छ्पी-अनछपी: बांग्लादेश में आज शपथ लेगी अंतरिम सरकार, सिपाही भर्ती परीक्षा में कई सेटर पकड़ाए

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बांग्लादेश में आज मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार शपथ लेगी। बिहार में सिपाही परीक्षा के दौरान कई सेटर पकड़े गए हैं। ओलंपिक में मेडल की उम्मीद कर रही विनेश फोगाट 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण अयोग्य घोषित कर दी गई हैं। बिहार सरकार ने नगर निकायों के अधिकारों में की गई कटौती वापस ली है। पूर्व सांसद मरहूम शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मुलाकात की है।

जागरण के अनुसार बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार प्राप्त मोहम्मद यूनुस को नेतृत्व में अंतरिम सरकार गुरुवार को कामकाज संभालेगी। यह जानकारी सेना प्रमुख जनरल वक़ार-उज़-ज़मां ने दी। उन्होंने बताया कि सरकार में शामिल लोग गुरुवार को रात 8:00 बजे शपथ लेंगे। जनरल ज़मां ने बताया कि अंतरिम सरकार की सलाहकार परिषद में 15 सदस्य होंगे और उसके मुखिया मोहम्मद यूनुस होंगे। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार रात यूनुस अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया है। राष्ट्रपति ने यह नियुक्ति शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ने के बाद की है। बांग्लादेश के लिए रवाना होने से पहले पेरिस हवाई अड्डे पर मोहम्मद यूनुस ने कहा कि सरकार के प्रमुख के तौर पर उनकी प्राथमिकता देश में सामान्य स्थिति बहाल करने की होगी।

सिपाही भर्ती परीक्षा में कई सेटर गिरफ्तार

प्रभात खबर के अनुसार सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान बुधवार को कुछ शातिरों ने परीक्षा में सेंध लगाने की पूरी कोशिश की। खगड़िया और भागलपुर में जहां उम्मीदवारों को नकली प्रश्न पत्र रटवा रहे 17 जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं जमुई में पांच, छपरा व औरंगाबाद में तीन-तीन और दरभंगा, कैमूर व डुमरांव में दो-दो लोगों को गिरफ्तारी हुई है। भास्कर के अनुसार परीक्षा से पहले मंगलवार की रात को क्रिया के प्रवक्ता बाजार स्थित एक मैरिज हॉल में पुलिस ने छापेमारी कर सात परीक्षा माफिया और 71  उम्मीदवारों को गिरफ्तार किया। माफिया ने इन उम्मीदवारों से 15 दिन पहले से सेटिंग कर रखी थी। हर एक से 50 से 70 हज़ार में सौदा तय हुआ था। बांका में गिरफ्तारी के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि उम्मीदवारों से सात-आठ लाख रुपए में पेपर की डील हुई थी। इसमें से सभी से एक-दो लाख रुपये ले लिए गए थे।

विनेश फोगाट 100 ग्राम से अयोग्य घोषित

हिन्दुस्तान की पहली सुर्ख़ी है: दुर्भाग्य: विनेश को बढ़े वजन ने दी मात। जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: करोड़ों उम्मीद पर भारी 100 ग्राम। प्रभात खबर की पहली खबर है: 140 करोड़ भारतीयों का गोल्ड ड्रीम टूटा। पेरिस ओलंपिक में बुधवार को जब देश विनेश फोगाट से स्वर्णिम सफलता की दुआ कर रहा था, तभी ऐसी खबर आई, जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया। पदक पक्का कर चुकीं विनेश का वजन 50 किलोग्राम वर्ग में महज 100 ग्राम अधिक पाया गया। इसके बाद उन्हें फाइनल खेलने के लिए अयोग्य करार दे दिया गया। इस दुर्भाग्यपूर्ण फैसले ने एक झटके में विनेश के पहले ओलंपिक पदक का सपना चकनाचूर कर दिया। भारतीय कुश्ती महासंघ ने फैसले पर पुनर्विचार के लिए यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के समक्ष अपील दायर की। विनेश का यह तीसरा और आखिरी ओलंपिक है।

हेना शहाब की लालू-तेजस्वी से मुलाकात

जागरण के अनुसार राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब बुधवार को पटना में थीं। पटना में प्रवास के दौरान उन्होंने राजद प्रमुख लालू प्रसाद और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात भी की। लालू प्रसाद ने हेना शहाब से उनका हाल-चाल जाना और उनकी राजनीति के आगे की योजना के बारे में जानकारी ली। राजद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हेना से लालू और तेजस्वी की यह मुलाकात राजद विधान पार्षद विनोद जायसवाल के आवास पर हुई। मुलाकात के दौरान लालू प्रसाद और तेजस्वी ने हेना शहाब से विधानसभा चुनाव को लेकर भी लंबी बातचीत की।

