छ्पी-अनछपी: आज दोपहर तक साफ़ होगा लोकसभा का रिजल्ट, नीतीश-मोदी मुलाकात बाद कयास तेज़

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आज आ रहा है और उम्मीद है कि दोपहर बाद तक तस्वीर साफ हो जाएगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है जिसके बाद कयास का बाजार हो गया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने माना है कि भीषण गर्मी में चुनाव कराने का फैसला गलत था। आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।

जागरण की सबसे बड़ी खबर के अनुसार देशभर की 542 संसदीय सीटों के लिए सात चरणों में पड़े मतों की गिनती मंगलवार को सुबह 8:00 बजे से शुरू होगी। वैसे लोकसभा की 543 सीटें हैं लेकिन भाजपा सूरत की सीट पहले ही निर्विरोध जीत चुकी है इसलिए 542 सीटों पर वोटिंग हुई। 80 दिनों तक चली प्रक्रिया के बाद 8,360 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा। बिहार की 40 सीटों के लिए 40 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। इनपर 497 प्रत्याशियों को पड़े मतों की गिनती होगी। एक तरफ राजग है तो दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन। हालांकि, एग्जिट पोल में एक बार फिर से मोदी सरकार की वापसी का अनुमान लगाया गया है। आंध्र प्रदेश और ओडिशा विधानसभा चुनाव और बिहार के अगिआंव विस उपचुनाव के नतीजे भी मंगलवार को घोषित होंगे। मतगणना की प्रक्रिया सुबह आठ बजे से शुरू होगी। सुबह नौ बजे से रुझान आने लगेंगे। दोपहर दो बजे से नतीजे आने शुरू होंगे। हालांकि फाइनल रिजल्ट शाम छह बजे तक घोषित होने की संभावना है। भास्कर ने लिखा है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि इस बार 96.88 करोड़ मतदाताओं में से 64.2 करोड़ मतदाताओं ने वोट कर रिकॉर्ड बनाया है।

शेयर बाज़ार झूमे

भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: हैट्रिक की उम्मीद से निवेशकों ने एक ही दिन में 14 लाख करोड़ रुपए कमाए। एग्जिट पोल में नरेंद्र मोदी के तीसरी बार सत्ता में आने की संभावनाओं ने शेयर बाजार को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिया। सोमवार को जब बाजार खुला तो बीएसई सेंसेक्स में 2622 अंकों की उछाल आई। बाद में यह 2507 अंकों की बढ़त के साथ 76468 पर बंद हुआ। यह सेंसेक्स में किसी भी एक कारोबारी सत्र की सबसे बड़ी छलांग है। निफ्टी भी 733 अंक चढ़कर 23263 पर बंद हुआ। इससे बीएसई में सूचीबद्ध 5246 कंपनियों का मूल्यांकन 412 लाख करोड़ से बढ़कर 426 लाख करोड रुपए हो गया यानी निवेशकों की दौलत 14 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई।

नीतीश-मोदी मुलाक़ात

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से एक दिन पहले सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। करीब 35 मिनट तक बातचीत हुई। यह माना जा रहा है कि शीर्ष स्तर पर हुई इस मुलाकात के दौरान बिहार एवं देश के राजनीतिक हालात, एग्जिट पोल के अनुमान और मंगलवार को आने वाले चुनावी नतीजों के साथ-साथ एनडीए गठबंधन में भविष्य में जदयू की भूमिका को लेकर भी चर्चा हुई। इस मुलाकात की राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुख्यमंत्री नीतीश को मिलना था लेकिन समय की कमी के बाद उन्होंने उनसे फोन पर बात की।

