छपी-अनछपी: जातीय सर्वे को राष्ट्रीय मुद्दा बनाएगा ‘इंडिया’, कश्मीर में तीन साल का सबसे बड़ा हमला

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। विपक्षी गठबंधन इंडिया जातीय सर्वे को राष्ट्रीय मुद्दा बनाएगी। इससे जुड़ी खबर पहले पेज पर प्रमुखता से ली गई है। कश्मीर में तीन साल के सबसे बड़े हमले की खबर भी प्रमुखता से छपी है। जदयू एमएलसी राधा चरण की गिरफ्तारी की खबर भी पहले पेज पर है।

प्रभात खबर की पहली खबर है: भोपाल में ‘इंडिया’ की पहली जनसभा होगी, जाति गणना बनेगा राष्ट्रीय मुद्दा। इस खबर को भास्कर ने भी काफी अहमियत दी है। प्रभात खबर लिखता है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया की समन्वय समिति की पहली बैठक बुधवार को नई दिल्ली में हुई। राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर हुई इस बैठक में निर्णय लिया गया कि इंडिया की पहली सभा मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अक्टूबर के पहले सप्ताह में होगी। साथ ही पूरे देश में अलग-अलग हिस्सों में जनसभाएं होंगी। जाति गणना के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी ढंग से आगे बढ़ने का भी फैसला किया गया। भास्कर के अनुसार इस बैठक में लोकसभा की ऐसी 400 सीटों की पहचान की गई जहां आसानी से भाजपा के सामने ‘इंडिया’ गठबंधन के एक उम्मीदवार को खड़ा किया जा सकता है।

कश्मीर में बड़ा हमला

भास्कर की सुर्खी है: कश्मीर में तीन साल का सबसे बड़ा हमला; कर्नल, मेजर, डीएसपी शहीद। जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के गाडोल में 3 से 4 आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के बाद सेना और पुलिस ने मंगलवार शाम संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया था। रात होने पर ऑपरेशन रोक दिया गया था। बुधवार सुबह जब दोबारा आतंकियों की तलाश शुरू की गई तो आतंकियों ने घने जंगल में घात लगाकर घेराबंदी की और हमला कर दिया। उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग की। इसके चलते 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग आफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धौंचक और जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट शहीद हो गए। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए- तैयबा से जुड़े प्रतिबंधित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है।

एमएलसी राधाचरण गिरफ्तार

हिन्दुस्तान के अनुसार ईडी की विशेष टीम ने जदयू एमएलसी राधाचरण सेठ को बुधवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया। जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार राजस्व चोरी, आपराधिक गतिविधि और बालू के अवैध कारोबार से धन उगाही के आरोप में इनकी गिरफ्तारी हुई है। राधाचरण को आरा के अनाइठ में बिहारी मिल के पास उनके फॉर्म हाउसनुमा आवास से ईडी ने गिरफ्त में लिया। इसके बाद उन्हें पटना स्थित ईडी कार्यालय में रात करीब 9 बजे लाया गया। एमएलसी को गुरुवार को ईडी की विशेष अदालत में पेश किए जाने की संभावना है।

दिल्ली में पटाखों से पाबन्दी नहीं हटेगी

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और फोड़ने पर प्रतिबंध लगाने संबंधी दिल्ली सरकार के आदेश पर हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सरकार ने जहां प्रतिबंध लगाया है, इसका मतलब पूर्ण प्रतिबंध है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट द्वारा हरित पटाखे फोड़ने की अनुमति देने के बावजूद पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया है।

क़र्ज़ अदा होने के बाद दस्तावेज नहीं लौटाने पर होगा जुर्माना

आरबीआई ने बुधवार को कर्जदारों के हित में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आरबीआई ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिया है कि पूरी कर्ज अदायगी के बाद 30 दिन के भीतर चल या अचल संपत्ति से जुड़े मूल दस्तावेज संबंधित कर्ज लेने वाले को लौटाने होंगे। इसके अलावा जो शुल्क लगाया गया है, वह हटाना होगा। इसका पालन न करने पर बैंकों को पांच हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से हर्जाना देना होगा।

