विद्यार्थियों के काम आ रही है 5-5 रुपये से शुरू हुई ये लाइब्रेरी
बिहार लोक संवाद डाॅट नेट पटना
पटना की न्यू अज़ीमाबाद काॅलोनी में स्थानीय लोगों ने मिलकर एक छोटी-सी लाइब्रेरी क़ायम की है। लाइब्रेरी की शुरूआत 2001 में पांच-पांच रुपये की मेम्बरशिप से हुई थी। आज इसके लगभग 100 मेम्बर हैं। मेम्बरों को लोइब्रेरी में पढ़ने के साथ-साथ किताबें अपने घर पर ले जाने की सुविधा हासिल है। यहां सुबह के हिस्से में लड़कियों और शाम के हिस्से में लड़कों के पढ़ने की व्यवस्था है।लाइब्रेरी का संचालन ज्वायंट ट्रस्ट फ़ाॅर माइनाॅरिटीज़ के तहत किया जाता है। ट्रस्ट के अध्यक्ष आसिफ इक़बाल ने बताया कि लाइबे्ररी क़ायम करने का मक़सद स्थानीय लोगों को नई-किताबों से रूबरू कराना है। लाइब्रेरी के संस्थापक सदस्य आबिद हुसैन कहते हैं कि यहां कुछ ऐसी किताबें हैं जो पूरे पटना में उपलब्ध नहीं हैं।लाइब्रेरी की रीडर मसीरा अर्श, आतिफ़ा ज़रीन, तलत परवीन और मो. इरफ़ान ने कहा कि उन्हें इस लाइबे्ररी से कम्पटीशन की तैयारी करने में काफी मदद मिल रही है। पटना में ही स्थित अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त खुदाबख़्श लाइबे्ररी की शुरूआत भी बहुत ही छोटी-छोटी कोशिशों से हुई थी। अब देखना है, मौलाना आज़ाद लाइबे्ररी भविष्य में शोहरत की किन बुलंदियों को छूती है।
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