छ्पी-अनछ्पी: अखबार बन गए धार्मिक पत्रिका, राहुल के काफिले पर असम में हमला

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। हिन्दी के चारों प्रमुख अखबारों- हिन्दुस्तान, जागरण, प्रभात खबर और भास्कर में अयोध्या में राम मंदिर प्रतिष्ठा को लेकर इतने विज्ञापन और लेख-खबरें हैं कि ये धार्मिक पत्रिका लग रहे हैं। ऐसे में असम में राहुल गांधी के काफिले पर हमले की खबर भी एक कोने में चली गयी है। बहुत मुश्किल से समस्तीपुर में मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन की खबर को थोड़ा सम्मान मिला है।

हिन्दुस्तान की शुरुआत चार पेज के विज्ञापन से शुरू होती है जो अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर है। इसकी पहली सुर्खी है: शुभ घड़ी आ गई। हिन्दुस्तान ने कल भी विशेषांक निकाला था, आज भी 10 पेज का प्राण प्रतिष्ठा विशेषांक है।

जागरण के पहले दो पेज पर प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ा विज्ञापन है। इसकी पहली सुर्खी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के लेख की है: आज पूरी होगी चिर अभिलाषा। जागरण ने तो शोभा यात्रा भी निकाली।

प्रभात खबर की शुरुआत तो विज्ञापन से नहीं हुई लेकिन इसकी पहली सुर्खी है: अवध में विराजे रघुराई। इसी तरह भास्कर का पहला पन्ना भी विज्ञापन का नहीं लेकिन यह विशेष डिज़ाइन वाला पेज है जिसकी सबसे बड़ी सुर्खी है: भारत के प्राण की प्रतिष्ठा। यह आचार्य सत्येंद्र दास का लिखा लेख है। जहां तक अंदर के पेज की बात है तो कितनी जगह पर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का विज्ञापन है, हिसाब लगाना मुश्किल है।

मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की खबरों से बची जगह पर समस्तीपुर मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन की खबर है। हिन्दुस्तान के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को समस्तीपुर के सरायरंजन में 592 करोड़ रुपये की लागत से बने 500 बेड के श्रीराम जानकी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यहां इलाज की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने घोषणा की कि श्रीराम जानकी मेडिकल कॉलेज अस्पताल को एक हजार बेड की क्षमता का बनाया जाएगा। आगे और सुविधाएं विकसित की जाएंगी। सीएम ने कहा कि यह तो शुरुआत है, अभी और बहुत कुछ देंगे। यहां सौ छात्र-छात्राओं के दाखिले की व्यवस्था है, इसकी संख्या भी बढ़ाई जाएगी। श्रीराम जानकी मठ द्वारा इस अस्पताल के निर्माण के लिए जमीन दान दी गई थी, इसलिए अस्पताल का नाम श्रीराम जानकी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल रखा गया है।

राहुल से धक्का-मुक्की

जागरण की खबर है: न्याय यात्रा में राहुल गांधी से धक्का-मुक्की। कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान उनके नेताओं पर हमले किए और जय श्री राम व मोदी मोदी के नारे लगा रहे भाजपा समर्थकों ने राहुल गांधी के साथ धक्का-मुक्की की। राहुल ने कहा, ‘वह जितना चाहे पोस्टर बैनर फाड़ सकते हैं, हमें इसकी परवाह नहीं है। हम किसी से नहीं डरते।” हमलों के विरोध में कांग्रेस ने सोमवार को पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। राहुल गांधी ने इस घटना के बाद एक जनसभा में कहा कि लगभग 20-25 भाजपा कार्यकर्ता लाठी लेकर उनकी बस के सामने आ गए और जब वह बस से बाहर आए तो वह भाग गए।

गया में ईंधन लेने उतरा था क्रैश जहाज़

प्रभात खबर की खबर है: गया में ईंधन लेने उतरा विमान अफगानिस्तान में हुआ क्रैश। अफगानिस्तान के दुर्दशा के इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हुआ विमान भारतीय नहीं था और इसने थाईलैंड हवाई अड्डे से मास्को जाने के रास्ते में शनिवार को गया हवाई अड्डे पर केवल ईंधन भरा था। मोरक्को में रजिस्टर्ड दसाउल्ट फाल्कन विमान एक एयर एंबुलेंस के रूप में चलाया जा रहा था।

धर्म की आड़ में भटकाने की कोशिश: अलका

हिन्दुस्तान के अनुसार भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने पूर्णिया में रविवार को कहा कि राम मंदिर का राजनीतिकरण दुर्भाग्यपूर्ण है। पीएम को आखिर इतनी जल्दी क्यों है। हम नहीं खुद शंकराचार्य कह रहे हैं कि मंदिर निर्माण अधूरा है। शंकराचार्य को अपमानित व नजरअंदाज कर श्री राममंदिर का उदघाट्न क्यों हो रहा है।

