छपी-अनछपी: एक लाख टीचरों की वैकेंसी अगले माह, नीतीश का संदेश- देशहित में भाजपा को हराना ज़रूरी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में पौने दो लाख शिक्षकों की बहाली की परीक्षा हो चुकी है और अगले महीने एक लाख शिक्षकों की वैकेंसी और आएगी। इससे जुड़ी खबरें सभी जगह प्रमुखता से छपी हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने पार्टी के नेताओं से लगातार मिल रहे हैं और उन्होंने कहा है कि देश हित में भाजपा को हराना जरूरी है। इस खबर को भी पहले पेज पर अच्छी जगह मिली है।

भास्कर की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: एक लाख शिक्षकों की आएगी वैकेंसी। हिन्दुस्तान ने लिखा है: बिहार में एक लाख शिक्षकों की रिक्तियां अगले महीने आएंगी। छठी से 12 वीं कक्षा के शिक्षकों के करीब एक लाख पदों पर नियुक्ति के लिए अक्टूबर में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) विज्ञापन निकालेगा। इस बहाली के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की परीक्षा नवंबर में ली जाएगी। मंगलवार को आयोग और शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की हुई बैठक में नई शिक्षक नियुक्ति और वर्तमान में चल रही बहाली प्रक्रिया को लेकर विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। छह से आठ के शिक्षकों के 52 हजार पदों पर बहाली का विज्ञापन निकलेगा। वहीं, कक्षा नौ-दस और 11-12 के शिक्षकों के पद का आकलन वर्तमान नियुक्ति पूरी होने के बाद किया जाएगा।

बीएड वाले नहीं बन पाएंगे प्राथमिक शिक्षक

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: बीएड वाले नहीं बन पाएंगे प्राथमिक शिक्षक, इसी माह के अंतिम सप्ताह में परिणाम। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय में 170471 पदों के लिए पहले चरण का परिणाम इस महीने के अंतिम सप्ताह में जारी करेगा। प्राथमिक विद्यालयों के लिए जरूरी शर्तों पर जारी असमंजस लगभग समाप्त हो गया है। अब डीएलएड उम्मीदवारों का ही परिणाम जारी किया जाएगा, बीएड वाले प्राथमिक शिक्षक नहीं बनेंगे।

भाजपा को हराना ज़रूरी: नीतीश

हिन्दुस्तान की खबर है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार और देश के हित में 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराना जरूरी है। देश को सुरक्षित और इतिहास को संरक्षित रखने के लिए भी यह आवश्यक है। भाजपा को गद्दी से हटाने के मकसद से ‘इंडिया’ गठबंधन बना है। उन्होंने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास, एक अणे मार्ग में जदयू के प्रखंड अध्यक्ष, सेक्टर अध्यक्ष और नगर परिषद अध्यक्षों की बैठक को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।

लालू पर मुकदमा चलाने की मंज़ूरी

जागरण की खबर है: जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू पर चलेगा मुकदमा, केंद्र ने दी अनुमति। नौकरी के बदले जमीन मामले में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद पर मुकदमा चलाने की सीबीआई को मंजूरी मिल गई है। जांच एजेंसी ने गृह मंत्रालय से इसकी अनुमति मांगी थी। मंगलवार को राउज एवेन्यू अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने यह जानकारी दी। राउज एवेन्यू स्थित विशेष अदालत में सीबीआई की ओर से बताया गया कि लालू प्रसाद के खिलाफ दायर नए आरोपपत्र में अब सुनवाई हो सकती है।

बक्सर में पिता और तांत्रिक को उम्रकैद

जागरण की खबर है: बक्सर में नाबालिग़ बेटियों से दुष्कर्म मामले में पिता व तांत्रिक को उम्र कैद। एडीजे छह सह विशेष पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश मनकामेश्वर प्रसाद चौबे ने दो नाबालिग़ बच्चियों से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में उनके पिता और तांत्रिक को उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही, मां व मौसी को 20-20 वर्ष और तांत्रिक से मिलने की सलाह देने वाले व्यक्ति को 7 साल कैद की सजा सुनाई है।  28 अप्रैल 2022 को महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जब मामला थाने में दर्ज हुआ था तो दोनों पीड़िता की उम्र 14 और 16 साल थी। दोनों ने पिता, मां व मौसी समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ शिकायत की थी। दोनों बच्चियों ने पुलिस को बताया था कि उनके साथ कई वर्षों से ऐसा होता रहा था। तांत्रिक ने मां-पिता को झांसा दिया था कि उन दोनों बच्चियों के कारण उन्हें पुत्र की प्राप्ति नहीं हो रही है।

