अपने जीवन का शायद आखिरी चुनाव इस तरह हारे अब्दुलबारी सिद्दीकी
बिहार लोक संवाद ब्यूरो
पटना, 10 नवंबर: राजद के कद्दावर नेता और लालू के करीबी अब्दुल बारी सिद्दीकी अप्रत्याशित रूप से चुनाव हार गए। यह बिहार विधान सभा चुनाव 2020 का सबसे बड़ा उलट-फेर है। अब्दुल बारी सिद्दीकी वित्त मंत्री रह चुके हैं और तेजस्वी के ‘नीचे’ काम कर चुके हैं। यह सिद्दीकी के लिए किसी सदमे से कम नहीं कि शायद अपने जीवन का आखिरी चुनाव लड़ते हुए वो इस बार केवटी विधानसभा क्षेत्र की चुनावी पिच पर क्लीन बोल्ड हो गए और सातवीं बार जीत का सेहरा नहीं बांध पाए।
सिद्दीकी दरभंगा जिले के बहेड़ा विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1995, 2000, फरवरी एवं अक्टूबर 2005 में तथा अलीनगर से वर्ष 2010 और 2015 में कुल छह बार जीत चुके हैं। इस बार उन्हें केवटी में भाजपा के मुरारी मोहन झा हाथों 5267 मतों के अंतर से शिकस्त खानी पड़ी। झा को जहां 76320 मत मिले वहीं श्री सिद्दीकी 71053 वोट पाए। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में श्री सिद्दीकी ने अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 13460 मतों के भारी अंतर से हराया था।
वोट का गणित
मुस्लिम, , यादव और ब्रह्मण वोटर इस सीट पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। अनुसूचित जातियों में रविदास और पासवान की भी अच्छी-खासी संख्या है।
Total voters – 2.82 lakh
male voters – 1.51 lakh
female voters – 1.31 lakh
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