एनएमसीएच: सरकार कब तक करेगी झूठे प्रचार-प्रसार?

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट पटना

तस्वीर में आप जिस महिला को देख रहे हैं, वो बिहार की डिप्टी चीफ मिनिस्टर रेणु देवी की है। और आप चीख़ती-चिल्लाती हुई जिस महिला का वीडियो देख रहे हैं, वो, महिला के मुताबिक़, रेणु देवी की रिश्तेदार हैं।
और जिस जगह महिला चीख- चिल्ला रही हैं, वह पटना का एनएमसीचए है। जैसा कि आप जानते हैं, एनएमसीएच डेडिकेटेड कोरोना अस्पताल है।

महिला का दर्द यह है कि इस अस्पताल में उसके एक सगे-संबंधी की मौत हो गई लेकिन उसकी लाश को उठाने वाला कोई नहीं है।

महिला का दर्द सुनने के लिए वहां पर जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव मौजूद हैं। अपनी सक्रियताओं के बावजूद वो भी अस्पताल की कुव्यवस्था को दूर करने में नाकाम हैं।

अब आप इसी एनएमसीएच में तोड़-फोड़ की इन तस्वीरों को देखिए। 27 अप्रील की रात को अटेंडेंट्स ने अपने मरीजों के अस्पताल में एडमिशन और आॅक्सीजन के लिए हंगामा किया। दरवाजे, फनीचर्स और उपकरण तोड़ डाले।

हम ऐसी तोड़-फोड़ का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन सरकार से ये भी कहना चाहेंगे कि वो झूठे दावे न करे। फ़र्ज़ी प्रचार-प्रसार करके वह न तो मरीजों की जान को जोखिम में डाले और न ही डाॅक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के मान-सम्मान को ख़तरे में डाले।

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