पैगम्बर मोहम्मद (स0) की शिक्षा: सभी धर्म के लोग हैं आपस में भाई-भाई
बिहार लोक संवाद डॉट नेट
मुसलमानों के आखिरी पैगम्बार हजरत मोहम्मद सल्लल लाहो अलैहे वसल्लम के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में पूरे बिहार में संगोष्ठी और सेमिनार का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में जमाअते इस्लामी हिन्द सुल्तानगंज पटना की ओर से रविवार को मरकजे इस्लामी में हज़रत मोहम्मद सल्लल लाहो अलैहे वसल्लम के जीवन और शिक्षा पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज देश और दुनिया गंभीर संकट के दौर से गुजर रही है। इस संकट से मुक्ति के लिए हजरत मोहम्मद सल्लल लाहो अलैहे वसल्लम के जीवन से प्रेरणा लेने और शिक्षा पर अमल करने की जरूरत है।
जमाअते इस्लामी हिन्द बिहार के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अहमद अली अखतर ने कहा कि मुसलमानों को चाहिए कि वो व्यवहार और किरदार से सच्चा मुसलमान बनकर न सिर्फ इस्लाम की सही तस्वीर पेश करें बल्कि इस्लाम के बारे में फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करें।
मौलाना अब्दुल बासित नदवी ने कहा कि इस्लाम सैद्धांतिक नहीं, बल्कि व्यावहारिक धर्म है। इस्लाम रिश्वतखोरी, फिजूलखर्ची, नाइंसाफी, जुल्मो ज्यादती, सामाजिक कुरीतियों से बचना सिखाता है। उन्होंने कहा कि पैगम्बार मोहम्मद सल्लल लाहो अलैहे वसल्लम की शिक्षा है कि सभी धर्म के लोग आपस में भाई-भाई हैं।
मौलाना फजले करीम कासमी ने कहा कि पैगम्बर मोहमम्द सल्लल लाहो अलैहे वसल्लम ने कहा है कि वो आदमी सच्चा मुसलमान नहीं है, जिसकी शरारत से उसका पड़ोसी सुरक्षित नहीं है।
सुल्तानगंज यूनिट के अध्यक्ष सुल्तान अहमद सिद्दीकी ने कहा कि हरेक मुसलमान की जिम्मेदारी है कि वह दुनिया को बताए कि पैगम्बर मोहम्मद सल्लल लाहो अलैहे वसल्लम सिर्फ मुसलमानों के आखिरी रसूल नहीं हैं, बल्कि पूरी मानव जाति के दूत हैं। उनकी शिक्षा सभी के लिए है।
इससे पूर्व इसी विषय पर महिलाओं की भी एक संगोष्ठी हुई। संगोष्ठी के दौरान इस्लाम में महिलाओं को दिए गए विशेष अधिकार की चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि पैगम्बर मोहम्मद सल्लल लाहो अलैहे वसल्लम ने स्पष्ट रूप से कहा है कि महिलाओं के साथ सम्मान से पेश आया जाए और उन्हें उनका वाजिब हक दिया जाए।
दूसरी तरफ, गया में जामिया क़ासीमुल उलूम के तत्वावधान में जलसाए सीरतुन्नबी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर इस्लामिक इंफॉर्मेशन सेंटर की ओर से हज़रत मोहम्मद सल्लललाहो अलैहे वसल्लम की जीवनी और शिक्षा पर फोल्डर वितरित किए गए। इस्लामिक इंफॉर्मेशन सेंटर विभिन्न धर्माें के बीच संवाद और बेहतर संबंध स्थापित करने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
अररिया और भोजपरु जिले के पीरो में भी जलसाए सीरतुन्नबी का अयोजन करके दुनिया में अमन और शांति स्थापित करने के लिए हज़रत मोहम्मद सल्लल लाहो अलैहे वसल्लम के बताए हुए रास्तों पर चलने का संकल्प लिया गया।
उम्मीद की जानी चाहिए कि ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से देश में साम्प्रदायिक मेलजोल और एकता को बढ़ावा मिलेगा।
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