BUS STOPPAGE: बिहार सरकार फिर करोड़ों रुपये फूंकने को तैयार

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट
पटना, 22 दिसंबर: सरकार नये बस स्टाॅपेज बनाने जा रही है। लेकिन लाखों रुपये की लागत से जो बस स्टाॅपेज पहले से बने हुए हैं, आजकी तारीख़ में उनका हाल देखने लायक़ है। सबसे पहली बात तो यह कि बसें उन स्टाॅपेज पर रुकती ही नहीं हैं। दूसरे, ये स्टाॅपेज इस लायक़ नहीं कि इनपर रुका जाए। बिहार लोक संवाद डाॅट नेट की टीम ने जब देखा तो पाया कि कई बस स्टाॅपेज ख़स्ताहाली का शिकार हो चुके हैं। कुछ स्टाॅपेज बाबा का ढाबा बन चुके हैं तो कुछ बच्चों के खेलने और पुराने टायर सजाने के अड्डे बन गए हैं। कुछ के सामने तो खड़ा रहने के लायक़ भी जगह नहीं है। वहां कारों ने अपना डेरा जमा रखा है। ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि पूरे बिहार में नये बस स्टाॅपेज खुल कर क्या होगा? यह अलग बात है कि सरकार दरभंगा, मुजफ़्फ़रपुर, पूर्वी चम्पारण, मधुबनी, गया, समस्तीपुर, पश्चिमी चंपारण, सारण, सीवान, वैशाली, नालंदा, रोहतास, गोपालगंज, भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार, बेगूसराय, भोजपुर, अररिया, शेख़पुरा, जहानाबाद, लखीसराय, कैमूर, सहरसा, जमूई, मुंगेर और किशनगंज में तीन से लेकर चैबीस की संख्या में बस स्टाॅपेज का निर्माण कराने जा रही है। बस स्टाॅपेज पर सीमेंटेड कुर्सी के साथ-साथ शेड भी होगा।

जहां तक राजधानी पटना की बात है तो गांधी मैदान से दीघा, बेली रोड होते हुए सगुना मोड़, सगुना मोड़ से लेकर दानापुर स्टेशन, पटना जंक्शन से फुलवारी शरीफ़ होते हुए एम्स, अनीसाबाद होते हुए बैरिया अंतरराज्यीय बस अड्डा, पटना सिटी सहित अन्य रूटों पर लगभग 150 की संख्या में बस स्टाॅपेज का निर्माण कराया जाएगा।

ज्यादा जानकारी के लिए देखिये ये वीडियो।

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