छपी-अनछपी: यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बोले मान- हर धर्म का हो सम्मान, शिक्षक भर्ती पर रोक की मांग खारिज

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। यूनिफॉर्म सिविल कोड पर चल रही चर्चा के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि सिख समुदाय की रस्में अलग हैं और हर धर्म का सम्मान किया जाना चाहिए। इसकी छोटी सी खबर जागरण में छपी है। बिहार में शिक्षक भर्ती पर रोक लगाने की अर्ज़ी को फिलहाल कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसकी खबर प्रमुखता से ली गई है। चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी से रोकने के लिए सरकार की घोषणा की खबर भी पहले पेज पर है।

जागरण की खबर है: हर धर्म की अपनी रस्में, सभी का सम्मान जरूरी: भगवंत मान। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के संबंध में जब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से पूछा गया कि आनंद मैरिज एक्ट को भी इसके दायरे में लाने की चर्चा है तो उन्होंने कहा कि भारत एक गुलदस्ता है जिसमें कई रंगों के फूल हैं। “हर धर्म की अपनी रस्में हैं और हमें सभी का सम्मान करना चाहिए। हमारे यहां सिखों में चार फेरे लिए जाते हैं तो हिंदुओं में सात फेरे हैं। हम सुबह 12:00 बजे से पहले आनंद कारज कर लेते हैं, हिंदुओं में रात को ये रस्में निभाई जाती हैं। मरने पर हमारे यहां अगली पीढ़ी को पगड़ी बांधी जाती है, जबकि हिंदुओं में मुंडन होता है। सरकार को इससे क्या फर्क पड़ता है कि कोई कैसे अपनी रस्में निभाता है।

जदयू यूसीसी का संसद में विरोध करेगा

सरकार अगर यूनिफार्म सिविल कोड (यूसीसी) बिल संसद में लाती है तो जदयू इसका पुरजोर विरोध करेगा। जदयू यह प्रयास करेगा कि किसी कीमत पर यूसीसी बिल पारित नहीं हो। हिन्दुस्तान के अनुसार ये बातें मुंगेर सांसद और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहीं। श्री सिंह खानकाह रहमानी में मंगलवार की शाम आयोजित स्वागत समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने बिहार झारखंड ओडिसा के अमीर-ए-शरियत हजरत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी से मुलाकात की।

शिक्षक भर्ती पर रोक की मांग नामंज़ूर

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: शिक्षक भर्ती पर रोक से कोर्ट का इंकार। पटना हाईकोर्ट ने पौने दो लाख शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है। कोर्ट ने शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया और इसकी नियमावली को चुनौती देने वाली करीब एक दर्जन याचिकाओं पर मंगलवार को एक साथ सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। पौने दो लाख शिक्षकों की बहाली के लिए बिहार राज्य शिक्षक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई व सेवा शर्तें) नियमावली 2023 की वैधता को चुनौती दी गई है।

चिटफंड कंपनी पर नकेल

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: सरकार “कसेगी धोखाधड़ी करने वाली चिटफंड कंपनियों पर नकेल। भास्कर ने लिखा है; कंपनी भागी तो संपत्ति होगी ज़ब्त, इसे बेच लौटाना होगा पैसा। जागरण लिखता है कि धोखाधड़ी के बल पर बिहार में अपने कारोबार का विस्तार करने वाले चिटफंड कंपनियों या इस जैसे दूसरे संस्थानों पर अब सरकार नकेल कसेगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में चिट फंड कंपनियों को कानूनी दायरे में लाकर उन पर कार्रवाई के लिए अनरेगुलेटेड डिपॉजिट एक्ट को स्वीकृति दी गई। भास्कर के अनुसार इस नियमावली के तहत अब अगर कोई भी संस्था अवैध तरीके से पैसे जमा करेगी या पैसे लेकर भाग जाएगी तो राज्य सरकार उनके कार्यकलापों की जांच करेगी, ऑडिट करेगी और संबंधित दूसरी संस्था की संपत्ति जब्त करेगी। जरूरत पड़ने पर उनकी संपत्ति को बेच कर जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे लौटाएगी।

एनसीपी में आज ज़ोर आजमाईश

एनसीपी में विद्रोह के बाद पार्टी पर वर्चस्व को लेकर दोनों गुटों (शरद पवार-अजीत पवार) में लड़ाई तेज हो गई है। हिन्दुस्तान के अनुसार इसी कड़ी में अपनी ताकत दिखाने के लिए दोनों गुटों ने बुधवार को अलग-अलग बैठक बुलाई है। बैठक से एक दिन पहले शरद पवार नीत राकांपा ने मंगलवार को सभी विधायकों को ‘व्हिप’ जारी कर उन्हें उपस्थित रहने को कहा है। वहीं, अजित पवार खेमे ने भी सभी पदाधिकारियों को एक नोटिस जारी कर सुनील तटकरे द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लेने के लिए कहा है।