इतनी गर्मी में चुनाव गलत था: चुनाव आयोग

भीषण गर्मी में चुनाव कराने के फैसले पर हो रही आलोचना के बीच निर्वाचन आयोग ने सोमवार को स्वीकार किया कि मई- जून में चुनाव कराने का उसका फैसला गलत था। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि यह उनकी चूक थी कि चुनाव का समय तय करने के दौरान वह भीषण गर्मी करने का अनुमान नहीं लगा पाए। चुनाव एक महीने पहले कर लेने चाहिए थे। मुख्य चुनाव आयोग ने पत्रकारों से चर्चा में चुनाव के दौरान तीन सीख मिलने का जिक्र किया। पहली- इतनी गर्मी में चुनाव नहीं होना चाहिए। दूसरी- फेक नैरेटिव को काउंटर करने के लिए हमें और ज्यादा तैयारी करनी होगी और तीसरी- वीकेंड में मतदान की तारीखों को नहीं रखना चाहिए।

जयराम रमेश को कार्रवाई की चेतावनी

जागरण के अनुसार सोमवार को कांग्रेस महासचिव जय राम रमेश को चुनाव आयोग से झटका लगा। आयोग ने उनके इस दावे के समर्थन में जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय देने से साफ़ मना किया कि 4 जून को होने वाले लोकसभा चुनाव की मतगणना से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा डेढ़ सौ जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टरों को प्रभावित करने का प्रयास किया गया। चुनाव आयोग ने पहले रमेश को रविवार शाम तक उन आरोपों का तथ्यात्मक विवरण प्रस्तुत करने को कहा था जो उन्होंने हाल ही में एक इंटरनेट मीडिया पोस्ट में लगाए थे। रमेश ने सोमवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था। आयोग ने जयराम को सोमवार से ज्यादा समय देने से इनकार कर दिया और कहा कि आयोग आगे की कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा।

कुछ और सुर्खियां

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  • 64 लाख करोड़ रुपए के मालिक एलन मस्क फिर दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बने
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अनछपी: एक तरफ देश भर में इस बात की भरपूर चर्चा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार अपने पद पर बरकरार रहेंगे तो दूसरी और बिहार के बारे में भी भारी चर्चा हो रही है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने पद से इस्तीफा देकर केंद्र में मंत्री पद संभालेंगे। अखबारों ने इस बारे में कुछ खास नहीं लिखा है लेकिन सोशल मीडिया पर ऐसी चर्चाएं चल रही हैं कि शायद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को केंद्र में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिले और बिहार में मुख्यमंत्री का पद भारतीय जनता पार्टी के किसी नेता को दिया जाए। वैसे अखबारों ने यह जरूर लिखा है कि अगर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फिर सरकार बनती है तो इस बार जदयू को शुरू से ही मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। इसकी एक वजह यह भी है कि अगले साल बिहार में चुनाव होना है और उसके अनुसार भारतीय जनता पार्टी जदयू को सरकार का हिस्सा बनना चाहती है। सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों के अनुसार नीतीश कुमार को उप प्रधानमंत्री या रेल मंत्री का पद दिया जा सकता है लेकिन ऐसी अफवाहों की कहीं से कोई पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन एक कहावत है कि बिना आग के धुआं नहीं होता तो आखिर यह धुआं किस जगह की आग से आ रहा है? कहीं ऐसा तो नहीं कि भारतीय जनता पार्टी अब यह मान चुकी है कि नीतीश कुमार के पास एक बार और पलटी मारने की गुंजाइश नहीं इसलिए उन्हें इस बात के लिए मजबूर किया जाए कि वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें और सांत्वना के तौर पर उन्हें केंद्र में मंत्री बना दिया जाए? भारतीय जनता पार्टी को यह पता है कि अगर उन्होंने नीतीश कुमार को पूरी तरह डंप कर दिया तो बिहार में उसके लिए संभावनाएं कम हो जाएंगी लेकिन सत्ता ऐसी चीज है कि इसमें दबाव का खेल भी खूब चलता है। जाहिर है यह दबाव साफ-साफ सामने नहीं आएगा लेकिन इशारों से यह जरूर पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी किस तरह दबाव की राजनीति करती है। लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आज शाम तक तो पता चल ही जाएगा लेकिन बिहार के लोग इस चिंता और आशंका में लगे रहेंगे कि क्या बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का शासन काल अब खत्म होने जा रहा है।

 

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