UP विधानसभा चुनाव में धर्म का दुरुपयोग नहीं होने देंगे: Dharmik Jan Morcha

बिहार लोक संवाद डॉट नेट

बिहार की राजधानी पटना के एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल स्टडीज में 12 दिसंबर को धार्मिक जन-मोर्चा, बिहार के तत्वावधान में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय था ‘शराबः एक सामाजिक अभिशाप’। धार्मिक जन-मोर्चा राष्ट्रीय स्तर का एक सामाजिक मंच है, जिसका मकसद समाज में नफरतों को खत्म करना, नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देना और सामाजिक कुरीतियों को दूर करना है। सर्वप्रथम मोर्चा का गठन नई दिल्ली में सन 2000 में हुआ था। बिहार में हाल ही में इसका गठन हुआ है जिसमें हिन्दू, इस्लाम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन धर्म के प्रतिनिधि शामिल हैं। जिन अन्य छह प्रदेशों में मोर्चे का गठन हो चुका है, उनमें राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और उत्तरप्रदेश शामिल हैं।
रविवार को आयोजित संगोष्ठी मोर्चा का लॉंचिंग प्रोग्राम है जिसमें लगभग सभी धर्मों के प्रतिनिधियों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की। धार्मिक जन-मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक और जमाअते इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. मुहम्मद सलीम इंजीनियर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। इस अवसर पर बिहार लोक संवाद डॉट नेट के एडिटर इन चीफ सैयद जावेन हसन ने उनसे कई विषयों पर खास बातचीत की।

 

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