छ्पी-अनछ्पी: जेल से सरकार चलाएंगे गिरफ्तार केजरीवाल? आरजेडी ने चार उम्मीदवारों को दिया सिंबल

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की खबर सभी जगह टॉप न्यूज़ है। आरजेडी ने गया, औरंगाबाद, जमुई और नवादा के लिए अपने उम्मीदवारों को सिंबल दे दिया है। बैंक खाते फ्रीज किए जाने के मामले में कांग्रेस ने केंद्र पर बड़ा आरोप लगाया है।

भास्कर की सुर्खी है: अब ‘खास आदमी’ गिरफ्तार। प्रभात खबर ने लिखा है: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने किया गिरफ्तार। जागरण की हेडलाइन है: दिल्ली के सीएम केजरीवाल गिरफ्तार। हिन्दुस्तान की पहली खबर है: अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार। नई आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। उनसे करीब दो घंटे पूछताछ के बाद यह कार्रवाई की गई। पद पर रहते हुए किसी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी का यह पहला मामला है। इससे पहले शाम को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल को गिरफ्तारी से राहत देने से इनकार कर दिया था। केजरीवाल को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों की टीम 10वें समन के साथ शाम को उनके घर पहुंची।

जेल से चलाएंगे शासन?

मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चलाएंगे। इसके लिए पहले ही पार्टी विधायकों, पार्षदों और नेताओं से राय ले ली गई थी। मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बदला जाएगा। इधर मंत्री आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने रहेंगे और जरूरत पड़ने पर जेल से सरकार चलाएंगे। उनके अनुसाए, ‘ऐसा कोई नियम नहीं है, जिसमें जेल से सरकार चलाने की मनाही हो।”

आज हो सकती है सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उनकी कानूनी टीम सुप्रीम कोर्ट पहुंची। उनके वकीलों ने मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को गैर-कानूनी बताते हुए तत्काल सुनवाई करने की आग्रह किया। हालांकि, याचिका पर रात में सुनवाई नहीं हुई। इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है।

राजद ने बांटे सिंबल

जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: महागठबंधन में लोकसभा की सीटों का बंटवारा नहीं, राजद बांट रहा है सिंबल। भास्कर ने लिखा है: सीटें बंटीं नहीं, राजद ने प्रत्याशियों को दिया सिंबल, कांग्रेस परेशान। महागठबंधन के दलों के बीच अभी तक सीटों का बंटवारा तो नहीं हुआ लेकिन राजद ने दर्जन से अधिक सीटों के लिए न सिर्फ उम्मीदवार तय किया बल्कि चार उम्मीदवारों को सिंबल भी दे दिया। राजद ने गुरुवार को पहले चरण के चार लोकसभा क्षेत्र नवादा, गया, जमुई और औरंगाबाद के उम्मीदवारों को सिंबल दे दिया। जदयू से एक दिन पहले आए अभय कुशवाहा को औरंगाबाद से राजद उम्मीदवार बनाया गया है। नवादा से श्रवण कुशवाहा, गया से पूर्व मंत्री सर्वजीत एवं जमुई से अर्चना रविदास को सिंबल दिया गया है।

बैंक खाते फ्रीज, कांग्रेस बिफरी

हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है कि चुनावों से ठीक पहले बैंक खाते फ्रीज करने के मुद्दे पर कांग्रेस ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए। आयकर विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए पार्टी ने कहा कि सरकार पार्टी को आर्थिक रूप से पंगु बनाने का प्रयास कर रही है। वहीं, भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस हताश है। कांग्रेस मुख्यालय में मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने संयुक्त रूप से मीडिया से बात करते हुए कहा कि लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष चुनाव जरूरी है। “चुनाव में समान अवसर मिलने चाहिए। एक राजनीतिक दल को चुनाव लड़ने में बाधा उत्पन्न कर खतरनाक खेल खेला जा रहा है।”

पीआईबी की फैक्ट चेक यूनिट पर रोक

भास्कर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार द्वारा प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो (पीआईबी) के तहत बनी फैक्ट चेक यूनिट पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि यह अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है। यह यूनिट कथित तौर पर फर्जी खबरों की पहचान करने और उसे रोकने के लिए बनाई गई थी। इसके बारे में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अनंतनाथ ने कहा था कि यह कुछ नहीं, बल्कि सेंसरशिप है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी।

2 घंटे में कैसे चुने 200 में 2 नाम?

