छ्पी-अनछपी: रांची की रैली में तानाशाही पर चोट, मोदी के भाषण में नफरती बोल
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। रांची में विपक्ष की उलगुलान रैली में देश को तानाशाही से मुक्त कराने की बात कही गई। आज के सभी अखबारों ने इसे अच्छी जगह दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी भाषण में मुसलमान के लिए नफरती बोल बोले हैं। हालांकि अक्सर अखबारों ने इसे अंडर प्ले किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कटिहार में अपनी रैली में आरजेडी पर हमला बोला है। हिन्दुस्तान ने आरजेडी लीडर तेजस्वी यादव का विशेष इंटरव्यू छापा है।
जागरण की पहली खबर है: देश को तानाशाही से करेंगे मुक्त। रविवार को रांची में पूरा विपक्ष एकजुट हुआ। इंडिया की रैली में शामिल विपक्षी नेताओं ने एक और में भाजपा को हराने और गठबंधन को जिताने की अपील की। केंद्र पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए इससे मुक्त करने की बात कही। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमारे नेताओं को जेल भेजने से हम डरने वाले नहीं हैं। “हम जमीन से जुड़े लोग हैं, जितना दबाएंगे उतनी ज्यादा ताकत से हम उठ खड़े होंगे। इसी वजह से बिना सबूत के आदिवासी मुख्यमंत्री को जेल में डाल दिया।” 400 पार के नारे पर तंज़ करते हुए कहा कि उनका बस चलता तो यह 600 पार बोल देते। उन्होंने कहा कि भाजपा ने नौकरी देने की बजाय रोज़गार छीन लिए। “प्रधानमंत्री जिन्हें भ्रष्टाचारी कहते थे उनसे चंदा लेकर धंधा किया और अब उन्हें अपने साथ बैठा रहे हैं।”
उलगुलान रैली में कौन क्या बोला
झारखंड मुक्ति मोर्चा के आह्वान पर रांची में आयोजित इस रैली का नाम उलगुलान न्याय रैली रखा गया था। झारखंड में उलगुलान विद्रोह और क्रांति शब्द का पर्याय है। इस रैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने कहा कि हम डरेंगे नहीं, हम तानाशाही को मिटा देंगे, लड़ेंगे और जीतेंगे। आरजेडी लीडर तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार संविधान को खत्म कर देना चाहती है लेकिन उन्हें मालूम नहीं है कि अगर संविधान को खत्म करने की सोचेंगे तो जनता उन्हें ही खत्म कर देगी। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने उनका संदेश पढ़कर लोगों को सुनाया। इस संदेश में कहा गया कि हमने झारखंड से पहले भी भाजपा को खदेड़ा है, इस बार दिल्ली से भी इसे खदेड़ना है।
मोदी के भाषण में नफरती बोल
जागरण की खबर है: घुसपैठियों, ज्यादा बच्चे वालों को आपकी संपत्ति दे देगी कांग्रेस। राजस्थान के बांसवाड़ा में रविवार को अपने चुनावी भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमान का है। “इसका मतलब है कि यह संपत्ति उन लोगों के बीच वितरित की जाएगी जिनके अधिक बच्चे हैं। यह घुसपैठियों को वितरित की जाएगी।” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस का घोषणा पत्र कह रहा है कि यदि उनकी सरकार बनी तो हर एक की संपत्ति का सर्वे किया जाएगा। “हमारी माता बहनों के पास सोना कितना है, उसकी जांच होगी। वह कहते हैं कि हिसाब लगाने के बाद सारी संपत्ति समान रूप से लोगों में बांट देंगे।”
लालटेन युग में ले जाना चाहता है विपक्ष: शाह
प्रभात खबर भास्कर और हिन्दुस्तान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कटिहार के चुनावी भाषण को पहली खबर बनाया है। शाह ने कहा है कि नीतीश कुमार ने बिहार के हर घर में बिजली पहुंचाई है लेकिन इंडी गठबंधन बिहार को फिर से लालटेन युग में ले जाना चाहता है। जबकि, नीतीश कुमार के राज में हर जगह उजाला है। उन्होंने लालू-राबड़ी देवी शासनकाल को जंगलराज बताते हुए कहा कि उस समय गरीब-ओबीसी सब पर अत्याचार होता था। “कांग्रेस पिछड़ा समाज व मंडल कमीशन का विरोधी रहा। बीजेपी ने अतिपिछड़ा चाय बेचने वाले को पीएम बनाया है।”
मतदाताओं ने चुनाव को अपने मुद्दों पर ढाल लिया: तेजस्वी
हिन्दुस्तान में छपे इंटरव्यू में राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि भाजपा भले ही चुनाव को वास्तविक मुद्दों से भटकाने में लगी है, लेकिन इससे इतर मतदाताओं ने चुनाव को अपने असली मुद्दों के हिसाब से ढाल लिया है। उन्होंने कहा कि पहले चरण के मतदान में यह साफ हो गया है। “भाजपा का चार सौ पार का नारा फुस्स हो गया है। जहां तक परिवारवाद का मुद्दा है, मैंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वह स्पष्ट करें कि परिवारवाद की परिभाषा क्या है और वह एनडीए पर लागू क्यों नहीं होती?” तेजस्वी कहते हैं कि इंडिया गठबंधन पूरी तरह एकजुट है।
चुनाव में घुसपैठ की याद आयी है: ओवैसी
