छपी-अनछ्पी: बढ़े रिज़र्वेशन के खिलाफ हाई कोर्ट में केस, दरभंगा के शोभन में ही बनेगा एम्स
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। जातीय सर्वे के बाद रिज़र्वेशन की सीमा बढ़ाये जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल करने को कई अखबारों ने प्रमुखता दी है। दरभंगा में एम्स बनाने की जगह शोभन ही होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह घोषणा सभी अखबारों में प्रमुखता से छ्पी है। स्कूलों में छुट्टी घटने-बढ़ने पर राजनीति की खबर भी है।
भास्कर की सुर्खी है: बिहार में आरक्षण का दायरा 65% तक बढ़ाने के खिलाफ हाई कोर्ट में पीआईएल दायर। राज्य सरकार द्वारा पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति व जनजातियों के लिए आरक्षण 50% से बढ़कर 65% किए जाने को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। जनहित याचिका गौरव कुमार और नमन श्रेष्ठ की ओर से दायर की गई है। बिहार विधान मंडल ने बिहार आरक्षण (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ी जाति) (संशोधन) अधिनियम 2023 और बिहार शिक्षण संस्थानों में प्रवेश आरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2023 पारित किया था उसी की वैधता को चुनौती दी गई है। याचिका में इन संशोधनों पर रोक लगाने की मांग की गई है। बिहार विधान मंडल ने इस अधिनियम को 10 नवंबर को पारित किया और राज्यपाल ने इस पर 18 नवंबर को हस्ताक्षर किया।
शोभन में ही बनेगा एम्स
जागरण की सबसे बड़ी खबर है: शोभन में ही होगा एम्स का निर्माण। प्रभात खबर की पहली खबर है: शोभन में ही बनेगा दरभंगा एम्स, केंद्र की मंजूरी: सीएम। दरभंगा में एम्स निर्माण के लिए जगह का मसला खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि राज्य सरकार ने दरभंगा एम्स के लिए शहर से बाहर शोभन में जिस जमीन का चयन किया था अब एम्स का निर्माण इस जगह पर होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार इसके लिए सहमत हो गई है। दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को 2100 बेड वाला अस्पताल में बदलने की 2742.04 करोड़ की योजना का शिलान्यास करने दरभंगा आए सीएम ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से दरभंगा एम्स बनाने को लेकर जनवरी में हमको जगह दिखाई गई। अब एम्स बनाने को लेकर केंद्र से मंजूरी आ गई है।
स्कूलों में छुट्टियां घटी-बढ़ीं
भास्कर की खबर है: स्कूलों में शिवरात्रि, रामनवमी, जन्माष्टमी व रक्षाबंधन की छुट्टी खत्म, ईद-मुहर्रम की बढ़ी। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग में अगले साल स्कूलों में होने वाली छुट्टियों में बड़ा फेरबदल किया है। प्रारंभिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में पिछले साल तक महाशिवरात्रि, रक्षाबंधन, जानकी नवमी, रामनवमी, जन्माष्टमी, तीज और जिउतिया पर होने वाले छुट्टी 2024 में नहीं रहेगी। जबकि ईद-बकरीद व मोहर्रम की छुट्टी बढ़ाई गई है। 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती की भी छुट्टी खत्म की गई है। इस बीच भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने छुट्टियों के कैलेंडर का पुरजोर विरोध किया। कहा कि बिहार सरकार चुनाव को सामने देख तुष्टीकरण पर उतर गई है।
भारतीय राजदूत से धक्का-मुक्की
जागरण की खबर है: अमेरिका में भारतीय राजदूत से धक्का-मुक्की। न्यूयॉर्क के एक गुरुद्वारे में खालिस्तान समर्थकों ने अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू के साथ धक्का-मुक्की की। हालांकि सिख समुदाय के सदस्यों ने अलगाववादियों को गुरुद्वारा से बाहर खदेड़ दिया। भारतीय राजदूत संधू गुरु पर्व के मौके पर न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड में स्थित हेक्सविले गुरुद्वारे में अरदास करने पहुंचे थे। इस दौरान खालिस्तान समर्थकों ने उन पर खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या करने और प्रतिबंधित सिख फ़ॉर जस्टिस संगठन के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया।
