छपी-अनछपीः विपक्ष को आगे बढ़ाएंगे नीतीश, बिहार में 15 प्रतिशत उज्ज्वला उपभोक्ता ही भरा रहे सिलेंडर

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। हिन्दी पट्टी में भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देने वाले किसी मजबूत विपक्षी नेता की कमी को पूरा करने के लिए नीतीश कुमार ने अपनी बिसात बिछाना शुरू कर दिया है। इस काम में जिस एकजुटता और सहमति की जरूरत है, वे इसे किस हद तक पूरी कर पाएंगे यह तो वक्त बताएगा मगर उनके लिए चुनौती तो बिहार से शुरू होती है क्योंकि भाजपा अब बिहार में पूरा जोर लगाएगी। इसके साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार पर भी सवाल पूछे जा रहे हैं।
यही बातें अधिकतर अखबारों में पहली खबर है। इसके अलावा कश्मीर में आत्मघाती हमले मंे सेना के चार जवानों की जान जाने की खबर भी प्रमुखता से छपी है। सत्ता गठबंधन में परिवर्तन के बाद बिहार के गर्भाशय घोटाले में सीबीआई की सक्रियता की खबर भी आयी है।
प्रभात खबर की सबसे बड़ी सुर्खी हैः विपक्ष एकजुट होकर आगे बढ़ेगा। नीतीश कुमार ने यह बात गुरुवार को विधानसभा के पास स्थित शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित करने के बाद कही। उन्होंने इस आरोप को बोगस कहा कि वे उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे। उन्होंने कहा कि पूरी मजबूती के साथ विपक्ष के सभी लोग आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे। इसी खबर के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का यह बयान भी आया है कि उनकी पार्टी लोकसभा और विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ेगी। उन्होंने यह बात कह तो दी है कि मगर चिराग पासवान को छोड़कर भाजपा आगे बढ़ेगी, यह मानना मुश्किल है।
जागरण की सबसे बड़ी खबर हैः मंत्रिमंडल का विस्तार यथाशीघ्रः सीएम। हिन्दुस्तान ने इसकी तारीख 15 अगस्त के बाद बतायी है। इससे जुड़ी भास्कर की खबर में नीतीश का बयान हैः चुनाव बाद भी हमारे खिलाफ काम कर रही थी भाजपा, हमारा आदमी उधर हो गया था।
नीतीश कुमार के साथ-साथ उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की बातें भी प्रमुखता से छपी हैं। इसमें 10 लाख नौकरी देने की बात खास है जिसके जवाब में तेेजस्वी ने अपना बचाव यह कहकर किया है कि यह बात उन्होंने सीएम बनने के बाद कही थी, अभी वे डिप्टी सीएम हैं। प्रभात खबर को दिये गये अपने इंटरव्यू में तेजस्वी ने अपनी चुनावी बात दोहरायी हैः हमारी प्राथमिकता पढ़ाई, कमाई, दवाई, सिंचाई व सुनवायी है। तेजस्वी यादव का वह व्यंग्य भी बहुत चर्चित है कि ईडी-सीबीआई अपना दफ्तर खोल ले। इधर, तेजस्वी को जेड प्लस की सुरक्षा मिल गयी है।
भास्कर की दूसरी बड़ी खबर की सुर्खी हैः गर्भाशय घोटालाः हाईकोर्ट में बोली सीबीआई- हम जांच के लिए तैयार। इस केस के सीबीआई के पास जाने का मतलब नीतीश कुमार के लिए एक नयी मुसीबत हो सकती है। यह केस बिना जरूरत यूटरस निकालने और इसमें घोटाला किये जाने का है।
हिन्दुस्तान की खास खबर हैः हर माह 15 प्रतिशत उज्ज्वला उपभोक्ता ही भरा रहे सिलेंडर। इसमंे पटना में उज्ज्वला के 2 लाख 80 हजार उपभोक्ता हैं। अप्रैल 2022 से जुलाई 2022 के बीच एक लाख 62 हजार ग्राहकों ने ही सिलंेडर भरवाया। इस तरह हर माह 40 हजार 500 उपभोक्ता ने ही गैस भरवायी है जो कुल का 15 प्रतिशत है।
अनछपीः इसमें कोई शक नहीं कि भाजपा अब बिहार में अपने हिन्दुत्व के कार्यक्रम को पूरे जोर से आगे बढ़ाएगी। दूसरी ओर नीतीश कुमार के सामने बिहार के साथ विपक्ष को आगे भी बढ़ाने की चुनौती है। ऐसे मंे मंत्रिमंडल के गठन में सही संतुलन के साथ प्रशासनिक फेरबदल मंे भी उनके अनुभव की जरूरत होगी। याद रखने की बात यह है कि बिहार की 40 लोसभा सीटों में 2019 में भाजपा व जदूय वाले एनडीए ने 39 सीटें जीती थीं। यानी उस समय के विपक्ष को महज एक सीट मिली थी। नीतीश कुमार का लक्ष्य 2024 में उस समीकरण को अपने पक्ष में करने का हो सकता है। इसके बाद हिन्दी पट्टी में उन्हें अपना प्रभाव दिखाना होगा। साथी ही, उत्तर पूर्व में उन्हें अपनी पार्टी के बेहतर प्रदर्शन को लोकसभा सीट में बदलने का मौका मिल सकता है।

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