छपी-अनछपीः आगे और महंगाई है, नीतीश बोले- बिहार में धर्म परिवर्तन विरोधी कानून की जरूरत नहीं

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। बिहार में नयी वस्त्र और चर्म उद्योग प्रोत्साहन नीति लागू किये जाने की खबर और इस पर नीतीश कुमार का बयान पटना के सभी हिन्दी अखबारों की पहली खबर है। टाइम्स आॅफ इंडिया में रिजर्व बैंक द्वार विभिन्न दरों के बढ़ाये जाने से ईएमआई के पैसे बढ़ने की खबर लीड है। यह खबर भास्कर में इस हेडिंग के साथ छपी है- आगे और महंगाई है। जागरण ने सुर्खी लगायी है- महंगाई और महंगे लोन का दौर जारी रहेगा।
नयी वस्त्र और चर्म उद्योग नीति लागू किये जाने वाले कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार निवेशकों के साथ है और उद्योग लगाने वालों को जमीन और पैसे से मदद करेगी। इस कार्यक्रम में निवेशकों भी शामिल हुए। इस अवसर पर नीतीश कुमार ने इसके लिए क्रेडिट उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन को दिया।
टाइम्स आॅफ इंडिया ने अपने पहले पेज पर नीतीश कुमार का बयान प्रमुखता से छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि बिहार में धर्म परिवर्तन विरोधी कानून लाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह अलर्ट है, चाहे किसी भी धर्म के मानने वाले हों, यहां किसी को कोई समस्या नहीं है।
ध्यान देने की बात यह है कि जबसे बिहार मंें जातीय जनगणना की बात शुरू हुई है, भाजपा की ओर से अपने हिन्दुत्व के एजेंडा पर बयानबाजी तेज हो गयी है। इसके पहले रोहिंग्या राग छेड़ चुकी भाजपा जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की भी मांग कर रही है जिसे नीतीश कुमार ठुकरा चुके हैं।
लाश देने के लिए ’मांगा 50 हजार’
समस्तीपुर जिले से एक वीडिया क्लिप बुधवार को वायरल हुई थी जिसमें एक आदमी अपने बेटे की लाश लेने के लिए ’मांगे गये 50 हजार रुपये’ जमा करने के लिए चंदा कर रहा हे। ’हिन्दुस्तान’ के समस्तीपुर संस्करण में छपी खबर के अनुसार यह लाश ताजपुर के महेश ठाकुर के बेटे संजीव ठाकुर की थी। महेश की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी और उसकी लाश लावारिस के रूप में सदर अस्पताल में थी जिसकी बाद में पहचान हो पायी थी।
लालू को छह हजार का जुर्माना
पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद पर 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के दोष में छह हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह खबर टाइम्स आॅफ इंडिया के पहले पेज पर है। लालू पर आरोप था कि उनका हेलीकाॅप्टर एक स्कूल परिसर में उतरा था, लालू ने कहा कि गलती उनके पायलट की थी लेकिन जुर्माना देकर बरी हुए।
अनछपीः जागरण के संपादकीय पेज पर छपे अग्रलेख का शीर्षक है- इस्लामी देशों को भड़काने की कोशिश। इसमें लिखा गया है कि भारत जब चीन से नहीं दबा तो कतर से क्या दबेगा। इसकी शुरुआत इस पंक्ति से होती है कि सत्य को कभी कभी पीछे हटना पड़ता है। हिन्दी के अधिकतर अखबार भाजपा प्रवक्ताओं के आपत्तिजनक बयान को मुद्दा नहीं मानकर इस मामले में उभरे अरब देशों के विरोध को अलग रुख देने की कोशिश में लगे हैं। कभी वे ये दिखाने की कोशिश कर रहे कि भारत ने ओआईसी को फटकार लगायी है और कभी यह बता रहे कि खाड़ी देशों के गुस्से के पीछे कोई साजिश है। उनके संपादकीय में कहीं इस बात की चर्चा नहीं मिलती कि जो बयान दिये गये वह भारतीय मुसलमानों को अगर अधिक नहीं तो उतनी ही आहत करने वाले थे।

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