छपी-अनछपी: चीन को पीछे कर भारत में आबादी का जश्न, क्वांटम तकनीक के लिए 6 हज़ार करोड़
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। आबादी को लेकर हमेशा शिकायत करने वाले भारत में इस बात को लेकर जश्न है कि उसकी जनसंख्या चीन से अधिक हो गई है। इसकी खबर प्रमुखता से ली गई है। क्वांटम तकनीक के लिए अगले 8 वर्षों में भारत छह हजार तीन करोड़ रुपए खर्च करेगा। इस अहम जानकारी को जागरण ने पहले पेज पर जगह दी है। नदियों से गाद की उड़ाही के काम में तेजी लाने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश को भी पहले पेज पर जगह दी गई है।
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी हेडलाइन है: सबसे आगे हिन्दुस्तानी। अखबार ने लिखा है: आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ा, यूएनएफपीए ने जारी की रिपोर्ट। भास्कर के सुर्खी है चीन ने जिस युवा आबादी की ताकत से आर्थिक उड़ान भरी थी, आज वो हमारे पास। भारत दुनिया का सर्वाधिक आबादी वाला देश बन गया है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनाइटेड नेशन पॉपुलेशन फंड (यूएनएफपीए) की स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट 2023 में ये खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में भारत की जनसंख्या में डेढ़ फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अनुमान के मुताबिक चीन की 142.5 करोड़ की तुलना में भारत की आबादी बढ़कर 142.8 करोड़ हो गई है।
जवानों की आबादी
भास्कर लिखता है आज हमारे लिए ठीक वैसी ही परिस्थितियां हैं जिसके दम पर 30 साल पहले चीन ने आर्थिक रफ्तार की उड़ान भरी थी। 1990 में करीब 118 करोड़ की आबादी के साथ चीन सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश था। आज हम भी आबादी के शीर्ष पर हैं। तब चीन की औसत उम्र 25 साल थी, आज हमारी 28 साल है। चीन का फर्टिलिटी रेट 2.7% था आज हमारा 2% है। चीन में साक्षरता दर 78% थी, हमारी भी 78% है। तब चीन में 22% लोग 15 से 24 साल के थे, आज यहां भी लगभग इतने ही हैं।
क्वांटम तकनीक के लिए कोशिश
जागरण की सुर्खी है: क्वांटम तकनीक में धाक जम आएगा भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को अपनी मंदूरी दी। भारत इस तरह का सातवां देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, चीन, कनाडा, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड और फ्रांस इस तरह का मिशन शुरू कर चुके हैं। 2023-24 से 2030-31 तक चलने वाले क्वांटम मिशन पर 8 वर्षों में 6003.65 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि क्वांटम मिशन के रूप में डेटा के विकास और संचार के एक नए युग का आगाज हुआ है।
नदियों में गाद की समस्या
जागरण की सबसे बड़ी खबर है: नदियों से गाद की उड़ाही का काम तेजी से करें: सीएम। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को नदियों से गाद हटाने के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि नदियों से गाद की उड़ाही से बाढ़ का खतरा भी कम रहेगा और नदियों की जल संग्रहण क्षमता भी बढ़ेगी। साथ ही, सिंचाई कार्य में और सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि बाढ़ से सुरक्षा के लिए बचे हुए सभी कटाव निरोधक, बाढ़ सुरक्षात्मक और बचाव कार्य को मानसून के पहले अवश्य पूरा कर लें। सीएम ने बुधवार को एक अणे मार्ग में संभावित बाढ़, सुखाड़ एवं अन्य आपदाओं की पूर्व तैयारी की समीक्षा की और अफसरों को निर्देश दिए।
समलैंगिकता, सरकार और सुप्रीम कोर्ट
