हमें 110% मेहनत करनी होगी: डॉक्टर ज़हीर

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना।

“अगर आपका प्रदर्शन 110% होगा तो आपको कोई रोक नहीं सकता। बेहतर होने के लिए लगातार बेहतर बनना होता है।”

ये बातें शनिवार को पटना के हज भवन में आयोजित एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम डॉक्टर्स की ओर से आयोजित एक संगोष्ठी में मुख्य अतिथि अंजुमन ए इस्लाम, मुंबई के अध्यक्ष डॉक्टर ज़हीर इसहाक क़ाज़ी ने कहीं। संगोष्ठी का विषय मुस्लिम के हालात और हमारी जिम्मेदारी था।

उन्होंने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से एक साल पहले अंजुमन ए इस्लाम कायम हुआ था, 3 टीचर और 120 स्टूडेंट्स के साथ। जस्टिस बदरूद्दीन तैयबजी ने कुछ लोगों के साथ इस इदारे को कायम किया।

डॉक्टर ज़हीर ने कहा कि हमें कुछ हटकर काम करना होगा, तभी हमारी पहचान बनेगी। पहली बार 1901 में हमने मिड डे मील शुरू किया था। उस दौर में टाइप राइटर का जोर था। हमने उस दौर में उसके लिए इंस्टीट्यूट कायम किया।
उन्होंने कहा कि अगर हम क्वालिटी एजुकेशन देंगे तो हमारी पहचान होगी। उन्होंने समावेशी संस्था चलाने की बात की। उन्होंने बताया कि उर्दू मीडियम स्कूल के लिए हमने यहूदी, पारसी और ब्राह्मण की सेवा ली। उर्दू मीडियम स्कूल किसी से कम नहीं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारी जो संस्थाएं बनें वे आदर्श बनें, मानक बनें। उन्होंने बताया कि जो तत्कालीन अमरीकी उपराष्ट्रपति जो बाइडन की पत्नी जब अंजुमन के उर्दू मीडियम गर्ल्स स्कूल गईं तो वापस जाकर लिखा कि मैंने वहां ढेर सारी मलाला देखी । उन्होंने कहा कि तालीम के मैदान में सभी दरवाज़े और खिड़कियों को खोलकर रखना होगा। इसमें कोई शक नहीं कि भेदभाव है, यह रहेगा मगर हमें इसमें ही आगे बढ़ना होगा।

विशिष्ट अतिथि बिहार के मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार जो स्कीमें चला रही हैं उसे हर आदमी तक पहुंचाना हम सबकी ज़िम्मेदारी है।

इससे पहले किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के डॉक्टर प्रोफेसर कौसर उस्मान ने कहा कि अगर हम जानने वाले नहीं बनेंगे तो हमारी तरक़्क़ी नहीं होगी, और यह बात क़ुरान में भी कही गयी है। बदलाव आ रहा है, चीजें ठीक हो रही हैं। यह अच्छी निशानी है। लखनऊ शहर में जो चार अच्छे स्कूल और अस्पताल ईसाई समुदाय के हैं, इसलिए उनकी इज़्ज़त है। अगर हम भी देने वाले बनें तो हमें भी इज़्ज़त मिलेगी। इसके लिए हमें इमेज बिल्डिंग का भी काम करना होगा।

मेहमानों का स्वागत करते हुए डॉक्टर अहमद अब्दुल हई ने एसोसिशन ऑफ मुस्लिम डॉक्टर्स का परिचय कराया।
उन्होंने कहा कि हम एक देने वाली क़ौम बनें। एएमडी उसी के लिए कोशिश कर रहा है।
एएमडी के डॉक्टर जमील ने सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया जबकि मंच संचालन बिहार राबिता कमेटी के अफ़ज़ल हुसैन ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी शामिल थे।

 

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