छपी-अनछपी: अदानी के सवाल पर पीएम की चुप्पी, जदयू एमएलसी पर 200 करोड़ की टैक्स चोरी का इल्जाम

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। गौतम अदानी के शेयर घोटाले के मामले में संसद में उठाये गए किसी सवाल का जवाब प्रधानमंत्री मोदी ने नहीं दिया लेकिन अखबारों में उनका बयान बड़ी सुर्खियों के साथ छपा है। जदयू के एमएलसी राधाचरण के खिलाफ इनकम टैक्स की जांच दूसरे दिन भी जारी रही जिसे काफी अहमियत दी गई है। बिहार सरकार स्कूलों में कम्प्यूटर टीचर बहाल करेगी, यह जनकारी अहम खबरों में शामिल है।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक भर्ती होंगे। राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में 7360 कंप्यूटर शिक्षकों की बहाली होगी। यही खबर भास्कर की भी लीड है। राज्य सरकार ने इसके लिए पदों के सृजन को मंजूरी दी है। जल्द ही शिक्षा विभाग इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। एक विद्यालय में एक कंप्यूटर शिक्षक भर्ती होंगे।

अदानी पर पीएम की चुप्पी

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: झूठ के हथियार से मुझे नहीं हराया जा सकता: प्रधानमंत्री। विपक्ष के आरोपों को झूठा और मनगढ़ंत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा कि उनके पास 140 करोड़ों लोगों के भरोसा का सुरक्षा कवच है। अखबार के अनुसार राहुल गांधी की ओर से अदानी के शेयर घोटाले को मुद्दा बनाया गया था और आरोप लगाया गया था कि उन्हें सरकारी संरक्षण में बढ़ाया गया। हिन्दुस्तान ने सुर्खी दी है: निराशावादियों को नहीं दिखता: विकास। अख़बार के अनुसार मोदी ने कहा कि विभिन्न आरोपों से घिरे लोगों पर इतने छापे पड़े कि पूरा विपक्ष एकजुट हो गया। उन्होंने कहा कि इन लोगों को ईडी का धन्यवाद करना चाहिए कि उसके कारण यह एक मंच पर आ गए।

खड़गे ने मोदी को कहा ‘मौनी बाबा’

जागरण की खबर है: धनकड़ ने मोदी को ‘मौनी बाबा’ कहने पर कि खड़गे की खिंचाई। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया और अदानी मुद्दे पर उनकी चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उन्हें ‘मौनी बाबा’ कहा। इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी उनके कद के अनुरूप नहीं है। श्री खड़गे ने कहा, “मैं पीएम से पूछना चाहता हूं कि आप हर दूसरे व्यक्ति को डराते हैं आप उद्योगपतियों को क्यों नहीं डरा रहे हैं।” एक और कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने तंज में लिखा है कि वैसे भी हमारे देश के एक बड़े हिस्से में नाम नहीं लिया जाता – सिर्फ़ ‘ऐ जी’ कह देते हैं।

राहुल के भाषण के अंश को हटाया

जागरण की ही एक और सुर्खी है: राहुल के भाषण के अंश हटाने पर कांग्रेस बोली, दफन हुआ लोकतंत्र। अदानी शेयर घोटाले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राहुल गांधी के आरोपों के हिस्से को सदन के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। इस पर कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज जताया है और कहा है कि अदानी से जुड़े सवालों को रिकॉर्ड से हटाकर लोकसभा में लोकतंत्र को दफन कर दिया गया है। राहुल ने भी सवाल उठाया कि आखिर उनके भाषण के अंशों को रिकॉर्ड से क्यों हटाया गया है। कांग्रेस के मुताबिक लोकसभा में मंगलवार को राहुल गांधी के भाषण में अदानी विवाद से जुड़े उन 18 अंशों को रिकॉर्ड से हटाया गया है जिनमें प्रधानमंत्री मोदी का जिक्र था।

200 करोड़ की टैक्स चोरी का आरोप

हिन्दुस्तान ने पहले पेज पर खबर दी है: राधाचरण साह के ठिकानों पर छापे में 200 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी। जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: जदयू एमएलसी के यहां सवा करोड़ नकद मिले। जदयू एमएलसी राधाचरण साह और उनके सहयोगी अशोक कुमार के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी दूसरे दिन भी जारी रही। इस दौरान ₹400000000 के फिक्स्ड डिपाजिट के भी प्रमाण मिले। बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज और बिना बिल या कच्चे में लेनदेन से जुड़े कागजात बरामद किए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा बालू के अवैध खनन से जुड़े कारोबार के मामले हैं। पूरे मामले की जांच में बड़ी संख्या में टैक्स चोरी की बात सामने आयी है। अब तक 200 करोड़ रुपये की गड़बड़ी सामने आयी है। पहले दिन ही जांच में करीब 125 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के मामले मिले थे।

रिवर स्टडीज के करोड़ों कहां बह रहे?

