छ्पी-अनछपी: शेयर बाजार और रुपया दोनों धड़ाम, लॉस एंजेलिस की आग और फैलने का अलर्ट
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पिछले सात महीनों से शेयर बाजार लगातार गिर रहा है और रुपए की कीमत भी डॉलर के मुकाबले में रिकॉर्ड स्तर पर नीचे चली गई है। लॉस एंजेलिस में बीती 7 जनवरी से जारी बेकाबू आग दूसरे इलाकों में भी फैल सकती है। बांग्लादेश द्वारा भारत के हाई कमिश्नर को तलब किए जाने के बाद अब भारत ने बांग्लादेश के हाई कमिश्नर को तलब किया। महाकुंभ के पहले दिन डेढ़ करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई है। पटना में पूरी ट्रैफिक व्यवस्था महिलाओं को देने का फैसला किया गया है।
यह हैं आज के अखबारों की अहम खबरें।
हिन्दुस्तान के अनुसार शेयर बाजार में चौतरफा भारी बिकवाली का सिलसिला लगातार चौथे दिन भी जारी रहा। इन चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स में कुल 1,869 अंक यानी 2.39 की गिरावट आ चुकी है। इससे निवेशकों को कुल 24.69 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान उठाना पड़ा है। सेंसेक्स 1048.90 अंक अर्थात 1.36 प्रतिशत का गोता लगाकर सात महीने बाद 77 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे 76,330.01 अंक पर आ गया। इससे पहले यह 11 जून 2024 को 76,456.59 अंक पर रहा था। साथ ही निफ्टी 345.55 अंक यानी 1.47 प्रतिशत लुढ़ककर 23,085.95 अंक पर बंद हुआ। जागरण के अनुसार कुल 3562 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। 508 शेयर ऐसे थे जिसने अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर को छू लिया।
रुपये का बुरा हाल, 1$=₹86.70
अमेरिकी मुद्रा में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बीच रुपया सोमवार को डॉलर के मुकाबले दो साल में एक दिन की सबसे बड़ी 66 पैसे की गिरावट के साथ 86.70 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ।रुपया पहली बार 19 दिसंबर, 2024 को 85 प्रति डॉलर के पार गया था। विशेषज्ञ कहते हैं कि रुपये की गिरावट से जहां अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी होगी तो वहीं आम आदमी की जेब पर भी महंगाई का बोझ बढ़ेगा। भारत में पेट्रोल-डीजल से लेकर अन्य आयात किए जाने वाले सामान महंगे हो सकते हैं।
लॉस एंजेलिस की आग और फैलने का डर
अमेरिका के लॉस एंजिल्स में बीते सात जनवरी को लगी आग पर सोमवार को भी काबू नहीं पाया जा सका। आग और बेकाबू हो सकती है क्योंकि मौसम विभाग ने अगले दो दिन तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान जताया है। अलर्ट के बाद अग्निशमन कर्मी आग पर काबू पाने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इस प्रलयकारी आग से अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है और 16 लोग लापता हैं। राष्ट्रीय मौसम सेवा ने आग की स्थिति को लेकर उच्च श्रेणी की चेतावनी जारी की है। राष्ट्रीय मौसम सेवा ने मंगलवार-बुधवार को प्रभावित क्षेत्र में 80 किलोमीटर प्रतिघंटा और पर्वतीय क्षेत्रों में हवा की गति 113 किलोमीटर प्रति घंटे रहने की संभावना जताई है। मौसम विज्ञानी रिच थॉम्पसन ने कहा कि मंगलवार को आग के और प्रचंड होने की आशंका है।
बांग्लादेश के हाई कमिश्नर तलब
जागरण के अनुसार भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव गहराता जा रहा है। सोमवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश उच्चायुक्त के वरिष्ठ राजनयिक (उच्चायुक्त मोहम्मद नूरुल इस्लाम) को बुलाकर दोनों देशों की सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति के संदर्भ में अपनी नाराजगी का इजहार किया। एक दिन पहले यानी रविवार को ढाका में वहां के विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया था। भारत सीमा पर कंटीली तारबंदी कर रहा है तो बांग्लादेश सरकार इसका विरोध कर रही है।
डेढ़ करोड़ ने संगम पर लगाई डुबकी
प्रभात खबर के अनुसार सोमवार को पौष पूर्णिमा के शाही स्नान के साथ महाकुंभ शुरू हो गया। भोर में 12 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी श्रद्धालुओं ने महाकुंभ का स्नान करने का उत्साह रहा। पहले ही दिन 1.65 करोड़ के स्नान का रिकॉर्ड बना। मेला प्राधिकरण के अफसरों का दावा है कि सोमवार सुबह आठ बजे तक ही 40 लाख से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके थे। पौष पूर्णिमा पर इससे पूर्व इतनी संख्या कभी नहीं जुटी।
पटना की ट्रैफिक व्यवस्था महिलाओं के हाथ
प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार पटना की ट्रैफिक व्यवस्था का चेहरा अब बदला बदला दिखेगा। 26 जनवरी से पटना शहरी क्षेत्र में महिला पुलिस बल ही ट्रैफिक व्यवस्था की कमान संभाल लेगा। डाक बंगला चौराहा, कोतवाली और एग्जिबिशन रोड सहित पटना शहर के 54 महत्वपूर्ण पोस्ट पर ट्रैफिक व्यवस्था के संचालन व रेगुलेशन की पूरी जिम्मेदारी महिला पुलिस पदाधिकारी व कर्मियों पर होगी। सोमवार को एडीजी ट्रैफिक सुधांशु कुमार और ट्रैफिक एसपी पटना अपराजित लोहान ने बिहार पुलिस मुख्यालय सभागार में आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।
