छ्पी-अनछपी: जमीन सर्वे से तय नहीं होगा पारिवारिक बंटवारा, बांग्लादेश शेख हसीना को सौंपने की मांग करेगा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में जमीन सर्वे के बारे में यह अहम खबर आई है कि इससे पारिवारिक बंटवारा तय नहीं होगा। बांग्लादेश पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करेगा। पाकिस्तान में इमरान खान समर्थक और पुलिस में झड़प हुई है। कपलिंग टूटने से मगध एक्सप्रेस दो हिस्सों में बंट गई।

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार बिहार में चल रहे जमीन सर्वे को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने कई तकनीकी पक्षों को स्पष्ट किया है। इसमें एक तथ्य यह भी है कि जमीन सर्वे के माध्यम से दर्ज पारिवारिक सदस्यों के नाम के आधार पर उन सभी के बीच बंटवारा भी मान लेना उचित नहीं है। पारिवारिक बंटवारा हमेशा पारिवारिक सदस्यों की आम सहमति से ही हो सकता है। बंटवारे में प्रत्येक सदस्य के लिए जमीन के रकबा के साथ ही जमीन की चौहद्दी तय की जाती है। यह चौहद्दी सभी सदस्यों की आपसी सहमति से ही हो सकती है। ऐसे में यदि परिवार के सभी सदस्य आपसी सहमति से पारिवारिक बंटवारानामा पर बनाकर जमीन सर्वे के आवेदन के साथ देंगे तो यह सर्वे में दर्ज हो सकेगा।

शेख हसीना को सौंपने की मांग करेगा बांग्लादेश

जागरण के अनुसार बांग्लादेश पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत से प्रत्यर्पण के लिए जरूरी प्रक्रिया की जल्दी शुरुआत करेगा। उन पर लगे छात्रों की सामूहिक हत्या के आरोपी की जांच और सुनवाई के लिए जरूरी है। यह बात इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल के बांग्लादेश के नवनियुक्त चीफ प्रॉसिक्यूटर ने कही है। बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफा की मांग को लेकर 4 अगस्त को छात्रों ने आंदोलन छेड़ा था। आंदोलन के हिंसक होने और लाखों आंदोलनकारी के ढाका पहुंचने पर हसीना ने 5 अगस्त को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर भारत चली गई थीं। इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल के चीफ प्रॉसिक्यूटर मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने कहा कि हम ट्रिब्यूनल में जल्द ही प्रार्थना पत्र देकर शेख हसीना सहित सभी भगोड़े आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी करने का अनुरोध करेंगे।

इमरान की रिहाई को लेकर बवाल

भास्कर के अनुसार पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई को लेकर रविवार देर रात जमकर बवाल हुआ। इमरान की पार्टी पीटीआई के लगभग 50 हज़ार कार्यकर्ता पुलिस से भिड़ गए। कार्यकर्ता इस्लामाबाद में मवेशी मैदान में सभा के लिए जा रहे थे लेकिन पुलिस ने एनओसी के नहीं होने का हवाला देते हुए उन्हें शहर के एंट्री गेटों पर रोक दिया। इस्लामाबाद को छावनी में तब्दील कर दिया गया। इससे गुस्साए पीटीआई कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर जमकर पथराव किया। पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव नतीजे आने के बाद इमरान खान की पार्टी की यह पहली रैली थी।

मगध एक्सप्रेस दो हिस्सों में बंटी

जागरण की सबसे बड़ी खबर नई दिल्ली से इस्लामपुर जा रही मगध एक्सप्रेस ट्रेन रविवार की सुबह 11:08 डुमरांव रेलवे स्टेशन से चलने के 8 मिनट बाद ही दो हिस्सों में बंट गई। यह घटना टुड़ीगंज रेलवे स्टेशन से लगभग डेढ़ किलोमीटर आगे दो बोगियां को जोड़ने वाले कपलिंग टूटने के कारण हुई। तब ट्रेन की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक थी। कपलिंग टूटने से एयर प्रेशर पाइप फट गया जिससे ट्रेन कुछ दूर आगे जाकर खुद रुक गई और इसके दोनों हिस्से 100 मीटर के फासले पर खड़े हो गए। ट्रेन तेज झटका के साथ रुकी लेकिन राहत की बात यह रही कि किसी यात्री को चोट लगने की खबर नहीं है। लगभग सवा तीन घंटे बाद कपलिंग जोड़ने के बाद ट्रेन रवाना हुई।

