाहिए ताकि उन्हें पता चले कि डॉक्टर समय पर आते हैं या नहीं। अस्पतालों के अलावा भी दूसरे दफ्तर में अगर ऐसे ही औचक निरीक्षण जारी रहे तो कुछ हद तक मामला ठीक हो सकता है। उदाहरण के लिए शिक्षा विभाग के सचिव के के पाठक द्वारा निरीक्षण शुरू किया गया तो बताया जाता है कि स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति समय पर होने लगी है। जरूरत इस बात की है कि बाकी विभागों में भी ऐसे ही निरीक्षण हो और वहां मुस्तैदी से काम लिया जाए।
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