ग़ज़ा में युद्ध विराम बढ़ा
जागरण ने खबर दी है कि ग़ज़ा पट्टी में युद्ध विराम दो दिन के लिए और बढ़ गया है, अब यह बुधवार तक लागू रहेगा। मध्यस्थता कर रहे कतर के विदेश मंत्रालय ने इसकी घोषणा की है जबकि हमास ने इसकी पुष्टि करते हुए युद्ध विराम बढ़ाने का श्रेय कतर और मिस्र को दिया। इसके पहले इसराइल और हमास के बीच का युद्ध विराम समझौता सोमवार को खत्म हो रहा था।
ज़िला अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट
जागरण की खबर है: पहली बार जिला अस्पताल में हुआ किडनी ट्रांसप्लांट। भारत में पहली बार सरकारी जिला अस्पताल में किडनी का ट्रांसप्लांट किया गया है। राज्य सरकार के अनुसार केरल के जिला स्तरीय सरकारी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट कर यह उपलब्धि प्राप्त की। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि 50 साल की महिला ने अपने 28 वर्षीय बेटे को किडनी दान दी है। ट्रांसप्लांट के लिए रविवार को एर्नाकुलम के जनरल अस्पताल में सफल सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद दोनों की हालत में सुधार हो रहा है। राज्य सरकार का दावा है कि पहली बार है जब भारत में जिला स्तर के किसी सरकारी अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण सर्जरी की गई है।
कुछ और सुर्खियां
- हवाई जहाज के देर से आने पर पटना में यात्रियों का हंगामा
- पहाड़ों पर बर्फबारी, मैदानी इलाकों में बारिश, ठंड बड़ी
- क्रिस्टोफर लक्सन बने न्यूजीलैंड के नए प्रधानमंत्री
- 32000 शिक्षकों ने अब तक नहीं किया योगदान
- छापे में ज़ब्त शराब की बोतलें बैरक में छिपाईं, दीघा के थानेदार निलंबित
- मलेशिया में भारतीयों को बिना वीजा मिलेगा प्रदेश
अनछपी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी आंख के इलाज के लिए जब दिल्ली एम्स गए थे तो यह सवाल खड़ा हुआ था कि बिहार में स्वास्थ्य बजट इतना होने के बावजूद ऐसे अस्पताल क्यों नहीं हैं कि उन्हें दिल्ली जाना पड़ा। कुछ महीने पहले ही राजद् सुप्रीमो लालू प्रसाद किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सिंगापुर गए थे। दूसरी और केरल से खबर आई है कि वहां के एक जिला अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट कराया गया। बिहार में स्वास्थ्य के बजट से बड़े-बड़े सरकारी अस्पताल की बिल्डिंग बन रही है लेकिन जहां तक इलाज की बात है उसमें अभी काफी कमी महसूस की जाती है। अभी दरभंगा में एम्स बनाने के लिए किस जमीन को चुना जाए इस पर भी बहस जारी थी। दरभंगा में पहले से ही मेडिकल कॉलेज है और वहां एम्स खोलने की तैयारी भी चल रही है। ऐसा नहीं है कि मेडिकल कॉलेज या एम्स की जरूरत नहीं है लेकिन सवाल यह है कि इन अस्पतालों में इलाज की सुविधा कैसी हैं। अभी यह खबर भी आई कि बिहार के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज पीएमसीएच में पांच महीनों के बाद एमआरआई मशीन ठीक कराई गई है। बिहार के बड़े सरकारी अस्पतालों में छोटी-छोटी जांच की सुविधाएं भी मुश्किल से मिल पाती हैं। अक्सर जगहों पर एक्सरे और अल्ट्रासाउंड मशीन खराब पाई जाती है। हालांकि उन अस्पतालों के पास बिल्डिंग की कोई कमी नहीं रहती है। एम्स जैसे बड़े अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड के लिए दो-दो महीने तक इंतजार करना पड़ता है। केरल के एर्नाकुलम ज़िला अस्पताल ने एक मिसाल कायम की है। बिहार के जिला अस्पताल या सदर अस्पतालों की स्थिति कहीं कमतर है। बिहार के इन अस्पतालों में तो सिजेरियन ऑपरेशन तक मुश्किल है। बिहार के उपमुख्यमंत्री, जो स्वास्थ्य मंत्री भी हैं, उन्हें केरल का दौरा करना चाहिए और केरल के मॉडल को बिहार में लागू करने के बारे में विचार करना चाहिए।
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