छपी-अनछपी: मणिपुर में बिहार के स्टूडेंट्स फंसे, पहलवानों के साथ राकेश टिकैत

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। मणिपुर में हिंसा की खबरों के बीच छात्रों की समस्याओं ने भी ध्यान खींचा है। बिहार के लगभग 300 छात्र वहां फंसे हुए हैं जिसकी खबर प्रमुखता से छपी है। भाजपा सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के आंदोलन को किसान नेता राकेश सिंह टिकैत का समर्थन मिला है इसकी खबर अंदर के पन्ने पर है। अगले कुछ दिनों में बिहार में गर्मी बढ़ने वाली है जिसकी खबर पहले पेज पर दी गई है।

जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: मणिपुर में फंसे बिहार के लगभग 300 छात्र, भोजन पानी की भी दिक्कत। भास्कर ने लिखा है: दहशत के बीच मणिपुर एनआईटी में फंसे 150 छात्र, बिहार सरकार बोली- जो लौटना चाहें उन्हें इंफाल एयरपोर्ट तक सुरक्षित पहुंचाय जाएगा।  जागरण लिखता है कि मणिपुर में जातीय हिंसा की आग के बीच एनआईटी के हॉस्टल में फंसे करीब 70 बिहारी छात्र भोजन को तरस रहे हैं। वही ट्रिपल आईटी और एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के फूड टेक्नोलॉजी फैकल्टी में 200 से अधिक बिहारी छात्र फंसे हैं। इस तरह राज्य के विभिन्न जिलों के लगभग 300 छात्र मणिपुर फंसे हुए हैं। इन छात्रों का कहना है कि जैसे तेलंगाना, उड़ीसा और असम समेत अन्य राज्यों की सरकारों ने अपने यहां के छात्रों की सकुशल वापसी कराई है वैसे ही बिहार सरकार उन्हें लौटाने का प्रबंध करें। भास्कर के अनुसार मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा है कि मणिपुर में बिहार के छात्र सेना की सुरक्षा में है। अगर कोई छात्र बिहार लौटना चाहता है तो उसे सेना की सुरक्षा में इंफाल एयरपोर्ट पहुंचाया जाएगा। फिर वे अपने खर्च पर हवाई जहाज से घर लौट सकते हैं।

मणिपुर में 23 हज़ार लोगों ने शरण ली

जागरण की खबर है: मणिपुर में 23 हज़ार लोगों ने सैन्य छावनी में शरण ली। मणिपुर में हिंसा रोकने के लिए बुलाई गई सेना और असम राइफल्स ने अब तक लगभग 23 हज़ार नागरिकों को बचाया है और उन्हें सैनिक छावनी में भेजा गया है। रविवार को सेना ने एक बयान में कहा कि बचाव अभियान शुरू होने के बाद से हिंसा की बड़ी घटना नहीं हुई है। कर्फ्यू में ढील दी गई है।

78 हज़ार स्कूलों का बनेगा मास्टर प्लान

हिन्दुस्तान की खास खबर है: राज्य के 78000 स्कूलों का मास्टर प्लान बनेगा। शिक्षा विभाग इसकी कार्ययोजना बना रहा है। इसके तहत सभी विद्यालयों में उपलब्ध आधारभूत सुविधाओं और आवश्यकताओं का अध्ययन किया जाएगा। इस अध्ययन के आधार पर आगामी वर्षों में जरूरी आधारभूत संरचना उपलब्ध करायी जाएगी। उधर, शिक्षकों की कमी से जूझ रहे विद्यालयों को शीघ्र शिक्षक भी मिलेंगे। शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है।

मौसम का हाल

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: बिहार के 17 शहरों में 40 डिग्री के करीब तापमान, 14 मई से और बढ़ेगा पारा। बिहार के कई हिस्सों में 10 दिनों की बारिश का असर मई के पहले हफ्ते तक रहा। इसी वजह से बिहार के ज्यादातर हिस्सों में तापमान सामान्य के करीब या फिर कम रिकॉर्ड किया गया है। रविवार को बिहार के 28 जिलों में दिन का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया लेकिन बक्सर औरंगाबाद खगड़िया सहित 17 शहरों में तापमान 40 डिग्री के करीब रहा। मौसम विभाग के अनुसार अगले 5 दिनों तक तापमान स्थिर रहने के बाद 14 मई से बिहार के सभी हिस्सों में पारा चढ़ेगा।