कोटा में एक और आत्महत्या

कोटा के विज्ञान नगर इलाके में राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) की तैयारी कर रही झारखंड निवासी छात्रा ने अपने छात्रावास के कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। विज्ञान नगर पुलिस थाने के उप-निरीक्षक के सहायक अमर चंद ने बताया कि मृतक छात्रा की पहचान ऋचा सिन्हा (16) के रूप में हुई। वह एनईईटी की तैयारी कर रही थी। हॉस्टल की वार्डेन ने बताया कि ऋचा मई में ही आई थी। हॉस्टल में उसकी सिर्फ एक दोस्त थी। उसी से वह बात करती थी। वार्डेन के अनुसार ऋचा ने कभी किसी चीज की शिकायत नहीं की थी।

कुछ और सुर्खियां

  • मुगलसराय से कुल वाया पटना तीसरी चौथी रेल लाइन बिछेगी
  • संसद सत्र से पहले 17 को सर्वदा लिए बैठक बुलाई गई
  • बिहार में 12 दिनों में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 1000 के पार
  • डिफॉल्टर गाड़ी का एकमुश्त रोड टैक्स जमा करने पर जुर्माना से मिलेगी राहत
  • 67वीं मुख्य परीक्षा का रिज़ल्ट घोषित करने का हाई कोर्ट से रास्ता साफ
  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना: 3 साल में 75 लाख नए कनेक्शन देगी मोदी सरकार
  • सपा नेता आज़म खान के 30 ठिकानों पर इनकम टैक्स की दबिश

अनछपी: राजस्थान के शहर कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए भेजे गए छात्र-छात्राओं में किसी न किसी की आत्महत्या की खबर अब आम सी हो गई है। इस विषय पर काफी कुछ लिखा गया है और सरकार से और से भी कदम उठाने की बात सामने आई है लेकिन सुसाइड का सिलसिला रुक नहीं रहा है। ऐसे में बेहतर यही लगता है कि कोटा की तैयारी सेंटर का विकल्प तैयार हो और वहां छात्रों की भीड़ लगाने का सिलसिला खत्म किया जाए। कोटा के बारे में इस तरह का प्रचार कर दिया गया है कि कई मां-बाप अपने बच्चों को वहां ले जाकर छोड़ देते हैं और यह समझते हैं कि इसी से उनके बच्चे को कामयाबी मिल जाएगी। जिस उम्र के बच्चे वहां तैयारी के लिए जाते हैं उनके अंदर यह एहसास भी होता है कि अगर तैयारी सही से ना हो और कामयाबी न मिले तो मां-बाप क्या सोचेंगे। ऐसा लगता है कि कई मां-बाप बच्चों के मन की स्थिति समझे बिना उन्हें कोटा भेज देते हैं। इस गला लकाट प्रतियोगिता के दौर में बच्चों को अकेले छोड़ देना सही नहीं है क्योंकि हर बच्चा तनाव को एक तरह से नहीं झेलता है। हर बच्चे की इच्छा अलग होती है और उसके तनाव झेलने की क्षमता भी अलग होती है। कहां जाता है कि सुसाइड से पहले ही बच्चों में कुछ ऐसे लक्षण दिखते हैं जिससे यह बात भापी जा सकती है कि वह किस स्थिति से गुजर रहे हैं। कोटा में सुसाइड किस सिलसिले को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि अब सामाजिक जागरूकता फैलाने की जरूरत है कि हर बच्चे को कोटा भेजना जरूरी नहीं है, और ना ही पसंदीदा है। कोटा में तैयारी करा रही संस्थाओं की भी जिम्मेदारी है कि वह बच्चों पर लगातार नज़र बनाए रहे और उनकी ऐसी काउंसलिंग करें कि कहीं कमजोरी रहने पर बच्चे इतना अधिक तनाव महसूस ना करें कि वह खुद की जान ले लें। सबसे जरूरी बात यह है कि किसी भी बच्चे को तभी कोटा या कहीं बाहर भेजा जाए जब वह उसके लिए मानसिक रूप से तैयार हो। उसे जबरदस्ती भेजने का मतलब ही है उसे तनाव में डाले रखना और सुसाइड का खतरा मोलना। दूसरी बात के बाहर भेजने के बाद बच्चों से लगातार संपर्क बनाए रखना जरूरी है और उनसे फीडबैक लेना भी। अगर बच्चा कहीं कमजोर दिख रहा है तो उसे पर इतना दबाव न डाला जाए कि वह इससे छुटकारा पाने के लिए सुसाइड जैसा कदम उठा ले। कोचिंग करने वालों की भी जिम्मेदारी है कि कमजोर बच्चों को दूसरे रास्ते भी बताएं ताकि उन्हें यह ना लगे कि अगर मेडिकल या इंजीनियरिंग में कामयाबी न मिली तो मां-बाप से क्या कहेंगे।

 

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