छपी-अनछपी: जातीय गिनती पर जल्द सुनवाई की अर्जी, कचरा प्रबंधन में फेल बिहार पर 4 हज़ार करोड़ का जुर्माना

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में जातीय गणना पर हाई कोर्ट द्वारा स्टे लगाने के बाद सरकार ने इस पर जल्दी सुनवाई के लिए अपील दायर की है। इससे जुड़ी खबर प्रमुखता से छपी है। बिहार पर कचरा को सही तरीके से नहीं निपटाने के कारण 4000 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इस खबर को भी काफी अहमियत मिली है। मणिपुर में तनाव कायम रहने की खबर अंदर के पन्ने पर दी गई है।

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: सरकार जाति आधारित गणना पर जल्द सुनवाई को हाई कोर्ट पहुंची। हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी हेडलाइन है: जातीय गणना: सरकार की अपील पर सुनवाई 9 मई को। बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट से जाति आधारित गणना पर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई है। राज्य सरकार की इस अपील पर हाईकोर्ट में 9 मई को सुनवाई होगी। शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से इस मामले पर जल्द सुनवाई करने के लिए हाईकोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की गई और दोपहर बाद महाधिवक्ता पीके शाही ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति राजीव रॉय की खंडपीठ से जल्द सुनवाई करने की गुहार लगाई।

जातीय गणना पर क्या बोले लालू?

भास्कर की सुर्खी है: लालू बोले जातीय गणना तो होकर रहेगी, आखिर भाजपा डरती क्यों है? इसके साथ एक और सुर्खी है: गिरिराज बोले- 33 वर्षों के शासन में सिर्फ 2 जातियों का ही हुआ फायदा। लालू ने ट्वीट किया: जातिगत जनगणना बहुसंख्यक जनता की माँग है और यह हो कर रहेगा। BJP बहुसंख्यक पिछड़ों की गणना से डरती क्यों है? “जो जातीय गणना का विरोधी है वह समता, मानवता, समानता का विरोधी एवं ऊँच-नीच, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन, सामाजिक व आर्थिक भेदभाव का समर्थक है। देश की जनता जातिगत जनगणना पर BJP की कुटिल चाल और चालाकी को समझ चुकी है।”

विधायक गिरिराज सिंह ने कहा कि वह जातीय गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। उन्होंने दावा किया कि वे गणना के विरोधी नहीं है।

चार हज़ार करोड़ का जुर्माना

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: कचरा प्रबंधन में बिहार फेल, NGT ने लगाया 4000 करोड़ का जुर्माना। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने ठोस और तरल कचरे का वैज्ञानिक रूप से प्रबंधन करने में नाकाम रहने के लिए बिहार पर चार हजार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल की पीठ ने निर्देश दिया कि जुर्माने की राशि 2 महीने के भीतर रिंग-फेंस खाते में जमा कराई जाए और मुख्य सचिव के निर्देशों के अनुसार इसका इस्तेमाल राज्य में सिर्फ अपशिष्ट प्रबंधन के लिए किया जाए। रिंग-फेंस खाते में जमा राशि के रिश्ते को खास उद्देश्य के लिए रखा जाता है।

मणिपुर के हालात

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मणिपुर में बिहारियों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को यह भी निर्देश दिया है कि मणिपुर में रह रहे बिहार के ऐसे लोग जो वापस बिहार आना चाहते हैं, उन्हें वापस लौटने में कोई दिक्कत नहीं हो, यह व्यवस्था कराएं, ताकि वे सुरक्षित बिहार वापस आ सकें। मालूम हो कि मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मैतेई समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद वहां की सरकार ने उपद्रवियों को देखते गोली मारने का आदेश जारी किया है।

इस बारे में भास्कर ने खबर दी है: मणिपुर हिंसा: कोबरा कमांडो और आयकर अफसर की हत्या 8 ज़िलों में सेना के 10000 जवान तैनात। अखबार लिखता है कि तीन दिन हिंसा के बाद मणिपुर अब शांति की ओर बढ़ रहा है, हालांकि तनाव कायम है। शुक्रवार को राज्य में कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई। कर्फ़्यू लगा हुआ है और इंटरनेट भी बंद है। अपुष्ट रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा में 12 लोगों की मौत हुई है।

