छपी-अनछपी: भाजपा-आरएसएस को राज व समाज दोनों से बेदखल करें: माले, त्रिपुरा में आज वोटिंग

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पटना का गांधी मैदान और पूरा शहर बुधवार को लाल झंडों से पटा था। ये झंडे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की रैली के थे जिनकी खबरें अक्सर अखबारों में पहले पन्ने पर तो नहीं आ सकीं लेकिन उसकी कवरेज अच्छी है। माले ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि बिहार के राज से तो भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस को हटा दिया गया है लेकिन अब उन्हें समाज से भी बेदखल करने की जरूरत है। उत्तर पूर्व के राज्य त्रिपुरा में आज वोटिंग हो रही है जिसकी संक्षिप्त खबरें अखबारों में हैं। हिन्दुस्तान की खास खबर नालंदा के मिस्बाह अशरफ के बारे में है जो अपने स्टार्टअप के लिए दुनिया भर में नाम कमा रहे हैं।

माले से संबंधित खबर की जागरण में सुर्खी है: रैली से माले ने दिखाई अपनी ताकत, भाजपा से लड़ने का संकल्प भी लिया। हिन्दुस्तान ने लिखा है: विपक्ष में प्रधानमंत्री के कई चेहरे, एकजुटता जरूरी। भास्कर की हेडलाइन है: माले ने कहा सवर्णों का आरक्षण खत्म हो दलित और पिछड़ों का बढ़ाया जाए। भाकपा माले ने ‘लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ’ रैली के जरिए महागठबंधन के अंदर अपनी ताकत तो दिखाई ही साथ ही भाजपा से लड़ने का संकल्प भी लिया। तमाम वक्ताओं ने केंद्र सरकार, भाजपा-आरएसएस के खिलाफ जोरदार हमला बोला और 2024 के आम चुनाव में केंद्र सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया। पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज लोकतंत्र खतरे में है, धर्म के नाम पर देश को बांटने की साजिश हो रही है लेकिन रैली में उमड़ी जनता मोदी सरकार के इस प्रयास को सफल नहीं होने देगी। माले के प्रस्ताव में कहा गया कि बिहार में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया गया है लेकिन अब जरूरत है कि भाजपा-आरएसएस को समाज से भी बाहर किया जाए।

त्रिपुरा में भाजपा की वापसी पर सवाल

भास्कर के देश विदेश पेज पर सबसे बड़ी खबर है: भाजपा, वाम-कांग्रेस को स्थानीय पार्टी टिपरा मोथा से खतरा, टीएमसी बेअसर। नॉर्थ ईस्ट के तीन राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के तहत त्रिपुरा में 16 फरवरी यानी आज वोटिंग हो रही है। 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 259 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस बार मुकाबला भाजपा बनाम कम्युनिस्ट व कांग्रेस गठबंधन हो गया है। तृणमूल इस चुनाव में 28 सीटों पर लड़ रही है लेकिन वह असरदार नहीं रही है। इस बार राजपरिवार से संबंध रखने वाले प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा की टिपरा मोथा पार्टी से भाजपा को  खतरा ज्यादा है। 2018 में अनुसूचित जाति वाली 20 सीटें भाजपा के खाते में आई थी। अब आदिवासी इलाकों की 20 सीटों पर टिपरा प्रभावी है। त्रिपुरा में 8% मुस्लिम आबादी है। यहाँ सांप्रदायिकता अतीत में कभी मुद्दा नहीं रही।

फर्जी डिग्री वाले शिक्षक

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: आदेश: फर्जी डिग्री वाले शिक्षक गिरफ्तार होंगे। निगरानी ब्यूरो ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि वैसे सभी नियोजित शिक्षकों को गिरफ्तार करें, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है। प्राथमिकी में नामजद बनाए गये ये शिक्षक अभी कहां हैं और अब तक इनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है, इसका विवरण भी मांगा है। इस मामले को लेकर निगरानी ने पुलिस मुख्यालय को भी पत्र लिखकर सभी जिलों को नामजद फर्जी शिक्षकों को गिरफ्तार करने से संबंधित आदेश जारी करने का अनुरोध किया है। सभी जिलों में निगरानी ने जांच के दौरान फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज कराया है। यह प्रक्रिया अब भी जारी है। लेकिन, इनमें कितने आरोपी शिक्षक गिरफ्तार किए गये हैं, इसकी सटीक सूचना जिलों से निगरानी को नहीं दी जाती है। इसके मद्देनजर निगरानी ब्यूरो ने कुछ दिनों पहले इससे संबंधित विस्तृत आदेश जारी किया है। अब तक फर्जी शिक्षकों से संबंधित 1196 एफआईआर सभी जिलों में दर्ज कराई गई है, जिसमें 2401 शिक्षकों को आरोपी बनाया जा चुका है।

पांच लाख पैक्स व दूसरी कोऑपरेटिव खुलेंगी

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: देश भर में पांच वर्षों में खुलेंगी दो लाख नई सहकारी समितियां। अख़बार के अनुसार सहकारी समितियों के जरिए ग्रामीण क्षेत्र की जनता से संपर्क मजबूत करने का सरकार का अभियान और तेज हो गया है। बुधवार को कैबिनेट ने अगले 5 वर्षों के भीतर देश में दो लाख नई प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (पैक्स) और दुग्ध मछली सहकारी समितियों के गठन के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है।

