छ्पी-अनछपी: यूएन प्रमुख ने कहा- फ़लस्तीन 56 वर्षों से झेल रहा क़ब्ज़ा-हिंसा, शिक्षक भर्ती रिजल्ट पर सवाल

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख प्रमुख एंटोनियो गुतारेस की टिप्पणी पर इसराइल के भड़कने की खबर को कुछ अखबारों ने प्रमुखता दी है। यूएन प्रमुख ने कहा कि फ़लस्तीन के लोग 56 वर्षों से क़ब्ज़ा व हिंसा झेल रहे हैं।।बीपीएससी द्वारा जारी शिक्षक भर्ती के रिजल्ट पर सवाल खड़े हो रहे हैं जिसे भास्कर ने पहले जगह दी है।

हिन्दुस्तान की खबर है: यूएन पर भड़का इसराइल, गुतारेस से कहा- इस्तीफा दें। प्रभात खबर ने सुर्खी लगाई है संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के बयान से इसराइल नाराज। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अहम बैठक में मंगलवार को यूएन प्रमुख एंटोनियो गुतारेस की टिप्पणी पर इजरायल भड़क गया। उसने गुतारेस से इस्तीफे की मांग कर डाली। इजरायली दूत गिलाद एर्दान ने कहा कि वह संगठन के अधिकारियों को वीजा नहीं देगा। इजरायली विदेश मंत्री एली कोहेन ने उनसे अलग से मुलाकात से इनकार कर दिया। बैठक में यूएन प्रमुख ने कहा था कि हमास के हमले अचानक नहीं हुए हैं। फलस्तीन के लोग पिछले 56 वर्षों से अपने क्षेत्र पर कब्जा होते देख रहे हैं। उन्होंने अपनी भूमि, शहर को लगातार खोते देखा है, हिंसा देखी है। हालांकि, बाद में गुतारेस ने कहा कि उनकी टिप्णियों की गलत तरीके से व्याख्या की गई है।

ग़ज़ा में जारी बमबारी, 756 मरे

जागरण की खबर है: ग़ज़ा के दक्षिणी भाग में बमबारी, 756 मारे। इसराइली वायु सेवा ने मंगलवार की रात और बुधवार सुबह गजा पट्टी के दक्षिणी भाग में भीषण बमबारी कर सैकड़ो लोगों को मार डाला। यह वह भाग है जहां इसराइली सेना ने उत्तरी भाग के करीब 10 लाख लोगों को जाने के लिए कहा था क्योंकि उत्तरी भाग में उसे जमीनी कार्रवाई करनी है। 24 घंटे की बमबारी में गजा पट्टी में कुल 756 लोग मारे गए हैं जो 7 अक्टूबर से जारी युद्ध में एक दिन में मारे गए लोगों की सर्वाधिक संख्या है। मारे गए लोगों में 344 बच्चे हैं।

ईंधन का संकट गहराया

गजा में इसराइल ने बुधवार को बमबारी तेज कर दी। ईंधन की कमी और बमबारी के कारण यहां चिकित्सा सेवाओं को बंद कर दिया गया है। हवाई हमलों में कई इमारतें नष्ट हो गईं। फलस्तीनी शरणार्थियों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने बुधवार को कहा कि अगर यहां ईंधन की तत्काल आपूर्ति नहीं की गई तो राहत कार्यों पर बुरा असर पड़ेगा। गजा में एक तिहाई अस्पताल और आधे से अधिक क्लिनिक ईंधन की उपलब्धता नहीं होने से बंद हो गए है।

रिज़ल्ट पर सवाल और बवाल

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: रिजल्ट पर सवाल, बिना एसटीईटी के कक्षा 11-12 के लिए चयन कैसे हुआ। कक्षा 1 से 12 तक 1.7 लाख शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के बाद से ही रिजल्ट में कई तरह की गड़बड़ी के आरोप लगाए जा रहे हैं। कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षक के लिए डीएलएड अभ्यर्थी का ही चयन होना था लेकिन कई बीएड अभ्यर्थी चयनित हो गए हैं जो डीएलएड पास है ही नहीं। इसी तरह एसटीईटी पास बिना अभ्यर्थी को भी न सिर्फ परीक्षा में शामिल होने दिया बल्कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में भी सफल करार दे दिया गया। रिजल्ट में गड़बड़ी और धांधली का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थी लगातार बवाल काट रहे हैं। बुधवार को अभ्यर्थियों ने रिजल्ट की गड़बड़ी दूर कर सही और योग्य अभ्यर्थियों के रिजल्ट जारी करने की मांग पर आयोग कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया।

