छपी-अनछपीः ड्रग इंस्पेक्टर के घर 4 करोड़, गुजरात में इंसाफ के लिए लड़ने वाले गिरफ्तार

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। बिहार की सबसे बड़ी दवा मंडी- गोविंद मित्रा रोड समेत- के इलाके के ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के चार ठिकानों पर शनिवार को निगरानी ब्यूरो की टीम ने छापेमारी की तो इतने रुपये मिले कि उन्हें गिनने वाली मशीनों को बारह घंटे लग गये। कुल 4 करोड़ रुपये नकद मिले। इसके अलावा और भी बहुत कुछ। रविवार के सभी हिन्दी अखबारों की पहली खबर यही है।
इसके अलावा गुजरात दंगों में एसाआईटी की ओर से तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को दी गयी क्लीन चिट पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगने के बाद पीड़ितोें के लिए लड़ने वाले दो प्रमुख नाम- तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व डीजपी आरबी श्रीकुमार को गिरफ्तार करने की खबर भी प्रमुखता से छपी है। महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान की खबर आज पीछे चली गयी है।
भास्कर की लीड है- भ्रष्ट कमाईः 12 घंटे तक गिनते-गिनते हांफ गयीं मशीनें, 4 करोड़ कैश मिला। प्रभात खबर ने सुर्खी लगायी हैः ड्रग इंस्पेक्टर ने अपने एक ही घर में बोरे, दीवान और कार्टन में छिपा रखे थे तीन करोड़ से अधिक रुपये।
उधर, मधेपुरा के व्यवसायी से ढाई किलो सोना लूटने की खबर जागरण ने पहले पेज पर छापी है।
टाइम्स आॅफ इंडिया की लीड हैः गुजरात ’एटीएस’ ने तीस्ता सीतलवाड़ को दंगों के बारे में सबूत गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी गुजरात के एंटी टेररिज्म स्काॅवड ने अहमदाबाद में दर्ज उस एफआईआर के आधार पर किया है जिसमें मुंबई निवासी तीस्ता सीतलवाड़ के अलावा दो आईपीएस अफसर आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट भी आरोपित किये गये हैं। इन पर आरोप लगाया है कि 2002 के गुजरात दंगों के लिए निर्दोष लोगों का फंसाने के वास्ते इन्होंने साजिश की और फर्जी सबूत बनाये।
इस मामले में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का इंटरव्यू सभी जगह छपा है जिसमें उन्होंने कह है ’मोदी और देश से माफी मांगें झूठे आरोप लगाने वाले।’ उल्लेखनीय है कि श्री शाह खुद गुजरात दंगों के मामले में जेल जा चुके थे लेकिन बाद में उन्हें बरी कर दिया गया।
पटना से स्पाइस जेट के विमान में शनिवार को आयी तकनीकी खराबी के कारण उसे उड़ान से ठीक पहले रनवे से पार्किंग में लौटना पड़ा। कुछ ही दिन पहले इी कंपनी के विमान के बायें भाग में उड़ान के तुरंत बाद आग लग गयी थी जिसके बाद उसे ग्राउंड किया गया था।
बिहार में उच्च शिक्षा पर बयानबाजी के बाद अब यह खबर आयी है कि इस साल दिसंबर तक 4638 असिस्टेंट प्रोफसरों की बहाली होगी। प्रभात खबर ने यह खबर प्रमुखता से छापी है।
अनछपीः प्रभात खबर में एक खबर की सुर्खी पढ़िएः पत्न को मैसेज भेजा, फिर मोबाइल का वीडियो रिकाॅर्डिंग आॅन कर फंदे से झूल गया।
यह घटना गर्दनीबाग की है। पचास साल की उम्र के जिस आदमी ने फांसी लगायी वह फुलवारीशरीफ अस्पताल में क्लर्क था। पांच साल से पत्नी से झगड़ा चल रहा था। इस खबर में बच्चों की चर्चा नहीं है। यह बताया गया है कि गर्दनीबाग महिला थाना उनकी काउंसलिंग कर रहा था। इस खबर के साथ यह जानने की जरूरत थी कि महिला थाने ने कैसी काउंसलिंग की कि इसके बावजूद एक आदमी जान देने पर मजबूर हो गया। शादी-विवाह को बचाने की कोशिश वैसे तो अच्छी बात है लेकिन समाज को यह भी तय करना चाहिए कि शादी और जिंदगी बचाने में कोई एक ही संभव हो तो क्या बचाना चाहिए। शादी में दरार आने पर तलाक एक ऐसा उपाय है जो जिंदगी बचाने की दवा है लेकिन सरकार और अदालत इस पर शायद अभी उतनी गंभीरता से नहीं सोच रही है।

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