पाकिस्तानी राष्ट्रपति हज पर और…

भास्कर की खबर है: राष्ट्रपति हज पर, शरीफ़ सरकार ने इमरान की गिरफ्तारी के लिए आधी रात को कानून बदला। पाकिस्तान 9 मई को हुए उपद्रव से उबर भी नहीं पाया है कि एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर कार्रवाई की तैयारी हो गई है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी इस समय सऊदी अरब में हज करने गए हैं। उनकी गैरमौजूदगी में कार्यवाहक राष्ट्रपति सादिक संजरानी ने मंगलवार को आधी रात को एक अध्यादेश पारित किया। इसमें जवाबदेही निगरानी संस्था कानून में संशोधन किया गया। इसमें रिमांड की अवधि 15 दिन से बढ़ाकर 30 दिन कर दी गई है। दुबई में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं की बैठक में तय कर लिया गया है कि पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया जाए। इस गिरफ्तारी के साथ ही पाकिस्तान मुस्लिम लीग के प्रमुख नवाज शरीफ की देश में लौटने की संभावना है। उनकी वापसी 14 अगस्त को हो सकती है।

अमेरिका में भारत के दफ्तर में आगजनी

अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में खालिस्तान समर्थकों ने आग लगा दी। हालांकि, अग्निशमन विभाग ने आग पर काबू पा लिया। हिन्दुस्तान के अनुसार घटना रविवार रात की है, लेकिन अमेरिकी सरकार के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। इस घटना में दूतावास को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा। किसी के घायल होने की सूचना भी नहीं है। मामले की जांच फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) ने शुरू कर दी है। वहीं, अमेरिका ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे आपराधिक कृत्य बताया और कार्रवाई की बात कही है।

कुछ और सुर्खियां

  • बिहार के 10 जिलों में ठनका गिरने से 25 लोगों की मौत
  • भारतीय जनता पार्टी ने चार राज्यों में अध्यक्ष बदले, झारखंड में बाबूलाल मरांडी को जिम्मा
  • 8463 पैक्सों में बनाए जाएंगे 42 लाख 31 हज़ार नए सदस्य
  • बायोफ्यूल यूनिट लगाने पर पांच करोड़ रुपये तक मिलेगा अनुदान
  • मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को राहत, अब अगले वर्ष जनवरी में सुनवाई
  • बिहार के स्कूलों में 40000 रसोइयों की होगी बहाली

अनछपी: यूनिफॉर्म सिविल कोडब(यूसीसी) पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का दिया गया बयान बेहद महत्वपूर्ण है। हालांकि उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल यूनिफॉर्म सिविल कोड के समर्थक माने जाते हैं लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री ने सिखों की रस्मों का हवाला देकर महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। मीडिया में आमतौर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ की चर्चा होती है लेकिन यह बात कम ही लोगों को मालूम होती है कि हर धर्म के लिए वैवाहिक कानून अलग लागू किए गए हैं। केजरीवाल का रुख चाहे जो हो लेकिन भगवंत मान का यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि सिख समुदाय यूसीसी को लेकर असहज है। इससे पहले आदिवासी समुदायों की बात भी आ चुकी है जिनकी रस्में बिल्कुल अलग हैं और वह किसी भी हाल में यूसीसी के लिए तैयार नहीं दिखते। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद और कानून मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी के हवाले से यह बात सामने आ चुकी है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड से आदिवासियों को दूर रखा जा सकता है। आदिवासियों के बाद अब सिखों के आनंद मैरिज एक्ट का मामला भी सामने आ चुका है तो क्या सुशील कुमार मोदी सिखों को भी यूनिफॉर्म सिविल कोड में अपवाद मानने के लिए तैयार होंगे? ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी के दूसरे नेता यूनिफॉर्म सिविल कोड के सिलसिले में आदिवासियों और सिखों और अन्य समुदाय की आपत्तियों से परिचित नहीं होंगे। बहुत से राजनीतिक विश्लेषक यह मानकर चल रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी का असली उद्देश्य यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना नहीं बल्कि इसके नाम पर धार्मिक ध्रुवीकरण तेज़ करना है ताकि 2024 के चुनाव में उन्हें एक बड़ा मुद्दा मिल जाए जिस पर वह हिंदू और मुसलमान की राजनीति कर सकें। सिखों के आनंद मैरिज एक्ट पर भारतीय जनता पार्टी के नेता क्या सोचते हैं यह बात भी जल्द ही उजागर हो जाएगी। अगर वह आदिवासियों के बाद सिखों को भी रियायत देना चाहते हैं तो यह धारणा और मजबूत होगी कि भारतीय जनता पार्टी यूसीसी के नाम पर वास्तव में मुसलमानों के खिलाफ माहौल तैयार करना चाहती है ताकि उसे हिंदुओं का ध्रुवीकरण तेज़ करने में आसानी हो।

 

 

 

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