भास्कर की खबर है कि एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को किशनगंज के ठाकुरगंज में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव आते ही भाजपा को सीमांचल में घुसपैठ की याद आ जाती है। केंद्र में 10 साल से उनकी ही सरकार है। सीमांचल में घुसपैठ है तो 10 वर्षों में केंद्र ने कार्रवाई क्यों नहीं की? नरेंद्र मोदी व भाजपा वालों को चुनाव के समय ही घुसपैठ की याद आती है। जागरण के अनुसार चार दिवसीय दौरे पर रविवार को किशनगंज पहुंचे असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार की नीतियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सीएए और एनआरसी सीमांचल की जनता को देश से बाहर करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्णिया की सभा में सीमांचल के लोगों को घुसपैठिया बता कर साबित कर दिया कि उनके मन में क्या है।
बिहार में कंग्रेस के उम्मीदवार तय
हिन्दुस्तान के अनुसार कांग्रेस ने अपने हिस्से की बाकी बची छह सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए। रविवार को दिल्ली में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति बैठक में छह सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगी। औपचारिक ऐलान जल्द होगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पटना साहिब से अंशुल कुमार अभिजीत को उम्मीदवार बनाया गया है। अंशुल पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के बेटे हैं। सासाराम से विश्वनाथ राम को उम्मीदवार बनाया गया है। महाराजगंज से आकाश सिंह के नाम पर मुहर लगी है। आकाश सिंह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह के बेटे हैं। समस्तीपुर से बिहार सरकार में मंत्री महेश्वर हजारी के पुत्र सन्नी हजारी को उतारा है। पश्चिम चंपारण से पूर्व विधायक मदन मोहन तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी के नाम पर मुहर लगी है। वहीं मुजफ्फरपुर से भाजपा छोड़ कांग्रेस में आए मौजूदा सांसद अजय निषाद को उम्मीदवार बनाया गया है।
कुछ और सुर्खियां
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अनछपी: राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया वह देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को बयान करने के लिए काफी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक कथित बयान के बहाने उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि कांग्रेस को वोट देने का मतलब है कि उनकी संपत्ति वैसे लोगों के बीच बांटी जाएगी जो ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं और जो घुसपैठिया हैं। उन्होंने अपनी बातें इस तरह रखीं की कोई भी आसानी से यह समझ सकता है कि ज्यादा बच्चा पैदा करने और घुसपैठिया से उनका अभिप्राय मुस्लिम समुदाय था। नरेंद्र मोदी के लिए इस तरह खुल्लम खुल्ला मुसलमान को टारगेट करने का कोई पहला मामला नहीं है। वह जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो वहां हुए दंगे में बड़े पैमाने पर मुसलमानों का नरसंहार हुआ था। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने सबका साथ सबका विकास का नारा देकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह बताने की कोशिश की थी कि वह अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन चुनाव जीतने के लिए वह यह सब बातें भूल जाते हैं और वही सांप्रदायिक जहर भरा भाषण देना शुरू कर देते हैं। इससे पहले वह बिहार के दौरे पर पूर्णिया आए तब भी उन्होंने घुसपैठियों की बात उठाई थी। सवाल यह है कि 10 सालों से प्रधानमंत्री रहते हुए अगर मोदी घुसपैठियों को नहीं रोक पाए तो उनके प्रधानमंत्री बने रहना का क्या औचित्य है? इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी सवाल किया जाना चाहिए कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि सीमांचल में घुसपैठियों की समस्या है तो 18 साल मुख्यमंत्री रहते हुए नीतीश कुमार ने क्या किया? ज्यादा बच्चों के मुद्दे पर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ज़हरीले बयान का जवाब देना चाहिए। नीतीश कुमार आजकल बार-बार मुसलमान को अपने एहसानों की याद दिला रहे हैं तो क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ज़हर भरी बातों का कोई जवाब देंगे? नीतीश कुमार भी नरेंद्र मोदी का हाथ मजबूत करने की बात करते हैं तो क्या वह ऐसे जहर भरे बयान देने वाले व्यक्ति का ही हाथ मजबूत करना चाहते हैं? इस मामले में चुनाव आयोग से किसी भी कार्रवाई की कोई उम्मीद नहीं करता। नरेंद्र मोदी का यह बयान हेट स्पीच की श्रेणी में आता है लेकिन अफसोस है कि अदालत की ओर से इस तरह के बयानों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। इसके बावजूद इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से भी करनी चाहिए और सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी लगानी चाहिए।
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