छ्पी-अनछपी: कांग्रेस ने प्राण प्रतिष्ठा को बताया भाजपा का इवेंट, महाराष्ट्र में शिंदे सरकार बनी रहेगी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। कांग्रेस पार्टी ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में यह कहकर भाग लेने से इनकार कर दिया है कि यह भाजपा और संघ का इवेंट है। इससे जुड़ी खबर सभी अखबारों में है। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के फैसले से शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को झटका लगा है और वहां एकनाथ शिंदे की सरकार बनी रहेगी। यह खबर भी सभी जगह है।

भास्कर की सुर्खी है: राम मंदिर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे और सोनिया गांधी ने आमंत्रण ठुकराया, कहा- भाजपा और संघ का है इवेंट। जागरण की सुर्खी है: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता सोनिया ने ठुकराया। अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल नहीं होंगे। पार्टी ने इस कार्यक्रम को आरएसएस-बीजेपी का इवेंट बताया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बयान में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं। तीनों नेताओं को राममंदिर के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया था। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को राजनीतिक परियोजना बना दिया है। “साफ है कि अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है।”

महाराष्ट्र में उद्धव को झटका

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुटके 16 विधायकों की अयोग्यता पर बुधवार को फैसला सुना दिया। नार्वेकर ने शिंदे गुट को ही असली शिवसेना माना है। स्पीकर ने कहा कि एकनाथ शिंदे और उनके गुट के विधायकों की सदस्यता रद्द नहीं की गई है और शिंदे महाराष्ट्र के सीएम बने रहेंगे। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े द्वारा एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला पढ़ते हुए नार्वेकर ने यह बात कही। राहुल नार्वेकर ने कहा, 21 जून 2022 को जब प्रतिद्वंद्वी समूहों का उदय हुआ तो शिवसेना का एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला धड़ा ‘असली राजनीतिक दल’ (असली शिवसेना) था। नार्वेकर ने दावा किया कि संविधान, कानून और चुनाव आयोग के फैसले को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। साथ ही उद्धव गुट की वह मांग खारिज कर दी जिसमें कहा गया था कि शिंदे के साथ पार्टी छोड़कर गए 16 विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाए। इधर उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी।

बिहार में ‘इंडिया’ की दावेदारी 52 तक

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: बिहार में 40 सीट… लेकिन ‘INDIA’ के दलों की दावेदारी 52 तक पहुंची। अख़बार लिखता है कि बिहार जहां INDIA की नींव पड़ी वहीं घटक दलों के बीच सीटों खींचतान बढ़ती जा रही है। गठबंधन में सहयोगी भाकपा की तीन और भाकपा माले की ओर से पांच सीटों की दावेदारी बुधवार को सामने आई। भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पांडे ने कहा कि हम दर्जन भर सीटों पर लड़ना चाहते थे लेकिन बेगूसराय, बांका व मधुबनी तो लड़ेंगे ही। भाकपा माले के धीरेंद्र झा, राजाराम सिंह व केडी यादव ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मिलकर अपने कोटे की 5 सीटों की सूची सौंप दी। कांग्रेस पहले ही 10 सीटें गिना चुकी है। बीते चुनाव में लड़ी गई 17 और जीती गई 16 सीटों पर जदयू का दवा तो है ही। इतनी ही सीटें लड़ने की बात राजद भी कह चुका है। बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं लेकिन घटक दलों ने संख्या 52 तक पहुंचा दी है।

मोइनुल हक़ स्टेडियम संवरेगा

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर है: मोइनुल हक स्टेडियम तोड़कर नए सिरे से बनेगा विश्वस्तरीय, होंगी सभी सुविधाएं। राजधानी के मोइनुल हक़ स्टेडियम को विश्व स्तरीय मनाया जाएगा। नगर विकास विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। मौजूद स्टेडियम को तोड़कर नए सिरे से निर्माण होगा। नए स्टेडियम में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, फाइव स्टार होटल, कॉरपोरेट ऑफिस, रेस्टोरेंट, ड्रेनेज सिस्टम और पार्किंग अधिक की विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। नए सिरे से स्टेडियम के निर्माण को लेकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बुधवार को समीक्षा की।

बिजली कामगारों का मानदेय बढ़ेगा

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है कि बिजली कंपनी में आउटसोर्सिंग के जरिए काम करने वाले मानव बल (तकनीकी कामगारों) के न्यूनतम मानदेय में वृद्धि होगी। कामगारों का पैसा बढ़ाने के लिए बिजली कंपनी ने अधिकारियों की टीम गठित कर दी है। अगर बिजली कंपनी के नियमों का पालन हुआ तो कामगारों को वर्तमान की तुलना में 26 फीसदी तक अधिक मानदेय मिल सकता है। बिजली कंपनी के इस निर्णय से राज्य के 12 हजार से अधिक तकनीकी कामगारों को लाभ होगा। दरअसल, बिजली कंपनी कम समय के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी के जरिए तकनीकी कामगारों की सेवा लेती है। ये जूनियर लाइनमैन, लाइनमैन, अकुशल खलासी, स्विच बोर्ड ऑपरेटर होते हैं। फ्यूज कॉल अटेंड करने के साथ ही ऑपरेशन व मेंटेनेंस करना इनका मुख्य काम होता है।