मुख्य चुनाव आयुक्त व चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति संबंधित कानून पर रोक लगाने और नियुक्ति प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कानून पर रोक लगाने से अराजकता पैदा होगी। कोर्ट ने सवाल किया कि महज 2 घंटे में 200 नाम में से दो को शॉर्ट लिस्ट कैसे किया गया? कोर्ट ने इस कानून की वैधता का परीक्षण करने का निर्णय लिया है।

पतंजलि ने माफी मांगी

जागरण की खबर है कि आयुर्वेदिक उत्पादों की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के महाप्रबंधक आचार्य बालकृष्ण ने भ्रामक विज्ञापनों के लिए सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है। उन्होंने कहा है कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसे विज्ञापनों को लेकर कोई गलती नहीं हो। एक हलफनामे में आचार्य बालकृष्ण ने गुरुवार को कहा कि भविष्य में ऐसे विज्ञापन जारी नहीं किए जाएंगे।

कुछ और सुर्खियां

  • गैस सिलेंडर में आग लगने से जयपुर में पूर्वी चंपारण के फेनहारा प्रखंड के एक ही परिवार के पांच लोग जिंदा जले
  • चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार के विकसित भारत संदेश पर लगाई रोक
  • जन सुराज पार्टी हुई रजिस्टर्ड, चुनाव के लिए मिला सेब निशान
  • शिक्षक भर्ती की 5 अप्रैल को होने वाली परीक्षा स्थगित
  • इस साल भर 11वीं के अध्यनरत छात्र 12वीं में डिग्री कॉलेज में कर सकेंगे पढ़ाई
  • बेगूसराय में एचडीएफसी बैंक में कर्मी और ग्राहकों को बंधक बना 16.33 लाख रुपए लूटे
  • आईपीएल का 17वां सीजन आज से, चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान बने ऋतुराज गायकवाड़

अनछपी: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर शायद ही किसी को ताज्जुब हुआ हो क्योंकि इसकी आशंका लंबे समय से उनकी आम आदमी पार्टी भी जता रही थी। इस गिरफ्तारी से भारतीय जनता पार्टी पर लगाए जाने वाले उस आरोप को बल मिला है कि वह केंद्र सरकार की एजेंसियों की मदद से विपक्षी दलों को निशाना बना रही है। एक्साइज पॉलिसी में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इससे पहले केजरीवाल सरकार के मंत्री मनीष सिसोदिया भी जेल जा चुके हैं। कुछ ही समय पहले झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था हालांकि उन्होंने उससे ठीक पहले इस्तीफा दे दिया था। अब दिल्ली का मामला इसलिए अजीबोगरीब हो गया है कि अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा नहीं दिया है और न ही किसी नए मुख्यमंत्री की घोषणा की गई है। ऐसा लगता है कि अरविंद केजरीवाल ने हेमंत सोरेन से अलग नीति अपनाई है और ईडी को एक कानूनी चुनौती देने की कोशिश की है। केजरीवाल शायद यह देखना चाहते हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से कैसे हटाया जाता है। क्या ईडी या केंद्र सरकार कोर्ट में जाकर यह कहेगी कि अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री बने रहना संवैधानिक संकट है? इस मामले में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि जीत का झूठा दंभ करने वाली भाजपा विपक्ष को चुनाव के पहले गैर कानूनी तरीके से कमजोर करने की कोशिश कर रही है। सवाल यह है कि क्या भाजपा अपनी कोशिश में कामयाब होगी? क्या अरविंद केजरीवाल को सहानुभूति का लाभ मिलेगा? क्योंकि इसमें कोई शक नहीं कि दिल्ली में उनकी लोकप्रियता बनी हुई है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी पर यह आरोप लगा सकता है कि जिसे वह चुनाव में नहीं हरा पाती उसे वह ईडी और दूसरी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा हराने की कोशिश करती है। भारतीय राजनीति में यह रस्साकशी क्या गुल खिलाएगी इसका पता आने वाले दिनों में लगेगा और दिल्ली की 7 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के एकतरफा कब्जे को चुनौती मिलती है या नहीं, इसका भी पता चलेगा।

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