बहाली फर्ज़ीवाड़ा

भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: भास्कर ने पहले ही कर दिया था केवीएस की टीजीटी परीक्षा में सेंधमारी का खुलासा, पानीपत से पांच गिरफ्तार। केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक बहाली के लिए होने वाली परीक्षा में कंप्यूटर को रिमोट पर लेकर नकल कराने के मामले में यह गिरफ्तारियां हुई हैं। इस मामले में बिहार में भी फर्जीवाड़ा की शिकायत आई है लेकिन अभी हरियाणा से गिरफ्तारी की खबर आई है। इस बात पर हैरत जताई जा रही है कि बिहार में अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई पूर्ण राम

नालंदा के मिस्बाह अशरफ

हिन्दुस्तान की खास खबर है: नालंदा के मिस्बाह अशरफ लोगों को बचत के लिए कर रहे प्रेरित। 29 वर्षीय मिस्बाह अशरफ के फिनटेक स्टार्टअप ‘जार’ की चर्चा देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हो रही है। वर्ष 2023 के लिए जारी ‘फोर्ब्स 30 अंडर 30’ सूची में मिस्बाह अशरफ को जगह मिली है। इस सूची में जगह बनाने वाले बिहार के इकलौते युवा हैं। वे अपने स्टार्टअप से लोगों को छोटी बचत करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इनके एप के माध्यम से लोग औसतन दो हजार रुपये प्रतिमाह बचत कर डिजिटल सोना खरीद रहे हैं। मिस्बाह बताते हैं कि मान लिजिए आप 44 रुपये का बाजार से कोई सामान खरीदते है और इसका भुगतान यूपीआई के माध्यम से करते हैं तो उनके स्टार्टअप एप के माध्यम से राउंड फिगर काटा जाता है। मतलब 50 रुपये काटे गए। इनमें से बचे हुए छह रुपये का डिजिटल सोना खरीदा जाता है। धीरे-धीरे उपभोक्ता के खाते में डिजिटल सोने के छोटे-छोटे हिस्से जमा होते जाते हैं। उपभोक्ता चाहे तो इन छोटे-छोटे हिस्सों को मिलाकर 5 ग्राम, 10 ग्राम के सोने के सिक्के मंगा सकते हैं या फिर जमा डिजिटल सोने को बेच सकते हैं।

470 हवाई जहाज़ों की खरीद और नौकरियों की उम्मीद

भास्कर की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: भारत में 5 लाख नए जॉब, अगले दो साल में 1700 विमान खरीदे जाएंगे। अखबार लिखता है कि एयर इंडिया की बोइंग और एयरबस से 470 विमानों की डील के साथ ही भारत विमानन क्षेत्र का बड़ा बाजार बनना जा रहा है। उम्मीद है कि भारत अगले 15 साल में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार होगा। एयर इंडिया के बाद इंडिगो भी 500 विमानों का ऑर्डर दे सकती है। ताजा डील पर राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अमेरिका में 10 लाख जॉब पैदा होगी। इधर भारत में भी करीब 5 लाख जॉब पैदा होने की उम्मीद जताई जा रही है इनमें से एक लाख जॉब्स सीधे और चार लाख दूसरे तरीकों से मिल सकती है।

कुछ और अहम सुर्खियां

  • सभी 534 प्रखंडों में होगी कनीय अन्वेषकों की भर्ती
  • चीन सीमा पर चौकसी को सात बटालियन बनेंगी
  • कनाडा में मंदिर की दीवारों पर लिखे गए भारत विरोधी नारे
  • राज्य राजी हों तो पेट्रो पदार्थ को जीएसटी में लाएंगे: केंद्र
  • यूपी: आजम खान के बाद बेटे अब्दुल्लाह आजम की विधायकी भी गई
  • बीबीसी के दफ्तरों पर दूसरे दिन भी आयकर सर्वे जारी रहा
  • कोयंबटूर व मंगलुरू धमाके में एनआईए की आईएस से जुड़े 60 ठिकानों पर छापेमारी
  • पटना हाईकोर्ट ने मदरसों की जांच कर 4 माह में रिपोर्ट मांगी
  • पलामू में मस्जिद के पास गेट बनाने के विरोध के बाद झड़प, कई पुलिसवाले जख्मी

अनछपी: पटना में माले की रैली से एक संवाद साफ है कि अगर भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस से मुकाबला करना है तो सिर्फ राजनीति के मैदान से यह संभव नहीं है बल्कि इसके लिए समाज के मैदान में भी उतरना पड़ेगा। इसकी वजह क्या है? इसकी वजह यह है कि राजनीति के मैदान में आरएसएस कभी नजर नहीं आता और उसने उसके लिए भारतीय जनता पार्टी को लगा रखा है। समाज में भारतीय जनता पार्टी के लिए जमीन तैयार करने की पूरी जिम्मेदारी आरएसएस की है। दूसरी ओर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और उसके दूसरे सहयोगी जैसे कांग्रेस आदि के पास समाज से सीधा संवाद करने की कोई ठोस व्यवस्था नजर नहीं आती। वैसे कहा जा सकता है कि कांग्रेस ने हाल में ही भारत जोड़ो यात्रा के दौरान समाज से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन वास्तविकता यह है कि यह बस एक औपचारिकता भर थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जनता दल यूनाईटेड भी कहीं समाज में इस तरह की गतिविधि में शामिल नजर नहीं आता हालांकि वे खुद इस समय समाधान यात्रा के जरिए लोगों से संवाद कर रहे हैं। ऐसे में भाकपा माले की यह बात बहुत महत्वपूर्ण लगती है कि बिहार से सत्ता से बेदखल भाजपा को आरएसएस के साथ समाज से भी बेदखल करने की कोशिश जरूरी है। माले के पास देहातों में भी अपना काडर मौजूद है लेकिन शहरों में उसकी पैठ नहीं लगती है। अच्छी बात यह है कि माले की समझ इस बारे में साफ है।

 

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