पहलवानों के समर्थन में

जागरण और दूसरे अखबारों में खबर है कि किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर भाजपा सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह 15 दिन में गिरफ्तार नहीं हुए तो बड़ा आंदोलन होगा। धरना दे रहे पहलवानों के समर्थन में रविवार को किसान नेता राकेश टिकैत जंतर-मंतर पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार 21 मई तक बृजभूषण को गिरफ्तार करे वरना बड़ा आंदोलन किया जाएगा। किसी दिन बैठक की जाएगी और रणनीति बनाई जाएगी। राकेश टिकैत ने कहा कि देश बेटियों के साथ खड़ा है। किसान संगठन और खाप पंचायतों का बेटियों को पूरा समर्थन है।

यूपी में पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई

हिन्दुस्तान की खबर है कि यूपी एटीएस ने शनिवार को गाजियाबाद समेत प्रदेश के 20 जिलों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों पर छापे मारे। इस दौरान एटीएस ने पीएफआई के फरार दो सदस्यों को वाराणसी से गिरफ्तार किया। वहीं, 70 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। एटीएस द्वारा गिरफ्तार रईस अहमद और परवेज अहमद पीएफआई की विचारधारा फैलाने और उसकी संदिग्ध गतिविधियों को लगातार चलाने में लिप्त थे। एटीएस ने दोनों अभियुक्तों को जेल भेज दिया है। जल्द ही उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून- व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि शनिवार को प्रदेश भर में पीएफआई के खिलाफ ऑपरेशन चलाया गया।

कुछ और सुर्खियां

  • नीतीश ने उद्धव से की बात, 11 को मिलने जा सकते हैं मुंबई, शरद पवार से भी होगी भेंट
  • मणिपुर के मेइती समुदाय को एसटी दर्जे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
  • मणिपुर जल रहा, कर्नाटक में रोड शो कर रहे पीएम: ललन सिंह
  • अमेरिका: टेक्सस के मॉल में गोलीबारी 9 लोगों की मौत
  • ईडी का दावा- छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ का आबकारी घोटाला
  • बेउर जेल में छापेमारी के दौरान मची भगदड़, सीढ़ी से गिरकर हुई एक की मौत, 7 मोबाइल ज़ब्त

अनछपी: मणिपुर हिंसा की दूसरी चिंताएं भी अब सामने आने लगी हैं जिनमें वहां फंसे दूसरे राज्यों के छात्रों की समस्या भी गंभीर है। मणिपुर में कानून व्यवस्था फिलहाल सेना और असम राइफल्स के हाथों में है और ऐसे में वहां बाहर निकलना अब भी खतरे से खाली नहीं है। उम्मीद की जानी चाहिए थी कि दूसरे राज्यों के जो छात्र वहां हैं उन्हें सुरक्षित रखने या वहां से सुरक्षित निकालने में केंद्र मदद करे लेकिन फिलहाल केंद्र का इस ओर कोई ध्यान नजर नहीं आता। जब बिहारी छात्रों की बात हुई तो मालूम हुआ कि दूसरे राज्य भी अपने छात्रों को वहां से निकालने में लगे हुए हैं। बिहार सरकार का यह कहना है कि सेना छात्रों को इंफाल एयरपोर्ट तक सुरक्षित पहुंचाएगी लेकिन वहां से उन्हें खुद टिकट कर वापस आना होगा। संकट की इस परिस्थिति में बेहतर तो यह होता कि केंद्र सरकार ऐसे छात्रों को घर तक पहुंचाने की सारी व्यवस्था की जिम्मेदारी खुद लेती लेकिन उसकी ओर से ऐसी पहल न करने पर यह जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। बिहार सरकार को इंफाल से पटना तक छात्रों को लाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस समय उन पर हवाई यात्रा का बोझ नहीं डालना चाहिए। ध्यान रहे कि ऐसे छात्र वहां से अपनी मर्जी से वापस नहीं आ रहे हैं और जरूरी नहीं कि हर छात्र हवाई यात्रा का किराया देने में सक्षम हो। उम्मीद की जानी चाहिए कि मणिपुर हिंसा से निकलकर सामान्य स्थिति में जल्दी आ जाएगा और छात्रों को होने वाली समस्याओं से उन्हें निजात मिलेगी। कुल मिलाकर मणिपुर की तथाकथित डबल इंजन की सरकार ने कई लोगों को निराश किया है और केंद्र ने तो अपनी जिम्मेदारी बिल्कुल नहीं निभाई। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर कर्नाटक के चुनाव के कारण मणिपुर की उपेक्षा का आरोप लगना स्वाभाविक है।

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