छ्पी-अनछपी: जम्मू कश्मीर विधानसभा के लिए दस साल बाद पड़ेंगे वोट, बिहटा एयरपोर्ट के लिए 1413 करोड़

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर और हरियाणा विधानसभा के लिए वोट डालने की तारीख का ऐलान कर दिया है। दोनों जगह का रिजल्ट 4 अक्टूबर को आएगा। बिहटा एयरपोर्ट के विकास के लिए 1413 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। कोलकाता की ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के विरोध में आज बिहार के सभी अस्पतालों की ओपीडी सेवा बंद रहेगी। बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिंदुओं की सुरक्षा का भरोसा दिलाया है।

भास्कर के अनुसार चुनाव आयोग ने शुक्रवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर, और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर वह 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी। हरियाणा में एक ही दिन 1 अक्टूबर को मतदान होगा। दोनों राज्यों का रिजल्ट 4 अक्टूबर को आएगा। जम्मू कश्मीर में आखिरी विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था। 20 दिसंबर 2018 से यहां राष्ट्रपति शासन लागू है। 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद यहां पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में लद्दाख की चार सीटों के साथ यहां 87 सीटें थीं। अब लद्दाख को छोड़कर सीटें 90 की गई हैं। लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया है। जम्मू कश्मीर की 90 सीटों में 43 जम्मू रीजन में और 47 कश्मीर रीजन में हैं। इनमें 7 सीटें एससी और 9 सीटें एसटी के लिए रिजर्व हैं। परिसीमन के बाद जो सीटें बढ़ी हैं, उनमें 6 जम्मू की और एक कश्मीर की है।

बिहटा एयरपोर्ट के लिए 1413 करोड़

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बिहटा एयरपोर्ट निर्माण के लिए 1413 करोड़ रुपये मंजूर किए। कैबिनेट की बैठक में इस एयरपोर्ट के निर्माण के लिए संशोधित लागत पर मुहर लगी। दरअसल, बिहटा में आठ सौ करोड़ रुपये से एयरपोर्ट निर्माण की परियोजना स्वीकृत थी। जमीन अधिग्रहण व अन्य कारणों से वर्ष 2022 में पूरी होनी वाली परियोजना में देरी हुई। यहां पर पहले से एयरफोर्स का स्टेशन है लेकिन इसे अलग से विकसित करके सिविल टर्मिनल बनाया जाएगा। पटना में एक और एयरपोर्ट की मांग वर्षों से की जा रही थी, जिसके बाद वित्तीय वर्ष 2015-16 में बिहटा स्थित वायुसेना के एयरबेस को हवाईअड्डा बनाने की योजना बनाई गई थी। इसके लिए हवाईअड्डा प्राधिकरण ने राज्य सरकार से जमीन की मांग की थी। एयरपोर्ट के लिए अब तक 108 एकड़ जमीन उपलब्ध करा दी गई है।

आज सभी अस्पतालों की ओपीडी बंद रहेगी

बिहार के सभी अस्पतालों में शनिवार की सुबह 6 बजे से रविवार की सुबह 6 बजे तक ओपीडी सेवा और सामान्य कार्य ठप रहेंगे। इमरजेंसी सेवा चालू रहेगी। कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज की पीजी छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में आईएमए ने यह फैसला लिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के कार्य बहिष्कार की घोषणा का बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने भी समर्थन किया है।

बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा का आश्वासन

जागरण के अनुसार बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ भारत का संपर्क अभियान लगातार चल रहा है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से टेलीफोन पर बात हुई। इसमें द्विपक्षीय संबंधों के तमाम दूसरे पहलुओं के साथ बांग्लादेश में हिंदुओं व दूसरे अल्पसंख्यकों की स्थिति पर भी बात हुई और यूनुस ने उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया। बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री हसीना के तख्तापलट के बाद गठित अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस के साथ यह प्रधानमंत्री मोदी की पहली वार्ता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इंटरनेट मीडिया साइट एक्स पर लिखा, “बांग्लादेश सरकार के प्रमुख सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस का आज टेलीफोन आया था। मौजूदा हालात पर हमारी चर्चा हुई। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा व संरक्षा का आश्वासन दिया है।”

