छ्पी-अनछपी: नदियों में उफान से बिहार में बाढ़ का खतरा-असम में तबाही, नीट पर सुप्रीम सुनवाई आज

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। नदियों में उफान आने से बिहार में बाढ़ का खतरा है तो असम में बाढ़ से तबाही की खबर है। मेडिकल दाखिला इम्तिहान नीट के बारे में दी गई अर्जियों पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। आयुष्मान भारत के तहत बीमा कवर 10 लाख करने की तैयारी चल रही है। बिहार में पुलों का हेल्थ कार्ड बनेगा। फ्रांस में उम्मीदों के खिलाफ वामपंथी दल संसदीय चुनाव में बढ़त बनाए हुए हैं।

प्रभात खबर की सबसे बड़ी सुर्खी है: नदियों के तूफान ने बढ़ाई चिंता, सीएम आज करेंगे बाढ़ व कटाव का निरीक्षण। बिहार में कोसी, गंगा, गंडक, घाघरा, पुनपुन, बागमती, महानंदा और परमार नदियां उफान पर हैं। कोसी नदी से सुपौल के बीरपुर बराज और गंडक नदी के वाल्मीकि नगर बराज से इस साल का अधिकतम पानी रविवार को छोड़ा गया। नदियों के उफान को देखते हुए निचले इलाके के लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का अलर्ट जारी किया गया है। जल संसाधन विभाग ने तटबंधों को सुरक्षित बताया है। इधर सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वाल्मीकि नगर के गंडक बराज सहित बेतिया, गोपालगंज और पूर्वी चंपारण में जल स्तर का हेलीकॉप्टर से निरीक्षण करेंगे। भास्कर के अनुसार कोसी तदबंध के बीच बसे 125 गांवों में पानी घुस गया है। हिन्दुस्तान के मुताबिक नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में बारिश के बाद रविवार को कोसी नदी उफना गई। इससे सुपौल, मधेपुरा और सहरसा जिले में बाढ़ का संकट उत्पन्न हो गया है। मधेपुरा में आलमनगर तो सहरसा में सलखुआ के निचले इलाकों में पानी फैलने लगा है। खगड़िया जिले में कोसी और बागमती के जलस्तर में उतार-चढ़ाव से कटाव तेज हो गया है।

असम में बाढ़ से तबाही

असम के लगभग हर जिले में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। राज्य में 29 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। करीब 24 लाख लोग इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए हैं। इनमें से धुबरी में सबसे अधिक 7.95 लाख लोग प्रभावित हैं। इसके साथ ही कछार और दरांग जिले भी बाढ़ का कहर जारी है। इन दोनों जिलों में डेढ़-डेढ़ लाख लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं। राज्य के कुल 577 राहत शिविरों में 53 हजार से अधिक लोगों ने शरण ले रखी है।

नीट पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

भास्कर के अनुसार विवादों में गिरी नीट यूजी 2024 पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी। परीक्षा आयोजित करने वाली एनटीए ने हाल ही में कोर्ट में कहा था कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के सबूत नहीं है। “ऐसे में परीक्षा रद्द की जाती है तो लाखों ईमानदार बच्चों के लिए गंभीर संकट पैदा हो जाएगा।” कुल 38 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इनमें एक बड़ी मांग परीक्षा रद्द करने और नए सिरे से परीक्षा करवाने से जुड़ी है। वहीं नीट देने वाले 50 से अधिक छात्रों ने फिर पेपर कराने के खिलाफ याचिका दी है।

आयुष्मान कवर 10 लाख करने की तैयारी

जागरण की पहली खबर के अनुसार केंद्र सरकार अपनी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभार्थियों के बीमा कवरेज को दुगना कर 10 लाख रुपए प्रतिवर्ष करने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा लाभार्थियों की संख्या आगामी 3 साल के दौरान दुगनी करने पर गंभीरता से विचार हो रहा है। सरकार शुरुआत में 70 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को इसके दायरे में लाने की भी की घोषणा कर चुकी है।

पुलों का हेल्थ कार्ड बनेगा

हिन्दुस्तान की खास खबर है कि बिहार में पुलों के रखरखाव की नीति (ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी) लागू हो गई है। इस नीति के आधार पर पुलों का हेल्थ कार्ड बनेगा और रखरखाव के लिए विशेष प्रभाग (डिविजन) का गठन होगा। मुख्य अभियंता इस डिवीजन के हेड होंगे। इनके साथ ही अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता और कनीय अभियंताओं की टीम होगी। टीम के इंजीनियर नियमित तौर पर पुल-पुलियों की जांच करेंगे। जांच केवल कागजों पर ही नहीं, बल्कि वीडियो व तस्वीर के साथ होगी। जहां भी इन्हें गड़बड़ी मिलेगी, वे इसकी जानकारी तत्काल विभाग को देंगे।

फ्रांस में लेफ्ट पार्टियों का बेहतर प्रदर्शन

फ्रांस के संसदीय चुनाव में वामपंथी गठबंधन अप्रत्याशित रूप से दक्षिणपंथी गठबंधन को पीछे छोड़ते हुए बढ़त हासिल करता दिख रहा है। यह चुनाव दक्षिणपंथी मरीन ली पेन की नेशनल रैली के लिए बड़ा झटका है क्योंकि माना जा रहा था कि नेशनल रैली को जीत मिलेगी हालांकि पिछले चुनाव की तुलना में नेशनल रैली पार्टी की सीट बढ़ी है। अधिकतर निर्वाचन क्षेत्र के परिणाम सोमवार सुबह तक आने की संभावना है।