सुरंग से जुड़े श्रीनगर व सोनमर्ग
भास्कर के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को श्रीनगर- लेह हाईवे पर गगनगीर व सोनमर्ग के बीच 6.4 किलोमीटर लंबी जेड मोड़ सुरंग का उद्घाटन किया। पीएम ने जनसभा को भी संबोधित किया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की। इस सुरंग से श्रीनगर से लेह की कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी। अब 12 किलोमीटर की दूरी घटकर 6.4 किलोमीटर में सीमेंट गई है। इस दूरी को पूरा करने में केवल 7 मिनट लगेंगे।
122 करोड़ से हटेगा बालन नदी का गाद
हिन्दुस्तान के अनुसार प्रगति यात्रा पर समस्तीपुर पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को बलान नदी में गाद की उड़ाही कराने का निर्देश दिया। इस पर 122 करोड़ खर्च होंगे। इससे नदी का प्रवाह बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने समस्तीपुर जिले की 937 करोड़ से अधिक की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। यह भी घोषणा की कि समस्तीपुर शहर में गंडक पर मगरदही घाट के पास पुराने जर्जर पुल के स्थान पर आरसीसी पुल का निर्माण कराया जाएगा।
कुछ और सुर्खियां
- पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन सुप्रीम कोर्ट के जज बने, कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश होंगे जस्टिस आशुतोष
- भारत ने सऊदी अरब के साथ हज समझौते पर किया हस्ताक्षर, 175025 हज यात्रियों का कोटा मिला
- पटना एयरपोर्ट पर नए टर्मिनल भवन से फ्लाइट का ऑपरेशन अप्रैल से शुरू होगा
- दक्षिण अफ्रीका में बंद पड़ी सोने की खदान में महीनों तक फंसे रहने वाले अवैध 100 खनिकों की मौत
अनछपी: जब से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने हैं तब से उनकी सरकार पर जो आरोप लगते आए हैं उनमें से एक बड़ा आरोप यह है कि उन्होंने शिक्षा का बंटाधार कर दिया है। स्कूली शिक्षा में देखा जाए तो एनसीईआरटी की किताबों में जिस तरह कई चैप्टरों को हटाया गया है वह परेशानी की बात है। ताजा मामला यूजीसी द्वारा जारी भर्ती के नए मानकों का मसौदा है। अभी यह ड्राफ्ट की शक्ल में ही है और इस पर इस बात को लेकर खूब बहस हो रही है कि विश्वविद्यालयों की शिक्षा को नियंत्रित करने के लिए यूजीसी ने बहुत ही खतरनाक प्रस्ताव लाए हैं। सबको पता है कि शिक्षा राज्य का विषय है और इस समय राज्य के विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर की बहाली में राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच तनातनी रहती है। खासकर उन राज्यों में जहां की सरकार केंद्र सरकार की पार्टी से अलग की होती है। यूजीसी जो नया नियम ला रही है उससे वाइस चांसलर की बहाली में राज्यपाल का हस्तक्षेप और बढ़ेगा। दूसरी बात यह है कि यूजीसी अब उन लोगों को भी वाइस चांसलर बनाने का नियम बना रही है जो शैक्षणिक पृष्ठभूमि से नहीं आते हैं। कांग्रेस समेत दूसरी विपक्षी पार्टियों का कहना है कि यूजीसी के नए नियम दरअसल संघवाद और राज्यों के अधिकार पर सीधा हमला है। याद रखने की बात है कि कुछ समय पहले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार और राज्यपाल के बीच वाइस चांसलर की बहाली को लेकर इतना तनाव बढ़ा कि वहां की सरकार ने नियम बना डाला कि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति या चांसलर राज्यपाल ना होकर मुख्यमंत्री होंगे। ऐसा नियम बनाना कितना व्यावहारिक है और फिर यूजीसी से ग्रांट मिलने में इससे कितनी दिक्कत होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। बिहार में भी एक दो विश्वविद्यालय ऐसे हैं जहां के कुलपति मुख्यमंत्री होते हैं। दरअसल राज्यों की मजबूरी यह है कि अगर वह यूजीसी के नियम को नहीं मानते तो विश्वविद्यालय को ग्रांट नहीं मिलेगा और फिर वहां पढ़ाई लिखाई मुश्किल होगी। यह सही है कि विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति में राज्यपाल का दखल पहले से चला रहा है लेकिन केंद्र सरकार यूजीसी के कंधे पर रखकर जैसे नियम बना रही है वह बहुत ही खतरनाक हैं। इसका विरोध जरूरी है ताकि विश्वविद्यालयों में केंद्र का इकतरफ़ा अधिकार न बन जाए। शिक्षाविदों को भी इस बात का विरोध करना चाहिए कि आखिर विश्वविद्यालय में यूजीसी ग़ैर शैक्षणिक लोगों को कुलपति क्यों बनना चाहती है। माना यह जाता है कि दरअसल केंद्र सरकार अपने लोगों को कुलपति बनाकर शिक्षा पर पूरा नियंत्रण करने के लिए ऐसे नियम बनवा रही है।
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