छ्पी-अनछ्पी: आलोक मेहता बिहार के शिक्षा मंत्री, हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। अक्सर चर्चा में रहने वाले मंत्री चंद्रशेखर को शिक्षा विभाग से हटा दिया गया है और उनकी जगह आलोक मेहता शिक्षा मंत्री बनाए गए हैं। सभी अखबारों ने इसे प्रमुखता दी है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके आवास पर ईडी की पूछताछ को भी अच्छी कवरेज मिली है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी खबरों की आज भी सभी अखबारों में भरमार है। हिन्दुस्तान और जागरण ने इस पर विशेष अंक छापे हैं।

भास्कर की पहली बड़ी सुर्खी है: रामचरितमानस व पाठक से विवाद के बाद चंद्रशेखर से शिक्षा विभाग छिना। जागरण ने लिखा है: चंद्रशेखर का विभाग बदला, आलोक होंगे नए शिक्षा मंत्री। प्रभात खबर की सबसे बड़ी सुर्खी है: आलोक मेहता राज्य के नए शिक्षा मंत्री, चंद्रशेखर को मिला गन्ना उद्योग विभाग। हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार सरकार ने शनिवार की देर रात राज्य मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल किया है। दो कैबिनेट मंत्रियों के विभाग बदल दिये गये, जबकि एक मंत्री को अतिरिक्त विभाग का प्रभार दिया गया। रामचरित मानस पर टिप्पणियों को लेकर विवादों में रहने वाले डॉ चंद्रशेखर की शिक्षा मंत्री पद से छुट्टी कर दी गई है। नीतीश सरकार में अबतक भूमि एवं राजस्व विभाग संभाल रहे आलोक कुमार मेहता राज्य के नए शिक्षा मंत्री बनाए गए हैं। चंद्रशेखर को गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सलाह पर बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने इस पर सहमति दे दी। इसके बाद मंत्रिमंडल विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।

हेमंत सोरेन से पूछताछ

भास्कर की सुर्खी है: पहली बार…सीएम हाउस में मुख्यमंत्री से 7 घंटे पूछताछ। ईडी ने शनिवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 7 घंटे पूछताछ की। सीएम हाउस में ही उनसे जमीन घोटाले, अवैध खनन और उनकी संपत्ति आदि से जुड़े सवाल पूछे गए। पिछले कुछ महीनों में इस मामले से जुड़े अन्य लोगों से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर सोरेन से सवाल किए गए। पहली बार किसी सीएम के घर पर ईडी ने पूछताछ की है। रात 8:30 बजे ईडी की टीम वापस लौट गई। पूछताछ के बाद सोरेन ने कहा कि कार्यकर्ताओं पर आंच नहीं आने देंगे। षड्यंत्रकारियों के ताबूत में अंतिम कील ठोकेंगे। उन्होंने कहा, “मेरे खिलाफ जाल बिछाया गया है। जो सवाल होगा जवाब दिया जाएगा। अगर गोली चली तो पहले नेता गोली खाएगा फिर कार्यकर्ता पर आंच आएगी।”

राबड़ी मामले में फैसला टला

जागरण की खबर है: राबड़ी, मीसा व हेमा के मामले में फैसला टला। जमीन के बदले रेलवे में नौकरी घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की ओर से दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के पहलू पर राउज एवेन्यू कोर्ट में फैसला टल गया। अदालत अब 27 जनवरी को फैसला सुनाएगी। अदालत ने कहा कि अभी दस्तावेज पूरे नहीं पढ़े जा सके हैं।

नीतीश की नई कार्यकारिणी में ललन नहीं

प्रभात खबर की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: नीतीश की नई टीम में ललन को जगह नहीं, रामनाथ, संजय समेत 11 राष्ट्रीय महासचिव। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने अपनी नई टीम घोषित कर दी है। शनिवार को पार्टी अधिकारी सहित 22 सदस्य राष्ट्रीय पदाधिकारी की नई टीम की सूची जारी की गई। इसमें जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को कोई जिम्मेदारी नहीं मिली है। नई टीम में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद बशिष्ठ नारायण सिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। पूर्व सांसद केसी त्यागी राजनीतिक सलाहकार व राष्ट्रीय प्रवक्ता बने हैं। इसकी जानकारी जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद खान ने दी है।

ज़बर्दस्त सुरक्षा व्यवस्था

हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी सुर्खी है: अवंतिपोरा से अवध तक अभेद्य सुरक्षा घेरा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों से लेकर अयोध्या तक अभेद्य सुरक्षा चक्र बनाया गया है। जम्मू-कश्मीर के अवंतिपोरा, पहलगाम, अनंतनाग सहित सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क किया गया है। वहीं, अयोध्या में शनिवार शाम से सीमाएं सील कर दी गईं।

पूर्वोत्तर की पीड़ा

हिन्दुस्तान की खबर है: पूर्वोत्तर के लोगों की पीड़ा को उठाना मकसद: राहुल। ईटानगर से लिखी गई इस खबर में लिखा गया है कि कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के शनिवार को अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करने के तुरंत बाद राहुल गांधी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने भाजपा पर देश को विभाजित करने का आरोप लगाया, जबकि कांग्रेस लोगों को एकजुट करने के लिए काम करती है। दोईमुख में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने भाजपा पर देश को विभाजित करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि भाजपा कुछ उद्योगपतियों के हित के लिए काम करती है, न कि उन लोगों के हित के लिए जो बेहद परेशानियों का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि 6,713 किलोमीटर लंबी भारत जोड़ो न्याय यात्रा का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों की पीड़ा को उठाना है।

राम मंदिर पर कैसा माहौल है?