गैर हिंदुओं के प्रवेश पर पाबंदी का विवाद

हिन्दुस्तान के अनुसार उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग के केदारघाटी के कुछ गांवों में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध और दंड के प्रावधान से जुड़े साइन बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ गया है। पुलिस की सख्ती के बाद रविवार को साइन बोर्ड से गैर हिंदू शब्द मिटा दिया गया। अब बाहरी और फेरी वालों के गांव में प्रवेश और व्यापार करने पर प्रतिबंध के बोर्ड लगे हैं। डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि इस मामले में एसएसपी को जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। केदारघाटी में रविग्राम, गौरीकुंड, न्यालसू, खड़िया, सहित कई गांवों में गैर हिंदुओं और बाहरी लोगों का प्रवेश रोकने के लिए स्थानीय लोगों ने साइन बोर्ड लगाए थे।

मॉब लिंचिंग को गलत बताया आरएसएस के इंद्रेश ने

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने कहा कि भीड़ हिंसा किसी भी रूप में जायज नहीं है। माब लिंचिग चाहे किसी भी धर्म-जाति के लोगों की हो, यह निंदनीय है। गायों के वध पर भी उन्होंने निषेध की बात कही। रविवार को होटल मौर्या में प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि सभी जाति धर्म के लोग अपना आचार-व्यवहार का पालन करें, साथ ही दूसरों का भी सम्मान करें।

कुछ और सुर्खियां

  • बिहार के एनएच प्रोजेक्ट के लिए मिले 26710 करोड़ रुपये
  • भारत में मंकी पॉक्स का पहला संदिग्ध मरीज मिला
  • बिहार के एक लाख कंप्यूटर ऑपरेटर को ट्रेनिंग दी जाएगी
  • आय से अधिक संपत्ति का केस डीआईजी से नीचे के अफ़सर नहीं करेंगे
  • जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक आज, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी में कटौती संभव
  • केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का बयान- अधिकारी पी रहे शराब और मजदूर को हो रही जेल
  • वरिष्ठ पत्रकार रवि प्रकाश को अमेरिका में मिला पेशेंट एडवोकेसी अवार्ड

अनछपी: वैसे तो बिहार में सड़क हादसे में हुई मौत पर बहुत चर्चा नहीं होती लेकिन आजकल चिकनी चौड़ी सड़क पर रेस लगाने और लहरिया कट बाइक चलाने वालों की भी मौत हो रही है। बिहार में कुछ जगहों पर चौड़ी सड़क क्या बनी है बाइक चलाने वालों ने ट्रैफिक के सारे नियमों की धज्जियां उड़ाकर रेस लगाना शुरू कर दिया है। पटना का अटल पथ एक ऐसी ही सड़क है जहां रविवार को तेज रफ्तार बाइक डिवाइडर से टकरा गई जिससे बाइक चला रहे युवक की मौत हो गई। चिकनी चौड़ी सड़क के अलावा बाइक भी इतनी शक्तिशाली हो गई है कि उसकी रफ्तार हेलमेट रहते हुए जान ले रही है। बताया गया कि जिस हादसे का शिकार जिस बाइक पर युवक सवार था वह 400 सीसी की थी और वह युवक इकलौता बेटा था। टक्कर इतनी जोरदार थी कि डिवाइडर से टकराकर हेलमेट टूट गया और सर फट गया। खबरों में बताया गया की तीन बाइक पर पांच युवक सवार थे और रेस लगा रहे थे। रेस लगाने के दौरान चकमा देने के कारण यह दुर्घटना हुई। इस बाइक रेस में जो अन्य लड़के थे उनका इंस्टाग्राम प्रोफाइल भी बना हुआ है और वहां बाइक से स्टंट और रफ़ ड्राइविंग के वीडियो भी मिले हैं। अफसोस की बात यह है कि ऐसी घटनाओं के होने के बाद भी रफ़ ड्राइविंग और बाइक रेसिंग का मामला नहीं रुकता है। रोड सेफ्टी के लिहाज से देखा जाए तो यह ट्रैफिक पुलिस की जिम्मेदारी है कि ऐसे बाइक सवारों पर पाबंदी लगाए लेकिन दूसरी ओर यह बात भी सही है की मां-बाप को भी अपने बच्चों को सही ट्रेनिंग देनी चाहिए। ऐसी बाइक रेसिंग से बाइक सवार अपनी जान तो खतरे में डालते ही है दूसरे लोगों को भी मुसीबत में डाल देते हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि ट्रैफिक पुलिस ऐसे लड़कों पर सख्त कार्रवाई करे और जरूरत पड़े तो उनके मां-बाप पर भी जुर्माना लगाए। कार रेसिंग और बाइक रेसिंग के लिए विशेष ट्रेनिंग और लिबास की जरूरत होती है और उसके लिए विशेष सड़क भी होती है। लेकिन इंस्टाग्राम पर लाइक्स पाने के चक्कर में आज के युवा इन सब बातों को ध्यान में न रखकर अपनी जान जोखिम में डालते हुए रेसिंग में लग जाते हैं। इस बात की सख्त जरूरत है कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए एक तरफ कानून का सख्ती से पालन हो तो दूसरी और मां-बाप और बच्चों को भी जागरूक किया जाए।

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