मुसलमानों को अपने अंदर बैठे डर को निकालना है

एक समीक्षक

बिहार में इस विधान सभा इलेक्शन में मुसलमानों को अपने अंदर बैठे डर को निकालना है। यह कि सेक्युलर पार्टी का साथ छोड़ने पर , कम्युनल पार्टी आ जायेगी। अब हमारे पास खोने को कुछ बचा नही। कोई घड़ियाली आंसू भी अब नहीं बहाता। सेकुलरिज्म थोड़ा बहुत सिर्फ और सिर्फ विभिन्न कम्युनिस्ट पार्टियों में ही दिखता है।
जो हालात अभी बिहार में दिखता है, यही हालात कभी केरला, असम, तेलंगाना कर्नाटक, और दीगर सूबे का रहा होगा।लेकिन कुछ हिम्मत से इन सुबो के हालात बदले है। केरला , जहां मुसलमानों के हालात सबसे बेहतर है, वहां शुरू से IUML का सियासत में दखल रहा है। अभी जो हालात इन सूबों में है, उनपर एक नज़र डालें।
1.IUML के पास केरल में 4 MP और 18 MLA हैं।
2 AIUDF के पास असम में 1 MP और 14 MLA हैं ।
3 AIMIM के पास तेलंगाना में 2 MP और 10 MLA हैं।
4 SDPI के पास लोकल बॉडीज में, कर्नाटका,तमिल नाडु, केरला,राजस्थान में बहुत सारी सीट है।

आखिर यहां भी कभी 0 से और दिल मे डर से शुरुआत हुई होगी।
समझने और याद रखने वाली बात यह है कि मुसलमानों से जुड़ी कोई भी इशू पर इनकी ही पार्टियों के लोगो ने आवाज़ उठाई।

IUML, AIUDF, AIMIM और SDPI कभी तथाकथित सेक्युलर पार्टियों के लिए अछूत रही थी, लेकिन जब इनलोगो ने अपनी वोट शेयरिंग दिखाई, तो इनसे, कांग्रेस और दीगर पार्टियों ने एलाइंस किया, और अभी बिहार में भी कर रहे है।
आप हिम्मत करें, और अपना वोट शेयरिंग दिखाए, इंशा अल्लाह कुछ सीट भी यह हासिल कर लेंगी।

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