रिज़ल्ट के बाद कट ऑफ़ जारी

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर है 11वीं -12वीं में इतिहास और नौवीं-दसवीं में सोशल साइंस का सबसे अधिक कट ऑफ। बीपीएससी ने शिक्षक नियुक्ति परीक्षा का कट ऑफ मार्क्स बुधवार की शाम में जारी कर दिया। प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक तीन श्रेणियां के शिक्षकों के लिए जारी कट ऑफ में सर्वाधिक कट ऑफ मार्क्स माध्यमिक शिक्षकों के लिए सामाजिक विज्ञान विषय में रहा जो अनारक्षित श्रेणी में 74 है। गणित में अनारक्षित श्रेणी में माध्यमिक शिक्षकों कट ऑफ 72 है। उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए इतिहास के कट ऑफ अनारक्षित श्रेणी में 70 था।

70 हज़ार पदों पर भर्ती जल्द

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: सूबे में 70 हज़ार रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती जल्द। राज्य में शिक्षकों के करीब 70 रिक्त पदों पर जल्द बहाली होगी। शिक्षा विभाग ने शिक्षक भर्ती के अगले चरण में इन 70 हजार पदों पर नियुक्ति के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को बुधवार को अधियाचना भेज दी। सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से अधियाचना बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) को भेजी जाएगी। मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की नियुक्ति इस चरण में होनी है। इनमें माध्यमिक-उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 37,710 पद हैं। वहीं, मध्य विद्यालय के शिक्षकों के 31,982 पद हैं।

राहुल ने सत्यपाल मलिक का इंटरव्यू लिया

भास्कर की खबर है: राहुल गांधी ने मलिक से इंटरव्यू किया, कहा- क्या यह ईडी-सीबीआई की भाग दौड़ बढ़ा देगा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से इंटरव्यू का एक वीडियो जारी किया है। 14 अक्टूबर की बातचीत का 28 मिनट का वीडियो जारी करते हुए राहुल गांधी ने लिखा पुलवामा हमला, किसान आंदोलन और अग्निवीर जैसे मुद्दों पर सत्यपाल जी से दिलचस्प चर्चा हुई। क्या यह संवाद ईडी-सीबीआई की भाग दौड़ बढ़ा देगा? इस इंटरव्यू में मलिक ने केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की है। अदानी को लेकर पूछे सवाल पर कहा अदानी तो आपने चिपका दिया है, वह छूटेगा नहीं। राहुल ने कहा कि जब भी सरकार पर कोई प्रेशर आता है जैसे जाति जनगणना, अदानी या एसपी की बात है तो सरकार कोई ना कोई शिगुफा छोड़ देती है। इस पर मलिक ने कहा कि मोदी इवेंट बनाने में माहिर हैं। महिला आरक्षण में भी कुछ मिलना नहीं और इसको पेश कर दिया।

हवाई किराया बेतहाशा बढ़ा

हिन्दुस्तान के अनुसार विमानन कंपनियों की मनमर्जी ने बिहार आने-जाने वाले लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। एक ओर प्रमुख ट्रेनों में कन्फर्म टिकट का टोटा है, वहीं बिहार के विभिन्न शहरों से उड़ान भरने वाले विमानों के किराये में बेलगाम वृद्धि कर दी गई है। पर्व-त्योहारों में बिहार से जुड़े हवाई मार्गों पर किराया सामान्य चार से पांच गुना तक बढ़ गया है। इस बार आलम यह है कि दिवाली और छठ में कामकाजियों को दिल्ली या अन्य शहरों से एक छोटे परिवार (दो बच्चे वाले) को आने-जाने का किराया एक से डेढ़ लाख रुपये खर्च करना पड़ रहा है। पहले यह खर्च लगभग 50 से 60 हजार के बीच आता था। जागरण ने लिखा है कि दुबई और सिंगापुर से भी महंगा दिल्ली और पटना का हवाई किराया हो गया है।

