छ्पी-अनछ्पी: महागठबंधन में सीटों का ऐलान मगर उम्मीदवारों पर चुप्पी, कांग्रेस बोली- टैक्स आतंक

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। इंडिया या बिहार महागठबंधन में सीट शेयरिंग की औपचारिक घोषणा तो हो गई लेकिन उम्मीदवारों की लिस्ट अभी सामने नहीं आ पाई है। 1823 करोड़ का नोटिस मिलने पर कांग्रेस ने इसे टैक्स आतंक बताया है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बारे में यूएन में भी चर्चा हुई है। जम्मू में बगहा के 8 मजदूरों की हादसे में मौत हो गई है। यह हैं आज के अखबारों की खास खबरें।

भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: राजद की शर्तों पर ही सीटें बंटीं, फेज़ वाइज़ घोषित होंगे प्रत्याशी। प्रभात खबर की सुर्खी है: सबसे अधिक राजद के खाते में 26 सीटें, कांग्रेस 9 और वाम दल पांच पर लड़ेंगे। जागरण की हेडलाइन है: राजद 26 व कांग्रेस 9 सीटों पर लड़ेगी चुनाव। हिन्दुस्तान ने लिखा है: इंडिया गठबंधन ने सीटों के बंटवारे का ऐलान किया। बिहार में इंडिया गठबंधन के घटक दलों राजद, कांग्रेस, भाकपा माले, भाकपा व माकपा के बीच राज्य की कुल 40 लोकसभा सीटों के बंटवारे की घोषणा कर दी गयी है। लोकसभा चुनाव की घोषणा के एक पखवारे बाद शुक्रवार को पटना में साझा प्रेस कांफ्रेंस में इसका ऐलान किया गया। इसके मुताबिक राजद 26, कांग्रेस 9 और वामदलों में भाकपा माले 3, भाकपा 1 व माकपा 1 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। इस घोषणा के बाद भी कहां से कौन प्रत्याशी उतरेंगे, इस पर अब भी यह गठबंधन मौन है।

राजद यहां से लड़ेगा चुनाव

गया (सु), नवादा, जहानाबाद, मुंगेर, औरंगाबाद, बक्सर, पाटलिपुत्र, जमुई (सु), बांका, वाल्मीकिनगर, पूर्वी चंपारण, शिवहर, वैशाली, सीतामढ़ी, सारण, सीवान, गोपालगंज, उजियारपुर, दरभंगा, मधुबनी, झंझारपुर, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया, हाजीपुर।

कांग्रेस की सीटें

किशनगंज, कटिहार, समस्तीपुर, पटना साहिब, सासाराम, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, महाराजगंज।

लेफ्ट की सीटें

भाकपा माले- काराकाट, आरा, नालंदा। सीपीआई- बेगूसराय। सीपीएम- खगड़िया।

पप्पू और सहनी का पेच

पूर्णिया सीट आरजेडी को मिली है लेकिन वहां से पप्पू यादव कांग्रेस की सीट पर लड़ने को अड़े हुए हैं। अखबारों के अनुसार हो सकता है वह वहां से निर्दलीय लड़ें। उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए पूर्णिया से कागजात की खरीदारी भी कर ली है। एक तरफ पप्पू यादव ने कहा है कि वह 4 अप्रैल को कांग्रेस की ओर से उम्मीदवारी का फॉर्म भरेंगे तो दूसरी और तेजस्वी यादव ने कहा कि गठबंधन पार्टी से हुआ है किसी व्यक्ति से नहीं। इधर वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को अभी राजद की ओर से दो सीट मिलने की आस है। आरजेडी से बातचीत जारी है। मुकेश मुजफ्फरपुर व मिथिलांचल की एक सीट मांग रहे हैं।

अशोक चौधरी की बेटी को चिराग टिकट देंगे

भास्कर की खबर है कि लोजपा (रामविलास) समस्तीपुर से शांभवी को अपना उम्मीदवार बनाएगी। शांभवी जदयू के वरीय नेता व मंत्री डॉ अशोक चौधरी की बेटी तथा आचार्य किशोर कुणाल की बहू हैं। वैशाली से मौजूदा सांसद वीणा देवी को चिराग की पार्टी का टिकट मिलेगा। लोचपा में टूट के बाद वीणा पशुपति कुमार पारस के गुट में चली गई थीं लेकिन हाल में चिराग की पार्टी में आ गईं। खगड़िया से राजेश वर्मा को टिकट मिलेगा। राजेश भागलपुर के रहने वाले हैं।

कांग्रेस का आरोप: ‘टैक्स आतंक’

भास्कर की सुर्खी है: कांग्रेस को 1823 करोड़ का आयकर नोटिस, पार्टी ने कहा- यह टैक्स आतंक। लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि आयकर विभाग ने उसे फिर नोटिस दिया है और 1823.08 करोड़ रुपए चुकाने को कहा है। यह नोटिस 2017-18 से 2020-21 के लिए भेजा गया है। इसमें टैक्स, जुर्माना और ब्याज को जोड़ा गया है। पार्टी ने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले विपक्ष को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए भाजपा टैक्स आतंक का सहारा ले रही है।

केजरीवाल पर यूएन ने कहा…

भास्कर की खबर है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की शराब नीति मामले में गिरफ्तारी के मुद्दे पर जर्मनी और अमेरिका के बाद संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने भी बयान दिया है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि उम्मीद है कि भारत या किसी भी देश में जहां चुनाव हो रहे हैं लोगों के राजनीतिक व नागरिक अधिकारों की रक्षा की जाएगी और स्वतंत्रत व निष्पक्ष माहौल में मतदान कर सकेंगे।