चीफ जस्टिस ने कहा- कूलिंग पीरियड ज़रूरी

भास्कर ने चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ का इंटरव्यू छपा है जिसमें उन्होंने कहा है कि रिटायर होने वाले जजों के लिए एक कूलिंग पीरियड तो होना ही चाहिए। हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज का रिटायर होने के बाद किसी राजनीतिक पद लेने के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत मामला है। उन्होंने कहा, “मेरी अपनी राय पूछें तो मैं समझता हूं कि न्यायाधीश बनकर जब आप रिटायर हो जाते हैं तो थोड़ा समय आपको देना चाहिए। राजनीति में जाते हैं तब भी पर्याप्त समय देना चाहिए। पॉलिटिक्स ज्वाइन करनी चाहिए या नहीं, यह अलग मामला है। यह बहस का मुद्दा है लेकिन अगर राजनीति में जाना है तो कूलिंग ऑफ पीरियड जरूरी है।” उन्होंने कहा कि मान लीजिए कि आज जज साहब कोर्ट में थे, कल रिटायर होकर उन्होंने राजनीतिक पार्टी ज्वाइन कर ली। “एक आम आदमी क्या सोचेगा?”

हमास की कमान सिनवार के पास

हमास के राजनीति प्रमुख इस्माइल हनिया की ईरान में हत्या के बाद बुधवार को हमास ने अपना नया नेता चुन लिया। संगठन की कमान अब याहया सिनवार के हाथ में होगी। हनिया की मौत के बाद वो अब हमास के सबसे शक्तिशाली नेता हैं। इसराइल ने याहया सिनवार को मारने को अपना लक्ष्य बना रखा है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अब उनके पास ये सुनिश्चित करने की शक्ति है कि वो संघर्ष विराम समझौता चाहते हैं या नहीं।

कुछ और सुर्खियां

  • बिहार में दो समेत राज्यसभा की 12 सीटों के लिए चुनाव 3 सितंबर को
  • बिहार में शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए शिक्षा विभाग देगा सिर्फ ऑनलाइन आवेदन
  • अब केमिस्ट्री के साथ बीएससी डिग्री धारी भी बन सकेंगे फूड सेफ्टी ऑफिसर
  • बिहार सरकार ने मेयरों को वापस दी पर्यवेक्षण की शक्ति, तय करेंगे कचरा प्रबंधन दर
  • झारखंड में ईडी व सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों के मामले अब कैबिनेट विभाग देखेगा

अनछपी: सीबीआई बिहार में डाक विभाग में हुई बहाली के बारे में एक दिलचस्प जांच कर रही है कि कैसे लगभग 15 हज़ार आवेदकों में से 221 को 100% नंबर आए। पिछले साल डाक विभाग में 2300 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। देश के मान्यता प्राप्त बोर्ड से जारी मैट्रिक में मार्कशीट के आधार पर सेलेक्शन होना था। इन पदों के लिए जो आवेदन आए उनमें 3822 को 98 से 99% तक मिले थे। वहीं 90 से 97% अंक लाने वालों की संख्या लगभग 12 हज़ार है। सीबीआई अब यह जांच कर रही है कि क्या वाकई इतने लोगों को इतने नंबर आए हैं या उन्होंने जाली सर्टिफिकेट बनकर डाक विभाग को धोखा दिया है। यहां सवाल यह उठता है कि डाक विभाग अब तक अंकों के आधार पर नियुक्ति क्यों कर रहा है जबकि बाकी सारी नौकरियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं होती हैं? उम्मीद की जानी चाहिए कि सीबीआई अपनी जांच मुकम्मल करेगी और जो लोग धोखाधड़ी से डाक विभाग में नौकरी पा चुके हैं उन्हें निकाले जाने की व्यवस्था की जाएगी। लेकिन इसके साथ यह भी तय होना चाहिए की डाक विभाग में नियुक्ति प्रतियोगी परीक्षाओं के आधार पर हो न कि अंक पत्रों के आधार पर। अगर ऐसा नहीं होता है तो जाली सर्टिफिकेट का सिलसिला जारी रहेगा और सीबीआई की जांच के बाद भी उसमें धांधली की शिकायत मिलती रहेगी। सीबीआई की जांच में जो दोषी पकड़े जाते हैं उन्हें कठोर सजा दिया जाना जरूरी है ताकि ऐसी धांधली पर कुछ हद तक अंकुश लगे। ऐसा नहीं है कि जिन भर्तियों के लिए परीक्षाएं होती हैं उनमें धांधली नहीं होती लेकिन मार्कशीट के मामले में ऐसा आसानी से हो सकता है। सिपाही भर्ती परीक्षा एक बार पेपर लीक होने के वजह से रद्द हुई और अब जब दोबारा परीक्षा हुई है तो इसमें कई जगह से सेटिंग की खबर सामने आई है। सेटिंग यानी परीक्षा में धांधली के उपाय। हालांकि इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन अभी यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता की परीक्षा में धांधली नहीं हुई हो। परीक्षा में धांधली का मतलब केवल पेपर लीक नहीं होता बल्कि इम्तिहान के बाद भी ओएमआर शीट भरना इसका एक प्रमुख हिस्सा है। नौकरियों की परीक्षाओं में ऐसी धांधली को रोकना सरकार के लिए कब तक चुनौती बनी रहेगी, कहना मुश्किल है।

 

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