समलैंगिकों के बीच वैवाहिक रिश्ते पर सरकार और सुप्रीम कोर्ट की बहस जारी है। भास्कर ने हेडिंग लगाई है: सरकार बिना डेटा के इसे शहरी सोच कैसे बता रही: सुप्रीम कोर्ट। हिन्दुस्तान की सुर्खी है: समलैंगिकता पर केंद्र ने राज्यों से राय मांगी। समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के आग्रह से जुड़ी याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय में बुधवार को केंद्र सरकार ने राज्यों को भी पक्ष बनाने की मांग दोहराई। सरकार की ओर से कहा गया कि मामले में राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर उनकी राय मांगी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहां है कि बिना किसी डेटा के केंद्र सरकार समलैंगिक विवाह और समलैंगिकता को शहरी अभिजात्य (अर्बन इलीटिस्ट) सोच कैसे बता रही है।
कुछ और सुर्खियां
- जैसलमेर से भी गर्म पटना, 17 शहरों में लू की चेतावनी
- बिहार में 138 कोरोना के मरीज मिले, पटना में 7 माह के बच्चे और 72 वर्षीय बुजुर्ग की हुई मौत
- आनंद मोहन सहित कई कैदियों की रिहाई पर आज हो सकता है विचार
- हाई कोर्ट से राज्य सरकार को 107 मदरसों को वित्तीय अनुदान देने की अनुमति
- अतीक-अशरफ हत्याकांड में पांच पुलिसकर्मी निलंबित
- ब्रिटेन ने 2022 में 28.36 लाख वीज़ा जारी किए, इनमें 25% भारतीय थे
- लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन के साथ तनाव कायम, सेना सतर्क रहे: राजनाथ सिंह
- 25 सौ से अधिक लोगों को ठगने वाले जामताड़ा गिरोह के 6 ठग दबोचे गए
- पुनपुन में भरी पंचायत में पूर्व मुखिया की गोली मारकर हत्या
अनछपी: आबादी को लेकर भारत में एक असमंजस देखा जाता है। पहले परिवारों में अधिक हाथ का मतलब अधिक कमाई हुआ करती थी। लेकिन सरकारी स्तर पर आबादी को हमेशा बोझ बताया गया। कहा गया कि ज्यादा आबादी से उनकी पढ़ाई और उनकी नौकरी का बहुत ज्यादा बढ़ेगा। यही नहीं आबादी को मुसलमानों के विरुद्ध एक हथियार के तौर पर भी इस्तेमाल किया गया। यह बताने की कोशिश की गई कि मुसलमानों के कारण भारत की जनसंख्या बहुत ज्यादा बढ़ रही है। वास्तविकता यह है कि भारत की 140 करोड़ आबादी में कम से कम 100 करोड़ आबादी हिंदुओं पर आधारित है। विद्वानों ने मुसलमानों की जनसंख्या के झूठे दावे का खंडन भी किया। मुसलमानों को टारगेट कर जनसंख्या नियंत्रण नीति की भी मांग की गई। बहुत से लोगों ने अक्सर चीन का उदाहरण दिया कि जैसे वहां एक परिवार पर एक बच्चे की नीति है, वैसा ही भारत में लागू किया जाए। ज़बरदस्ती नसबंदी का दौर भी आया। अब जबकि भारत ने चीन को आबादी के मामले में पछाड़ दिया है तो इसका जश्न मनाया जा रहा है। जश्न मनाने की वजह बिल्कुल वाजिब है लेकिन इसी आबादी को बोझ बताने वाले लोगों ने इसका गलत इस्तेमाल भी किया। बहरहाल, भारत में आबादी को लेकर जश्न की सबसे बड़ी वजह है इसके बड़े हिस्सा का जवान होना। यह वर्क फोर्स है जो भारत की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए सबसे जरूरी श्रम साधन है। दुनिया अब इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही है कि चीन की आबादी कम होने का असर कई क्षेत्रों पर पड़ेगा और मजदूरी महंगी होगी। भारत को सबसे बड़ी आबादी वाले देश होने के बाद की जिम्मेदारी भी निभानी होगी। हर हाथ को काम देना उसके लिए बेहद जरूरी है। ऐसी योजनाएं बनानी होंगी जिससे बेरोजगारी दर घटे और लोगों को मुश्किल हालात का सामना नहीं करना पड़े।
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