स्मृति ईरानी पटना में क्या बोलीं

प्रभात खबर की सुर्खी है: कांग्रेस का प्रभु राम विरोधी चेहरा देश के सामने आ ही गया: स्मृति ईरानी। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और यूपीए सरकार के साथ-साथ इंडिया गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। स्मृति ईरानी देश की अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री भी हैं। पटना में प्रदेश भाजपा द्वारा आयोजित मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्होंने सोनिया गांधी द्वारा राम मंदिर उद्घाटन का आमंत्रण ठुकराने को लेकर कहा कि यह साबित हो गया कि उनकी राम में आस्था नहीं है।

राहुल की यात्रा को मणिपुर में शर्त के साथ मंजूरी

जागरण ने लिखा है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की 66 दिनों तक चलने वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा को आखिरकार मणिपुर से निकालने की अनुमति मिल गई है। हालांकि अनुमति मिलने से कुछ घंटे पहले कांग्रेस ने अनुमति नहीं देने को लेकर मणिपुर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। साथ ही कहा था कि 8 दिन पहले ही यात्रा को लेकर राज सरकार से अनुमति मांगी गई थी लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। इस बीच मणिपुर सरकार ने कांग्रेस की यात्रा को शर्तों के साथ निकलने की अनुमति दे दी है। इसमें निर्धारित संख्या में लोगों के शामिल होने सहित सभी के नामों की सूची पहले ही उपलब्ध कराने को कहा गया है।

कुछ और सुर्खियां

  • फुलवारी शरीफ में दो बच्चियों से दुष्कर्म और उनमें से एक हत्या के मामले की जांच एसआईटी करेगी
  • कृषि विभाग में 1051 पदों पर होगी बहाली, आवेदन 15 जनवरी से
  • मौत के बाद भी नहीं मिली पाकिस्तान के पूर्व सैनिक शासक परवेज़ मुशर्रफ को माफी, राजद्रोह में मौत की सजा बरकरार
  • मणिपुर में फिर गोलीबारी, बम धमाके, चार लापता
  • बिहार के सरकारी स्कूलों में अब एक जैसे बैग लिए दिखेंगे तीसरी क्लास तक के बच्चे
  • बिहार में 200 नए बालू घाटों की जल्द होगी ई नीलामी

अनछपी: अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मिले आमंत्रण को सम्मान के साथ अस्वीकार करते हुए कांग्रेस पार्टी ने दो बातें कही हैं। पहली बात तो यह कि कांग्रेस का आरोप है कि यह कार्यक्रम संघ और भाजपा का इवेंट बन गया है। दूसरी वजह कांग्रेस ने यह बताई कि मंदिर का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है और उसके पहले ही वहां प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। कारण चाहे जो भी हो कांग्रेस का यह फैसला बहुत साहसिक और लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरूरी है। कांग्रेस को यह पता है कि इस तरह के फैसले का दुरुपयोग कर भाजपा कैसे उसे राम विरोधी साबित करेगी। कांग्रेस को इस बात का भी अंदाजा होगा कि भारतीय जनता पार्टी इसको लेकर धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश भी करेगी। सच पूछा जाए तो कांग्रेस का भी यही कहना है कि भारतीय जनता पार्टी और संघ ने इसे चुनाव जीतने का माध्यम बना रखा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सही ही कहा कि धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को राजनीतिक परियोजना बना दिया है। कांग्रेस से पहले कम्यूनिस्ट पार्टियों ने भी यही कहकर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मिले निमंत्रण को अस्वीकार किया था। वास्तविकता यह है की भाजपा ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में निमंत्रण को एक राजनीतिक जाल बना दिया है। जो पार्टी इस कार्यक्रम में जाने के लिए तैयार हो उसके बारे में यह कहा जाए कि देखिए इन्होंने भी आखिर वह बात मान ली जो भारतीय जनता पार्टी लंबे समय से कहती आ रही थी और जो पार्टी न जाए उसके बारे में यह बात फैलाई जाए कि वह राम और हिंदू विरोधी हैं। कांग्रेस पार्टी ने वहां न जाने का स्टैंड लेकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि धर्म और राजनीति अलग-अलग विषय हैं और इसे गडमड नहीं किया जाना चाहिए। इस बात को जोरदार तरीके से और गांव-गांव जाकर कहने की जरूरत है कि आस्था अपनी जगह है, उसका सम्मान भी है लेकिन कोई किसी पर जोर जबर्दस्ती आस्था में शामिल होने को नहीं कह सकता। इस बात को भी उजागर करने की जरूरत है कि भारतीय जनता पार्टी आस्था के मामले को वोट की राजनीति में बदल चुकी है जो संविधान और लोकतंत्र के लिए खतरा है।

 

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