हिन्दुस्तान के 12 पेज के श्री राम मंदिर विशेषांक की पहली खबर है: पटना में चप्पे चप्पे पर पहरा। इसके लिए पटना में 3000 अतिरिक्त पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि 50000 से ज्यादा लोग डाक बंगला पर होने वाले कार्यक्रम में शामिल होंगे। वैसे पूरे बिहार में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता बंदोबस्त की बात भी छपी है। इसके दूसरे पेज पर खबर है: पटना के राम मंदिरों में बह रही भक्ति की बयार। विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉक्टर आरएन सिंह का बयान है: आडवाणी का रथ रोके जाने पर हो गए थे भूमिगत। एक और सुर्खी है: पटना से अयोध्या के लिए गाड़ियों की बुकिंग बढ़ी। माहौल को भक्तिमय बताते हुए लिखा गया है: घर बुहार, गीत गा और दीप जला बुला रहे प्रभु श्रीराम को। प्राण प्रतिष्ठा के लिए फूल और एलईडी स्क्रीन बढ़ाने की मांग की खबर भी है। सीतामढ़ी से खबर है कि राम उत्सव पर दीपों से धमकेगी सीता नगरी। भागलपुर की सुर्खी है: भगवान राम की मौसी के घर जलेंगे 7 लाख से अधिक दीपक। एक और खबर है प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश भर के सितारों का होगा जुटान।

कुछ और सुर्खियां

  • 22 जनवरी को होने वाली फ़ौकानिया और मौलवी की परीक्षा टली, अब 24 से होगी
  • पटना से अयोध्या के लिए उड़ान सेवा 1 फरवरी से
  • राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा 29 जनवरी को किशनगंज पहुंचेगी
  • आज समस्तीपुर में 500 बेड वाले श्रीराम जानकी अस्पताल का उद्घाटन
  • सानिया मिर्ज़ा से खुला के बाद क्रिकेटर शोएब मलिक ने एक्ट्रेस सना जावेद से शादी की

अनछपी: कल अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन है लेकिन माहौल इतना संवेदनशील है कि इस पर कुछ लिखना बेहद नाजुक मामला है। अखबारों के पन्ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी खबरों से रंगे पड़े हैं। मगर हिन्दुस्तान के प्रधान संपादक शशि शेखर के कॉलम की चर्चा जरूरी है जिसमें उन्होंने एक ऐसी बात को चमत्कार बताने की कोशिश की है जिसके बारे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह एक ग़ैर कानूनी हरकत थी। उन्होंने लिखा है: “ईस्वी सन् 1949 की ठंडी रात थी। तारीख थी, 22-23 दिसंबर। उस रात अयोध्या में जो हुआ, वह किसी ‘चमत्कार’ से कम नहीं था।” फिर उन्होंने कथित तौर पर सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात हवलदार अब्दुल बरकत के हवाले से लिखा कि उसने अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि उसने दो बजे इमारत के अंदर एक खुदाई रौशनी कौंधते देखी। वह यह भी लिखते हैं, “1949 के ‘चमत्कार’ को मैं चुनौती नहीं दे रहा।” वह इस मामले में कितने सतर्क है कि कोई उस कथित ‘चमत्कार’ पर उनकी बात को सवाल न समझे। वह इस बात की वकालत करते हैं कि अपने मकसद को अंजाम तक पहुंचाने के लिए चमत्कारों की जगह स्थापित व्यवस्था से ही काम चलाया जा सकता है। मगर सुप्रीम कोर्ट में शपथ के बावजूद 6 दिसंबर 1992 की घटना क्या व्यवस्था से स्थापित थी? इस बात की वह बिल्कुल चर्चा नहीं करते। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हो रहा है लेकिन कम से कम सुप्रीम कोर्ट की उन बातों को तो दोहराना चाहिए जो उसने फैसला देते वक्त कहा था। दो बातें सबको मालूम हैं। एक यह कि सुप्रीम कोर्ट ने 6 दिसंबर 1992 को की गई हरकत को गैर कानूनी और आपराधिक बताया था। दूसरी यह कि 22-23 दिसंबर 1949 को कोई चमत्कार नहीं हुआ था बल्कि बाबरी मस्जिद में धोखे से मूर्तियां रखी गई थीं। बौद्धिक ईमानदारी की बात तो यह होती कि इन दोनों घटनाओं के बारे में सही जानकारी दी जाती। लेकिन इस पूरे मजमून में संपादक महोदय उन विचारों को ही आगे बढ़ाते नजर आ रहे हैं जो भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के लोग चाहते हैं। उन्होंने लिखा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत उनके साथ होंगे। उनके अनुसार, “संघ के शिव संकल्प के बिना यह अनुष्ठान असंभव था।” इस एक पंक्ति से हिंदी अखबारों में कवरेज का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

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