छपी-अनछपीः ’चोरों के सरदार’ मंत्री का आखिरकार इस्तीफा, फुटबाॅल स्टेडियम में भगदड़ से 125 की मौत

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। भाजपा से अलग होकर बनी नीतीश कुमार सरकार में कार्तिक सिंह के इस्तीफे के बाद रविवार को एक और मंत्री सुधाकर सिंह ने इस्तीफा दे दिया। कार्तिक सिंह को अदालती वजह से इस्तीफा देना पड़ा था जबकि सुधाकर सिंह अपने विभाग के बारे में लगातार बयान देते रहने के बाद विदा हुए हैं। श्री सुधाकर ने अपने विभाग के अधिकारियों को भ्रष्ट बताते हुए व्यंग्य में खुद को चोरों का सरदार तक कह दिया था। उनके इस्तीफे की खबर हिन्दी अखबारों की सबसे बड़ी खबर है। इंडोनेशिया में फुटबाॅल मैच में मची भगदड़ में 125 लोगों की मौत भी प्रमुखता से छपी है।
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर हैः राजद कोटे से कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का इस्तीफा। भास्कर ने लिखा हैः मंडी कानून पर अड़ने वाले सुधाकर का इस्तीफा, जगदानंद बोले- हम नहीं चाहते लड़ाई आगे बढ़े। सुधाकर सिंह जगदानंद के पुत्र हैं और चर्चा यह है कि उन्होंने राजद के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। प्रभात खबरः सुधाकर सिंह का इस्तीफा स्वीकार, कुमार सर्वजीत बनाये गये कृषि मंत्री। सर्वजीत पहले पर्यटन मंत्री थे, अब यह विभाग तेजस्वी प्रसाद के प्रभार में होगा।
इंडोनेशिया में पूर्वी जावा के मालंग में स्थानीय टीम के हारने पर उसके समर्थकों के विरोध के बाद हुई भगदड़ में 125 लोगों के मरने वालों की खबर सभी जगह पहले पेज पर है। हिन्दुस्तान में इसकी हेडिंग हैः खौफनाकः फुटबाॅल के मैदान में खूनी खेल। इस घटना में 223 लोग घायल हैं। मैच देखने वालों की संख्या 42 हजार से अधिक थी। इसे फुटबाॅल स्टेडियम का दूसरा सबसे बड़ा हादसा बताया जा रहा है। टाइम्स आॅफ इंडिया के अनुसार 24 मई 1964 में पेरू की राजधानी लीमा में अर्जेंटीना के हाथों पेरू के हारने पर हुए दंगे में 300 से अधिक लोग मारे गये थे।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गांधी जयंती के अवसर पर बेतिया से अपनी पदयात्रा शुरू की है। इस बारे में हिन्दुस्तान की सुर्खी हैः बिहार में 30-35 वर्षों में कुछ नहीं बदलाः प्रशांत। टाइम्स आॅफ इंडिया ने लिखा हैः बिहार चुनाव जीतने के लिए ब्लू प्रिंट मेरे पास, विरोधी धूल चाटेंगेः पीके। इस बारे में भास्कर की सुर्खी हैः प्रशांत किशोर बोले- जन बल के आगे कोई भी समीकरण काम नहीं करता।
जय प्रकाश नारायण की जयंती पर 11 अक्टूबर को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह सिताब दियारा का दौरा करेंगे। यह जगह बिहार की सीमा पर है। इस बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब सवाल पूछ गया तो उन्होंने जो कहा उसकी सुर्खी हिन्दुस्तान में यह हैः किसी के कहीं आने और जाने पर रोक नहीं। इस बारे में जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि श्री शाह की जेपी के आंदोलन में क्या भागीदारी रही है।
जागरण में पहले पेज पर खबर हैः पहले चरण के निकाय चुनाव पर असमंजस। यह असमंजस नगर निकाय चुनाव में आरक्षण के मामले में पटना हाईकोर्ट में चल रहा मुकदमा है।
जागरण में ही झारखंड के बारे में यह महत्वपूर्ण खबर हैः झारखंड की निजी कंपिनयों में स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत का आरक्षण नियम लागू। इस खबर में बताया गया है कि स्थानीय उम्मीदवारों के लिए नौकरी में आरक्षण को लागू करने का आदेश श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने दिया है। विभाग ने संबंधित कंपनियों से इस बारे में एक महीने के अंदर जानकारी मांगी है।
भास्कर ने आरएसएस के बारे में यह खबर प्रमुखता से छापी हैः 100 साल में पहली बार संघ के नेतृत्व में महिलाएं। इसमें बताया गया है कि हाल में संघ प्रमुख मोहन भागवत से सवाल पूछने के बाद इस पर मंथन शुरू हुआ था। इसमें बताया गया है कि आरएसएस में जल्द ही सह कार्यवाह यानी सेक्रेटरी जनरल और सह सर कार्यवाह यानी सेक्रेटरी के पद की जिम्मेदारी महिला को दी जा सकती है।
अनछपीः आरएसएस अपनी छवि ठीक करने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है या करते हुए दिख रहा है। मुस्लिम बुद्धिजीवियों से संघ प्रमुख मोहन भागवत की मुलाकात को मुसलमान भले ही धोखा समझें लेकिन हिन्दू समुदाय में वे इससे यह संदेश देने में सफल नजर हैं कि संघ कैसे सबको लेकर चलना चाहता है। उनकी बात पर भरोसा करने वालों की संख्या कम नहीं है। अब वे आरएसएस पर लगने वाले उस इल्जाम का जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं कि इस संघटन में महिलाओं को स्थान नहीं दिया जाता। यह भी छवि ठीक करने के लिए की गयी कोशिश ही मानी जाएगी। लेकिन संघ के इन प्रयासों से यह समझने में आसानी होती है कि इसने कैसे 97 साल का सफर तय किया और आज शासन के हर क्षेत्र में इसकी विचारधारा का वर्चस्व है।

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