लीबिया में तूफान-बाढ़ से 2300 की मौत

उत्तरी अफ्रीकी देश लीबिया में सोमवार को आए डेनियल तूफान ने भारी तबाही मचाई। आपदा में 2300 लोगों की मौत हो गई, वहीं हजारों लोग लापता हैं। देश में तीन दिन के शोक की घोषणा की गई है। लीबिया के प्रधानमंत्री ओसामा हमाद ने कहा कि तूफान के कारण कई प्रांतों में भारी बारिश हुई और अचानक बाढ़ आ गई। तटीय शहर डर्ना में ज्यादातर मौते हुई हैं।

मोनू मानेसर गिरफ्तार

सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट मामले में मंगलवार को मानेसर (नूह) के सेक्टर-1 में छापेमारी कर मोनू मानेसर को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में अपराध जांच शाखा की टीम ने उसे स्थानीय अदालत में पेश किया। इसी दौरान राजस्थान पुलिस भी कोर्ट पहुंची। पुलिस नासिर-जुनैद हत्याकांड में पूछताछ के लिए मोनू को गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर भरतपुर ले गई।

40 प्रतिशत सांसदों पर मुक़दमे

देश के लगभग 40 प्रतिशत मौजूदा सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 25 प्रतिशत ने हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध के तहत गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। यह जानकारी चुनाव अधिकार निकाय एडीआर ने दी है।एडीआर ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा के प्रत्येक सांसद की संपत्ति का औसत मूल्य 38.33 करोड़ रुपये है और 53 (सात प्रतिशत) अरबपति हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने लोकसभा और राज्यसभा की 776 सीटों में से 763 मौजूदा सांसदों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है।

कुछ और सुर्खियां

  • मणिपुर की ताजा हिंसा में तीन आदिवासियों की गोली मारकर हत्या
  • इंडिया गठबंधन की समन्वय समिति की बैठक आज
  • एक देश-एक मतदाता सूची की भी तैयारी कर रही कोविंद कमेटी, बताएगी तरीका
  • औरंगाबाद में पति से झगड़ महिला ने दो बेटियों के साथ खाया जहर, तीनों की मौत
  • केरल में निपाह वायरस से दो की मौत, दो बीमार
  • सरकार व सेना पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को कर रही किनारे, नवाज शरीफ की 21 अक्टूबर को वापसी
  • राम मंदिर के बहाने धार्मिक माहौल बनाने की तैयारी, 5 लाख गांवों में जाएंगे 1000 संत

अनछपी: बक्सर में तांत्रिक ने दो बच्चियों के साथ उनके माता-पिता के साथ मिलकर जो अमानवीय हरकत की उस मामले में अदालत ने तो सजा सुना दी लेकिन अखबारों ने अपना रोल सही से नहीं निभाया। बिहार और भारतीय समाज में बेटे की चाहत कितनी भयावह बात हो सकती है इसका एक अंदाजा बक्सर की घटना से लगाया जा सकता है जहां तांत्रिक ने मां और बाप को यह समझा दिया कि उन्हें बेटा नहीं होने का कारण दोनों बच्चियां हैं। तांत्रिक की सलाह पर इंसानों को बलि देने की बात तो अक्सर सुनी जाती है लेकिन उसके कहने पर बच्चियों से दुष्कर्म जैसा मामला इतना घिनौना है कि इस पर कुछ कहना भी मुश्किल है लेकिन इसकी चर्चा जरूरी है। चर्चा इस बात की होनी चाहिए कि हमारे समाज में तांत्रिक अब तक क्यों बने हुए हैं और इस तरह की हरकतें कैसे रोकी जा सकती हैं। सरकार चाहे जितनी कोशिश करे समाज में बेटों की चाहत अब भी दिमाग पर इस तरह छाई हुई है कि परिवार कोई भी कुकर्म करने के लिए तैयार हो जाता है। इस सिलसिले में पहली बात तो यही है कि भारत में अब भी एक बड़े सामाजिक बदलाव की जरूरत है जिसमें बेटों की चाहत के लिए बेटियों के साथ अमानवीय व्यवहार करना कतई कबूल नहीं हो। हमारे समाज में बेटियों की सफलता देखी जा सकती है लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में ऐसे लोग मौजूद हैं जो बिना बेटा के नहीं रह सकते। अदालत ने इस मामले के आरोपियों को उम्र कैद और लंबी कैद की सजा दी है लेकिन ऐसे मामले में फांसी की सजा होनी चाहिए थी। एक अखबार ने तो इस खबर को फिर भी ढंग से कवर किया है लेकिन बाकी अखबारों में यह खबर चलताऊ, ढंग से ली गई है। सच्चाई यह है कि इस खबर को पहले पेज पर अच्छी जगह मिलनी चाहिए ताकि समाज को अपनी वास्तविकता का पता चल सके और सरकार भी इस सिलसिले में सही कदम उठाने के लिए तैयार रहे।

 

 

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