पति के बाद पत्नी ने भी की आत्महत्या

बनारस से हिन्दुस्तान की खबर है कि मवइयां (सारनाथ) की अटलनगर कॉलोनी स्थित होम स्टे नामक गेस्ट हाउस में रूम नंबर 202 में पटना के बाढ़ निवासी 28 वर्षीय हरीश बगेश ने शनिवार रात फांसी लगाकर जान दे दी। उसकी मौत की खबर पाते ही गोरखपुर के सिविल लाइंस पार्क रोड में उसकी पत्नी संचिता शरण श्रीवास्तव (28) ने छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। हरीश ने जम्मू से एमबीए की पढ़ाई की थी। मुंबई में एक प्राइवेट बैंक में कार्यरत था,पत्नी संचिता के साथ रह रहा था। पत्नी की तबीयत खराब होने पर हरीश नौकरी छोड़कर पत्नी के साथ ससुराल गोरखपुर के सिविल लाइंस पार्क रोड आ गया। हरीश के ससुर डॉ. रामशरण श्रीवास्तव गोरखपुर के मनोचिकित्सक हैं। हरीश तीन माह से ससुराल में ही था। काम न होने के कारण डिप्रेशन में चला गया।

कुछ और सुर्खियां

  • झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का फ्लोर टेस्ट आज, 44 विधायकों का मिल सकता है समर्थन
  • बंगाल राजभवन से विवाद में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर और डिप्टी पुलिस कमिश्नर पर केंद्र ने की अनुशासनात्मक कार्रवाई
  • पटना से नेपाल, जापान और थाईलैंड के लिए जल्द शुरू होगी हवाई सेवा
  • सीटेट: दूसरों की जगह परीक्षा दे रहे 23 मुन्नाभाई हुए गिरफ्तार
  • पूर्वी चंपारण जिले में पानी के दबाव से तीन पुलिया ध्वस्त
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन के लिए आज पहुंचेंगे मॉस्को
  • दूसरे T20 मैच में भारत ने जिंबॉब्वे को 100 रनों से हराया
  • बिहार के कई जिलों में ठनका गिरने से 13 लोगों की मौत
  • गया, भागलपुर और दरभंगा समेत बिहार के 13 शहरों में कैब सेवा जल्द

अनछपी: पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल यानी पीएमसीएच अगले साल 100 वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है और इस पर लगभग 250 सौ से 300 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है। पीएमसीएच के प्रिंसिपल और आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ विद्यापति चौधरी के अनुसार इसके लिए राज्य सरकार से भी आर्थिक मदद की मांग की जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि इसमें विदेश में रहने वाले 400 पूर्व छात्र व चिकित्सक समेत कुल 4000 पूर्व और वर्तमान छात्र शामिल होंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीएमसीएच को एशिया का सबसे बड़ा हॉस्पिटल बनना चाहते हैं और बड़े पैमाने पर यहां बिल्डिंग वगैरह भी बनाई जा रही है। लेकिन आम आदमी से पूछिए कि वह पीएमसीएच के इलाज की व्यवस्था से संतुष्ट हैं, तो अक्सर लोग परेशानी बताएंगे। कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्या आई तो वह पीएमसीएच ना जाकर एक प्राइवेट अस्पताल गए। ऐसा भी नहीं है कि पीएमसीएच में इलाज बिल्कुल नहीं होता लेकिन इसके लिए जितनी मशक्कत करनी पड़ती है और जो परेशानियां झेलनी पड़ती हैं वह हम सबके लिए चिंता का विषय है। मरीज अक्सर इस बात की शिकायत करते हैं कि वहां दवाएं नहीं मिलतीं, मशीनें खराब रहती हैं और गंदगी का आलम रहता है। अक्सर सीनियर डॉक्टरों के गायब रहने की शिकायत भी मिलती है। इस चर्चा का मकसद यह है कि जो 250-300 करोड़ रुपए जश्न मनाने में खर्च करने की योजना बनाई जा रही है, क्या उस पैसे से पीएमसीएच की छोटी-मोटी गड़बड़ियों को दूर करने की कोशिश नहीं की जा सकती? पीएमसीएच के 100वें स्थापना दिवस के लिए बनाई गई आयोजन समिति की नजर में 250- 300 करोड़ की बहुत ज्यादा अहमियत ना हो लेकिन अगर आम आदमी के लिहाज से सोचा जाए तो यह लगभग 500 लोगों की पूरी जिंदगी की कमाई के बराबर है। कहने का मकसद यह नहीं है कि पीएमसीएच अपने 100 वें स्थापना दिवस पर जश्न ना मनाए बल्कि उसी जश्न के तौर पर उन गड़बड़ियों को दूर करने में पैसे लगाया जाएं जिनकी वजह से आम आदमी परेशान होकर बाहर की सेवा लेने को मजबूर हो जाता है। उदाहरण के लिए कभी एक्स-रे मशीन छोटी सी कमी की वजह से खराब पड़ी रहती है, कभी अल्ट्रासाउंड मशीन खराब पाई जाती है, कभी एमआरआई मशीन में परेशानी आ जाती है और कभी डायलिसिस की मशीन छोटी-मोटी कमी की वजह से इस्तेमाल करने लायक नहीं रह जाती है। पीएमसीएच चाहे तो अपने जश्न के तौर पर गरीब मरीजों को आर्थिक मदद भी कर सकता है। इस जश्न के लिए बिहार सरकार को कोई आर्थिक मदद हरगिज नहीं करनी चाहिए क्योंकि जश्न मानने वाले लोग इतने सक्षम हैं कि वह अपने बल पर यह कार्यक्रम करें। इस समारोह के लिए जो चंदा जमा करने का लक्ष्य है उसे पूरा करने के साथ-साथ जश्न को आम मरीज की मदद का अवसर बनाया जाए।

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