बगहा के आठ मज़दूरों की मौत

जम्मू श्रीनगर एनएच-44 पर गुरुवार देर रात हुए भीषण हादसे में बगहा के आठ मजदूरों समेत 10 लोगों की मौत हो गई। बगहा के सभी आठों मृतक आपस में रिश्तेदार थे। वे कश्मीर में नदी से बालू निकालने का काम करते थे। जम्मू से कश्मीर जाने के दौरान रामबन जिले में एसयूवी वाहन तीन सौ फीट गहरी खाई में गिर गया। हादसे में सभी लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई।

मुख्तार अंसारी की मौत की जांच होगी

हिन्दुस्तान के अनुसार सजायाफ्ता माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए कोर्ट गरिमा सिंह को सौंपी गई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इस मामले में एक माह में रिपोर्ट मांगी है। वहीं, पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार का शव शुक्रवार शाम 4:45 बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में गाजीपुर रवाना कर दिया गया। शनिवार को उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। बांदा जेल की तन्हाई बैरक में उम्रकैद की काट रहे मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने पर गुरुवार रात उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां रात 8:25 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया।

गुमशुदगी के पर्चे से साइबर क्राइम

भास्कर की खबर है कि मसौढ़ी थाने के मसौढ़ी डी के रहने वाले ग्रामीण डॉक्टर अनिल पंडित का इकलौता बेटा शिव शंकर पंडित 20 मार्च से लापता है। 21 मार्च को मसौढ़ी थाने में उन्होंने गुमशुदगी का संहिता दर्ज कराया। 12 साल का शिव शंकर क्लास 3 में मसौढ़ी के ही प्रोगेसिव स्कूल का छात्र है। पटना सहित मसौढ़ी और आसपास के इलाके में उसका फोटो और खुद का मोबाइल नंबर लिखकर जगह-जगह चिपका दिया गया। इसी नंबर पर साइबर अपराधियों ने 24 मार्च को अनिल को तीन अलग-अलग नंबरों से कॉल किया और कहा कि तुम्हारा बेटा हमारे कब्जे में है, पांच लाख दो नहीं तो बेटे का एक हाथ काट कर उसका फोटो भेज देंगे। इसकी शिकायत मसौढ़ी थाने से की गई है।

कुछ और सुर्खियां

  • सक्षमता परीक्षा में कक्षा 1 से 5 के 93% शिक्षक सफल
  • पटना हाई कोर्ट ने कहा- पत्नी को भूत पिशाच कहना प्रताड़ना नहीं
  • राजद की जदयू से 12 और बीजेपी से 10 सीटों पर सीधी टक्कर
  • कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न आज, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी रहेंगे समारोह में मौजूद
  • केरल से खाड़ी देशों के लिए शिप सर्विस, 25 हज़ार रुपये होगा किराया

अनछपी: हमारे देश के धार्मिक नेता अक्सर पश्चिम पर परिवार और पारिवारिक मूल्यों का ध्यान नहीं रखने का आरोप लगाते हैं लेकिन अहमदाबाद से भास्कर में छपी एक छोटी सी खबर से यह पता चलता है कि भारत में भी ऐसी समस्या है। खबर यह है कि गुजरात हाई कोर्ट में एक बच्चे की परवरिश का मामला पहुंचा है जिसे ना तो मां रखने के तैयार है और ना ही बाप। इस खबर में यह तो नहीं बताया गया है कि इस मामले को हाई कोर्ट लेकर कौन पहुंचा लेकिन ऐसा लगता है कि यह मामला दादा-दादी की तरफ से ही वहां ले जाया गया है। बताया गया है कि 2014 में जन्म के बाद से बच्चा दादा-दादी के साथ रहा। इस बच्चे के मां-बाप की शादी 2006 में हुई थी। उस समय पति केंद्र सरकार में अधिकारी थे और पत्नी मल्टीनेशनल कंपनी में सीईओ थीं। दोनों में सहमति से तलाक हो गया। बच्चे का बाप ब्रिटेन चला गया जबकि मां उसे सास ससुर के पास छोड़कर मायके चली गई। अखबार के अनुसार दोनों मानते थे कि बच्चा करियर में बाधक बन रहा है। इस खबर में विस्तृत जानकारी तो नहीं है लेकिन लगता यह है कि दादा-दादी के लिए भी अब उसे बच्चों को पालना मुश्किल हो रहा है। यह मामला इसलिए उजागर हुआ है कि हाई कोर्ट में पहुंच गया वरना ऐसे कई मामले हैं जिसकी रिपोर्टिंग नहीं होती। बूढ़े मां-बाप को बेसहारा छोड़ने की खबरें भी आती रहती हैं। यह जानना रोचक होगा कि हाई कोर्ट इस मामले में क्या फैसला देता है और क्या टिप्पणी करता है। दूसरी ओर भारत के समाजशास्त्रियों और धार्मिक विद्वानों को भी पश्चिम की आलोचना के साथ-साथ अपने देश की हालत पर भी गौर करना चाहिए। भारत में शादी विवाह को लेकर दोहरी समस्या रहती है। एक तरफ तो बाल विवाह की समस्या होती है तो दूसरी और काफी उम्र के बाद शादी की बात भी सामने आती है। नौकरी या करियर को इतना ज्यादा महत्व दिया जाता है कि शादी और बच्चे को समाज के एक वर्ग द्वारा बोझ समझ लिया गया है। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जिस बच्चे के लिए लोग तड़पते हैं उसे ही पढ़े लिखे मां-बाप इस तरह ठुकरा रहे हैं? समाजशास्त्रियों को इस बात का अध्ययन करना चाहिए कि भारत में ऐसी पारिवारिक समस्याएं किस हद तक गंभीर हो रही हैं।

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