छपी-अनछपी: बालू घाट पर बाहुबलियों का आतंक, अबॉर्शन में सिर्फ महिला की मर्ज़ी!

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में बालू घाट बाहुबलियों के आतंक का पुराना अड्डा रहा है। बालू घाट पर कब्जे के लिए गैंगवार पहले भी हुए हैं लेकिन यह सिलसिला हाल के महीनों में ज़्यादा खूनी हो चला है। गुरुवार को बिहटा में ऐसे ही एक खूनी संघर्ष में खूब गोलियां बरसीं। उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य से बाहर के उद्यमियों को बिहार में निवेश करने के लिए भरोसे दिला रहे हैं। ये दो खबरें आज के अखबारों में प्रमुखता से छपी हैं। इसके अलावा अबॉर्शन के बारे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी प्रमुखता से छपा है।

हिंदुस्तान की पहली सुर्खी है: बिहार में उद्यमियों को छेड़ा तो छोड़ेंगे नहीं। यह बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन्वेस्टर्स मीट के दौरान कही है। इस मीट में विभिन्न राज्यों के उद्यमी शामिल हुए। अखबार के अनुसार इस मौके पर अदानी ग्रुप माइक्रोमैक्स और मोंटे कार्लो समेत देश के कई नामचीन कंपनियों के एमडी और निर्देशक पहुंचे थे।
जागरण की हेडिंग है: उद्यमी को तंग करने वालों को नहीं छोड़ेंगे। यह बयान नीतीश कुमार का है जिन्होंने प्रदेश में उत्पादन इकाई लगाए जाने पर सरकारी खरीद में प्राथमिकता देने की बात भी कही। उन्होंने कहा कोई इधर-उधर करें और बाएं दाएं कर कुछ मांग करें तो तुरंत खबर करें।
भास्कर में इस खबर की सुर्खी है: लॉजिस्टिक पॉलिसी लाएंगे, बियाडा की जमीन पर वेयरहाउस भी बनेगा: नीतीश। इस अखबार में तेजस्वी यादव का यह बयान महत्वपूर्ण है: बांग्लादेश टेक्सटाइल में जो काम कर रहा हम बिहार में क्यों नहीं कर सकते। प्रभात खबर की सुर्खी है: डरने की जरूरत नहीं निवेश कीजिए: नीतीश।

बिहटा में बालू माफिया के बीच गैंगवार की खबर मैं मौतों की संख्या पर एक राय नहीं है। हिंदुस्तान की खबर है: बिहटा में बालू माफिया के बीच गैंगवार, 5 की हत्या। इस बारे में पटना के एसएसपी मानव जीत सिंह ढिल्लों का कहना है कि गुरुवार सुबह 10 बजे गोलीबारी की खबर मिली। इसके बाद पुलिस को मौके पर भेजा गया। वहां से 50 खोखे मिले हैं। कोई भी शव या घायल पुलिस के सामने नहीं आया है। जांच में पता चला है कि भोजपुर के विमलेश की मौत गोली लगने से हुई है। वह दियारा में मजदूरी करता था। भोजपुर पुलिस मृतक के परिजनों का बयान ले रही है।
जागरण की पहली खबर यही है: बालू पर वर्चस्व में अंधाधुंध फायरिंग 500 से ज्यादा खोखे बरामद, एक की मौत।  भास्कर ने लिखा है: बालू की लड़ाई…,बिहटा में फौजिया और सिपाही गैंग के बीच चली 1000 राउंड गोलियां 5 की मौत।

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए चल रही उठापटक के बीच यह खबर आई है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांग ली है और उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है। यह खबर भी प्रमुखता से छपी है।

‘सशक्त बेटी, बढ़ता बिहार’ कार्यशाला के तहत आयोजित संवाद कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक हरजोत कौर बमराह की बेटियों के मां सवाल पर अमर्यादित प्रतिक्रिया को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय महिला आयोग ने गंभीरता से लिया है। इस बारे में हिंदुस्तान की सुर्खी है हरजोत की अमर्यादित प्रतिक्रिया मामले में सीएम बोले, गड़बड़ होगा तो कार्रवाई होगी। इस बीच हरजोत ने लिखित बयान जारी कर खेद जताया है।

नगर निकाय चुनाव में आरक्षण के मुद्दे पर चल रही सुनवाई के बीच पटना हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हिंदुस्तान में पहले पेज पर खबर की सुर्खी है: नगर निकाय चुनाव पर रोक से हाईकोर्ट का इनकार। अदालत ने कहा है कि चुनाव आयोग चाहे तो पहले चरण का चुनाव टाल दे।

सुप्रीम कोर्ट ने अबॉर्शन के बारे में एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि इसका फैसला महिला की मर्ज़ी से होगा। प्रभात खबर में इसकी सुर्खी है: विवाहिता व अविवाहिता दोनों को गर्भपात का समान हक। यह हक़ एमटीपी या मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी क़ानून के तहत दिया गया है। अदालत ने बलात्कार के अपराध की व्याख्या में वैवाहिक बलात्कार को भी शामिल करने की वकालत की।

अनछपी: अबॉर्शन या मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी लंबे समय से विवाद का केंद्र रहा है। फेमिनिस्ट और कोर्ट का जोर इस बात पर रहता है कि महिला की मर्ज़ी क्या है। एक हद तक इसे सही कहा जा सकता है लेकिन यह सिर्फ मर्ज़ी की नहीं, ज़रूरत का भी मुद्दा है। मर्ज़ी तो इंसान की आत्महत्या की भी होती है लेकिन यह गैर कानूनी है। सुप्रीम कोर्ट ने 24 हफ्ते तक का गर्भ हटाने की अनुमति दी है; महिला विवाहित है या अविवाहित, इससे कोई फ़र्क़ नहीं। महिला का विवाहित या अविवाहित होना एक अलग बहस है। मगर क्या यह सिर्फ महिला की मर्ज़ी पर छोड़ देना दुरुस्त होगा? क्या हमें उस गर्भस्थ शिशु की जान का नहीं सोचना चाहिए? एक चुनौती यह भी आएगी कि अगर महिला की मर्ज़ी हो और वह गर्भ में पल रहे शिशु को इसलिए हटाना चाहती हो कि वह बेटा है या बेटी तो क्या उसकी मर्जी मानी जाएगी?

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