जागरण की एक खास खबर है रिवर स्टडीज पर खर्च हो गए पांच करोड़ पर पांच साल में पढ़ाई तक शुरू नहीं हुई। आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी में 2017 में सेंटर फॉर रिवर स्टडीज में पीजी व सर्टिफिकेट कोर्स की पढ़ाई के लिए आईआईटी रुड़की एनआईटी पटना सहित कई देशी व विदेशी यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों के सहयोग से राज्य में बाढ़ की स्थिति हिमालय व स्थानीय नदियों के प्रकृति को ध्यान में रखकर कोर्स तैयार किया गया था। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने अपने क्षेत्रीय विकास फंड से सेंटर के लिए राशि उपलब्ध कराई थी। उस सेंटर का हाल यह है कि पांच साल बाद भी वहां पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है क्योंकि सेंटर ऑफ रिवर स्टडीज और पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में टीचर बहाल नहीं हो सके हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • तुर्की और सीरिया के भूकंप में मौतों की संख्या 11 हज़ार के पार
  • छपरा में एक और जख्मी युवक की मौत, इंटरनेट सेवा 2 दिन और बंद
  • 10 माह में छठी बार बढ़ी रेपो दर, 30 लाख के लोन पर ₹4632 रुपया किस्त बढ़ी
  • मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद का कोर्ट में समर्पण, जेल गए
  • विनोद चंद्रन हो सकते हैं पटना हाई कोर्ट के नए चीफ जस्टिस
  • बिहार के पहले स्टार्टअप b-hub का हुआ उद्घाटन
  • 25 को पूर्णिया में महागठबंधन की रैली में चुनावी शंखनाद
  • नगर निगम से अब पास होगा मकान का नक्शा, 6 माह से लगी थी रोक
  • इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट में 2030 तक पैदा होंगी 5 करोड़ नौकरियां

अनछपी: रिवर स्टडीज के लिए सेंटर खोलने की घोषणा कितनी लुभावनी लगती है लेकिन 5 साल के बाद भी वहां पढ़ाई शुरू नहीं होना कम पानी में भी डूब मरने जैसी बात है। वास्तविकता यह है कि तरह-तरह के फैंसी नामों के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने की बात तो कह दी जाती है लेकिन वह बात आई गई हो जाती है क्योंकि उस पर अमल करने के बारे में कोई सवाल नहीं होता। आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय यानी ए के यू से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बहुत सारी उम्मीदें थीं और सरकार ने उसके बारे में बड़े-बड़े दावे किए थे लेकिन आज वहां के ज्यादातर डिपार्टमेंट समस्याओं से घिरे हुए हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य बुनियादी तौर पर राजनीति के मसले हैं लेकिन अफसोस की बात यह है कि इस पर ठोस बहस नहीं होती और सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप ही होते हैं। इस समय भारतीय जनता पार्टी बिहार में एक मजबूत विपक्ष के रूप में दिखती है तो उसे चाहिए कि ऐसे मुद्दे गंभीरता से उठाए और सदन से लेकर सड़क तक इसके लिए आंदोलन करे। तीन प्रमुख राजनीतिक दलों में सिर्फ जनता दल यूनाइटेड ही पिछले 17 सालों से सरकार से कभी बाहर नहीं रहा है इसलिए सबसे ज्यादा सवाल उसी पार्टी से होना चाहिए। राष्ट्रीय जनता दल ने विपक्ष की मुख्य भूमिका निभाते हुए कभी ऐसे गंभीर मुद्दे नहीं उठाए। गरीबों की पार्टी कहलाने वाली भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) को भी यह सवाल उठाना चाहिए कि आखिर पांच करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी वह पढ़ाई क्यों नहीं शुरू हुई जिसका इतना फसाना रहा होगा।

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