नाम इंडिया नहीं, केवल भारत करने की तैयारी

एनसीईआरटी की एक उच्च स्तरीय समिति ने स्कूली किताबों में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ शब्द के इस्तेमाल की सिफारिश की है। हालांकि, एनसीईआरटी के अध्यक्ष दिनेश सकलानी ने कहा, समिति की सिफारिशों पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। सूत्रों ने दावा किया है कि किताबों में आवश्यक परिवर्तनों को लेकर बने पैनल के प्रस्ताव को एनसीईआरटी ने मंजूरी दे दी है।

कुछ और सुर्खियां

  • विश्व कप क्रिकेट में ग्लेन मैक्सवेल का 40 गेंद में सबसे तेज शतक, ऑस्ट्रेलिया ने नीदरलैंड्स को 309 रनों से हराया
  • 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे शामिल
  • पटना के गांधी मैदान में 2 लाख की भीड़ ने देखा रावण वध
  • कनाडा में आंशिक वीजा सेवा बहाल करेगा भारत
  • पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने पर शेयर बाजार में 5 दिनों में निवेशकों के 15 लाख करोड़ डूबे

अनछपी: बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट तो आनन-फानन निकाल दिया गया लेकिन इसके बारे में आ रही शिकायतों से यह बात समझ में आती है कि ऐसी जल्दबाजी की जरूरत नहीं थी जिससे परीक्षा पर ही सवाल खड़े हो जाएं। बिहार में शिक्षकों की नियमित बहाली लंबे समय के बाद हो रही है इसलिए इसमें थोड़ा सोच विचार कर ही रिजल्ट निकलने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए थी। परीक्षा में गड़बड़ी पर उम्मीदवारों के हंगामा के बाद भर्ती करने वाली एजेंसी बीपीएससी नई-नई घोषणाएं कर रहा है। उदाहरण के लिए बहुत से ऐसे अभ्यर्थी परीक्षा में पास बताए गए हैं जिनके पास एसटीईटी का रिजल्ट नहीं है। हैरत की बात यह है कि ऐसे परीक्षार्थियों का परीक्षा फॉर्म कैसे स्वीकृत किया गया, उन्हें इम्तिहान कैसे देने दिया गया और उनका रिजल्ट कैसे निकाला गया? यही नहीं ऐसे उम्मीदवारों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में भी सफल करार दिया गया। इस शिकायत के बाद बीपीएससी ने कहा था कि जो एसटीईटी पास नहीं होंगे उन्हें शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल होने के बावजूद नियुक्ति पत्र नहीं दिया जाएगा। सवाल यह है कि फिर ऐसे उम्मीदवारों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में क्यों नहीं पकड़ा जा रहा? गड़बड़ी की एक और शिकायत बीएड और डीएलएड डिग्री के बारे में है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्राथमिक शिक्षक बहाली में बीएड की डिग्री को नहीं माना गया था लेकिन ऐसी शिकायत मिल रही है कि वहां भी बीएड डिग्री धारी को जिनके पास डीएलएड की डिग्री नहीं है, पास घोषित किया जा रहा है। यह एक ऐसी गड़बड़ी है जिस पर आसानी से काबू पाया जा सकता था। इधर सरकार इस हड़बड़ी में है कि 2 नवंबर तक एक लाख बीस हज़ार नवनियुक्त शिक्षकों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों नियुक्ति पत्र बंटवा दिया जाए। शिक्षक भर्ती परीक्षा के रिजल्ट में जिन गड़बड़ियों की शिकायत मिल रही है उन्हें देखते हुए सरकार की यह हड़बड़ी उचित नहीं मालूम होती। बीपीएससी को चाहिए कि उम्मीदवारों ने जो शिकायत की है उसे पर ध्यान देकर रिजल्ट को पक्का कर ही सामने लाए। इस काम में 2 नवंबर की डेड्लाइन अगर आगे भी बढ़ जाए तो कोई हर्ज नहीं माना जाना चाहिए।

 

 

 

 

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