कुछ और सुर्खियां

  • बिहार में पुलिसकर्मियों की छुट्टी पर 27 जनवरी तक रहेगी रोक
  • पटना यूनिवर्सिटी की वेबसाइट फिर हैक, लगाया बांग्लादेश का झंडा
  • बिहार के 16 नगर निकायों में उपचुनाव आज
  • महावीर मंदिर ने राम मंदिर के लिए 2 करोड़ और सौंपे, कुल 10 करोड़ का सहयोग
  • बिहार में 27 जनवरी के बाद ही ठंड से राहत
  • प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर चांदी के राम दरबार और सोने चांदी के सिक्कों की मांग बढ़ी

अनछपी: अयोध्या में आज हो रहे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को दो नजरियों से देखा जा सकता है। एक नजरिया तो विशुद्ध धार्मिक है जिसमें करोड़ों लोग इस बात पर खुश हैं कि अयोध्या में आज राम मंदिर का उद्घाटन हो रहा है। दूसरा नजरिया यह है कि आज ही भारत में सेक्यूलरिज़्म के अंत के एक और अध्याय की शुरुआत हो रही है। आज का दिन यह याद करने का भी है कि 6 दिसंबर 1992 को भारत के सुप्रीम कोर्ट को धोखा देकर बाबरी मस्जिद गिराई गई थी जिसमें उत्तर प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार की मिलीभगत थी। इसमें कोई दो राय नहीं कि राम मंदिर का निर्माण भारतीय जनता पार्टी का राजनीतिक एजेंडा रहा है लेकिन इससे यह बात खत्म नहीं हो जाती कि भारतीय जनता पार्टी ने धर्म का गलत इस्तेमाल कर राजनीति की है। इस मामले में यह बात भी याद रखने की है कि भारत का चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट भी भारतीय जनता पार्टी को धर्म के राजनीतिक इस्तेमाल से रोकने में नाकाम रहा है। मीडिया विशेष कर हिंदी मीडिया का रोल भी काफी निराशाजनक रहा है जिसमें उसने सरकार के सहायक की भूमिका अदा की है। आज के हिंदी अखबारों से भी यह बात समझी जा सकती है। यह बात याद दिलाने की है कि भारत का सेक्यूलरिज़्म धर्म को मानने और आस्था पर चलने से नहीं रोकता लेकिन धार्मिक आयोजनों में सरकार की भागीदारी गंभीर सवाल खड़े करती है। यह समझा जाता था कि कोई सरकार किसी विशेष धर्म को अपना धर्म नहीं घोषित करेगी लेकिन अयोध्या में जो कुछ हुआ उससे यह लगता है कि सरकार ने एक धर्म विशेष को ही अपना धर्म मान लिया है। जिस तरह भारत और उत्तर प्रदेश सरकार वहां हज़ारों करोड़ रुपये निवेश कर रही है, उससे यह समझना मुश्किल नहीं है। किसी धार्मिक स्थल के लिए सरकारी खर्च का यह पहला उदाहरण नहीं है लेकिन इस स्तर पर कभी ऐसा नहीं देखा गया। जब पूरा सरकारी तंत्र किसी धार्मिक आयोजन के स्पॉन्सर के रूप में नजर आए तो लोगों की भीड़ उमड़ना कोई ताज्जुब की बात नहीं है। ऐसे में अच्छे-अच्छे सेक्यूलर लोगों का धार्मिक भावना से हटकर तार्किक सोच रखना मुश्किल हो जाता है। जब एक ऐसे धार्मिक आयोजन के लिए छुट्टी दी जाए जो नियमित पर्व-त्योहार न हो तो इससे क्या समझा जा सकता है? हद तो यह है कि एम्स दिल्ली ने भी आधे दिन की छुट्टी घोषित कर दी थी, जिसे भारी विरोध के बाद वापस लिया गया। बिहार सरकार ने छुट्टी की घोषणा नहीं कि हालांकि इस पर भी काफी दबाव था। इस मामले में अक्सर ग़ैर भाजपा क्षेत्रीय दलों का रवैया भी ढुलमुल नज़र आता है। ओडिशा और झारखंड की सरकार ने भी छुट्टी की घोषणा की है जबकि पश्चिम बंगाल में सर्व धर्म सद्भावना रैली निकाली जा रही है। धर्म के इस विशुद्ध राजनैतिक इस्तेमाल से चलने वाली सरकार के नेतृत्व में भारत का भविष्य क्या होगा, कहना मुश्किल है।

 

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