मोदी का सेक्यूलर सिविल कोड का शिगूफा

प्रभात खबर के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी की 78वीं सालगिरह पर लाल किले की प्राचीर से वर्तमान नागरिक संहिता को सांप्रदायिक और भेदभावकारी करार देते हुए सेक्यूलर नागरिक संहिता को समय की मांग बताया। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लगातार 11वीं बार लाल किले पर तिरंगा फहराते हुए पीएम ने अपने डेढ़ घंटे से अधिक के संबोधन में देश के तमाम मुद्दों व सवालों को छूने का प्रयास किया। सुप्रीम कोर्ट से लेकर कई मंचों पर सामान्य नागरिक संहिता से जुड़ी चर्चाओं का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है और उसमें सच्चाई भी है कि जिस नागरिक संहिता को लेकर हम जी रहे हैं वह सचमुच में एक प्रकार का सांप्रदायिक सिविल कोड है।

बक्सर के एक्साइज सुपरिंटेंडेंट की होगी गिरफ्तारी

बक्सर में उत्पाद अधीक्षक दिलीप कुमार पाठक की शराब तस्करी में मिलीभगत उजागर हुई है और उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया गया है। एसपी मनीष कुमार ने कहा कि उनके खिलाफ शराब तस्करी के पर्याप्त सबूत हैं। एसपी के अनुसार सारे साक्ष्य को देखते हुए उनकी गिरफ्तारी का आदेश जारी किया गया है। उन पर शराब तस्करों से मिलीभगत कर बड़े पैमाने पर शराब तस्करी करने का आरोप है। गिरफ्तारी के आदेश के बाद से उत्पाद अधीक्षक के सारे फोन बंद मिल रहे हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • सेंसेक्स 1330 अंक उछलकर एक बार फिर 80 हज़ार के पार
  • पटना के सगुना मोड़ के पास सीतामढ़ी के कुख्यात रामजी राय की गोली मारकर हत्या
  • राजस्थान के उदयपुर में स्कूल में चाकूबाजी के बाद सांप्रदायिक तनाव
  • सहरसा में कहरा प्रखंड के जदयू अध्यक्ष जवाहर यादव की गोली मारकर हत्या
  • मनोज वाजपेयी की ‘गुलमोहर’ को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार

अनछपी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में एक नया शिगूफा सेक्यूलर सिविल कोड का छोड़ा है। दरअसल वो यूनिफॉर्म सिविल कोड या समान नागरिक संहिता को एक नया नाम देकर नई चर्चा शुरू करना चाहते हैं। यह बात सबको मालूम है कि भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में यूनिफॉर्म सिविल कोड काफी महत्वपूर्ण है लेकिन ‘एक देश, एक विधान’ के नारे से आगे बढ़कर प्रधानमंत्री ने इसे सेक्यूलर सिविल कोड का नाम दिया है ताकि वह यह साबित कर सकें कि अभी जो सिविल कोड चल रहा है वह सांप्रदायिक है। वास्तव में उन्होंने मौजूदा सिविल कोड को कम्यूनल सिविल कोड भी कहा है। अंग्रेजी की आम डिक्शनरी में कम्यूनल का मतलब कोई खतरनाक बात नहीं होती लेकिन भारत के संदर्भ में दरअसल इसे सांप्रदायिक भेदभाव को बताने वाला शब्द माना जाता है। भारत में कम्यूनल का मतलब संप्रदाय विरोधी भी हो सकता है। वास्तव में यह नरेंद्र मोदी की शब्दों की बाजीगरी है और यह बेहद खतरनाक भी है। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सीट घटने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में ऐसी बाजीगरी खत्म नहीं हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मौजूदा सिविल कोड को कम्यूनल सिविल कोड कहना दो कारणों से घोर आपत्तिजनक और अस्वीकार्य है। एक बात तो यह है कि यह सिविल कोड हमारे संविधान निर्माता का दिया हुआ है। उस सिविल कोड को कम्यूनल सिविल कोड कहना दरअसल हमारे संविधान निर्माताओं का अपमान है। अलग-अलग धर्म के लिए अलग-अलग सिविल कोड होने से भारत में आज तक कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं हुआ है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा संकेत देकर बेहद खतरनाक बात कही है। दूसरी बात यह है कि अलग-अलग धर्मों पर चलना वास्तव में भारत की विविधता का सबूत है जिस पर हम सभी नाज़ करते हैं। जो विविधता हमारी मजबूती मानी जाती है उसे ही नरेंद्र मोदी कमजोरी बताने पर तुले हुए हैं। सेक्यूलर सिविल कोड का नाम वैसे तो बहुत आकर्षक लगता है लेकिन दरअसल यह धार्मिक विविधता को समाप्त करने की साजिश है। अगर अलग-अलग धर्म के साथ चलना कम्यूनल है तो कल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूजा पद्धति को भी एक करने की इच्छा व्यक्त कर सकते हैं। नरेंद्र मोदी की इस भाषाई चालबाजी को समझने की जरूरत है और इसकी हर स्तर पर निंदा भी जरूरी है।

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