राजौरी में सेना पर हमला

हिन्दुस्तान की पहली खबर है: राजौरी में पांच सैनिक शहीद। अखबार लिखता है: जिस समय गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक चल रही थी, उसी वक्त जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में आतंकवादियों ने विस्फोट किया। इसमें पांच सैन्यकर्मी शहीद और मेजर रैंक के एक अधिकारी घायल हो गए। आतंकियों की तलाश की जा रही है। इलाके में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद के संगठन पीपल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट ने ली है।

बिलावल का दौरा और जयशंकर की टिप्पणी

हिन्दुस्तान ने भारत के विदेश मंत्री जयशंकर के बयान से पहले पेज पर सुर्खी लगाई है: बिलावल आतंकी फैक्ट्री के प्रवक्ता बनकर आए। जागरण की दूसरी सबसे बड़ी सुर्खी है: पाकिस्तान आतंकी इंडस्ट्री का प्रवक्ता। कश्मीर में शुक्रवार को आतंकवादी हमले से नाराज भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, सीमापार आतंकवाद समेत इसके सभी स्वरूपों का खात्मा किया जाना चाहिए। बैठक के बाद भी उन्होंने पाक पर निशाना साधा और कहा, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो आतंकवाद की फैक्टरी के प्रवक्ता बनकर आए हैं।

कुछ और सुर्खियां

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  • शरद पवार अपनी पार्टी नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे
  • काठमांडू जा रहे बांग्लादेशी विमान के फ्लैप में खराबी, पटना में हुई इमरजेंसी लैंडिंग 4 घंटे बाद भरी उड़ान
  • महिला से चेन छीनकर भाग रहे थे तीन अपराधी, औरंगाबाद के सांसद सुशील सिंह ने 10 किलोमीटर तक पीछा किया, पकड़कर पुलिस के हवाले किया
  • नीरज चोपड़ा बने दोहा डायमंड लीग के चैंपियन
  • कोरोना अब वैश्विक महामारी नहीं: डब्ल्यूएचओ
  • रामनवमी हिंसा मामले में सरकार को हाईकोर्ट से कार्रवाई का ब्यौरा देने का निर्देश
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अनछपी: मणिपुर में हुई हिंसा को एक तरह का सिविल वार ही माना जा सकता है। अखबारी रिपोर्ट के अनुसार वहां 500 से अधिक घर जलाए गए और करीब एक दर्जन लोगों के मारे जाने की सूचना है। मणिपुर में भाजपा की सरकार है और भाजपा अक्सर डबल इंजन सरकार की बात करती है तो केंद्र में रहते हुए वहां हिंसा पर काबू पाने में इतनी देर क्यों हुई, दोनों सरकारों को इसका जवाब देना चाहिए। मणिपुर के आदिवासी समुदाय के अधिकतर लोग ईसाई हैं और वे मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। मैतेई समुदाय के लोग हिंदू हैं और उन्हें यह दर्जा हाईकोर्ट के आदेश के बाद देने की बात चल रही है। इस हिंसा का एक बेहद दुखद पहलू यह है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर्नाटक के चुनाव में व्यस्त रहें और उन्होंने स्थिति काफी बिगड़ जाने के बाद मणिपुर पर ध्यान दिया, कम से कम विपक्षी तो ऐसा ही आरोप लगा रहे हैं। वास्तविकता यह है कि उत्तर-पूर्व के राज्यों पर हिंदी पट्टी में बहुत ही कम चर्चा होती है और अगर चर्चा होती भी है तो उन्हें आपत्तिजनक संबोधन से याद किया जाता है। सेना की तैनाती के बाद वहां फिलहाल तो तनावपूर्ण शांति है लेकिन जब सेना हटेगी तो उसके बाद की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए भी सरकार को कोशिश करनी चाहिए। सरकार को ईसाई समुदाय के लोगों की शिकायत भी सुननी चाहिए कि उनके खिलाफ काफी हिंसा हुई है। सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि दोनों समुदायों के समझदार लोगों को आमने-सामने बैठाकर माहौल में शांति लाने की कोशिश करे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वहां रह रहे बिहारियों को सुरक्षित निकाल लाने के बारे में जो आदेश दिया है वह सही वक्त पर उठाया गया कदम है। मणिपुर और केंद्र सरकार को चाहिए कि मणिपुर में रह रहे ऐसे प्रवासियों की सुरक्षा की पूर्ण व्यवस्था करें।

 

 

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