छपी-अनछपी: बालासोर रेल हादसे की जांच सीबीआई को, राहुल बोले- भाजपा को हटाने जा रही भारत की जनता

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बालासोर रेल हादसे की सीबीआई जांच और इससे जुड़ी दूसरी कई खबरों को पटना से छपे अखबारों में अच्छी जगह मिली है। जागरण और भास्कर ने सुल्तानगंज (भागलपुर) में अभी बन रहे पुल के तीन पायों के गिरने की खबर (साथ लगी तस्वीर) को सबसे ज्यादा अहमियत दी है। अमेरिका की यात्रा पर चल रहे राहुल गांधी के उस बयान को भी जगह मिली है जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत की जनता भारतीय जनता पार्टी को हराने जा रही है।

रेलवे बोर्ड ने बालासोर रेल हादसे की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की है। इस बारे में हिन्दुस्तान ने जानकारी दी है कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को यह बताते हुए कहा कि ट्रेन हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों और कारणों की पहचान हो गई है। ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ और ‘प्वाइंट मशीन’ प्रणाली में गड़बड़ी की वजह से यह हादसा हुआ। ये दोनों प्रणालियां रेलवे सिग्नल के लिए अहम होती हैं। मंत्री ने कहा, इन प्रणालियों की सेटिंग में बदलाव किया गया था। यह कैसे और क्यों किया गया, इसका खुलासा जांच रिपोर्ट में होगा। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) जैसे ही अपनी रिपोर्ट देंगे सभी जानकारियां सामने होंगी। रेल मंत्री ने घटना के लिए ड्राइवर की गलती से इनकार किया है। कहा, कवच प्रणाली का इस दुर्घटना से कोई संबंध नहीं है। कवच को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी सही नहीं है।

बिहार के लापता

हिन्दुस्तान की पहली खबर है: रेल हादसा: बिहार के 54 लापता, 11 मौत की पुष्टि। बालासोर रेल हादसे में रविवार शाम तक बिहार के 11 यात्रियों की मौत की पुष्टि हुई है। वहीं, राज्य के 54 रेल यात्रियों के लापता होने की सूचना है। ये विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं। ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में प्रदेश के 66 घायल लोगों का इलाज चल रहा है। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने रविवार शाम बुलेटिन जारी कर यह जानकारी दी।

लाशों का ढेर

हिन्दुस्तान की खबर है: शवों के ढेर में अपनों की शिनाख्त बड़ी अड़चन। बालासोर ट्रेन हादसे के बाद ओडिशा सरकार के सामने एक नया संकट खड़ा हो गया है। मुर्दाघरों में ऐसे शवों का ढेर लगा है जिनकी अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है या जिन्हें लेने के लिए कोई दावेदार सामने नहीं आए हैं। ऐसे लावारिस शवों की संख्या इतनी अधिक है कि मुर्दाघरों में जगह कम पड़ गई है। बड़ी संख्या में ऐसे शवों से निपटने में असमर्थ ओडिशा सरकार ने बालासोर से 187 शवों को भुवनेश्वर भिजवाया लेकिन यहां भी जगह की कमी शवगृह प्रशासकों के लिए परेशानी खड़ी कर रही है।

पुल की जलसमाधि

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: पुल की जलसमाधि। जागरण की लीड है: अगवानी सुल्तानगंज महासेतु के तीन पाये फिर से ध्वस्त, 170 से अधिक स्पैन समा गए गंगा में। खगड़िया के अगुवानी और सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर बन रहे फोरलेन महासेतु के तीन पिलर और 9 से 13 के बीच चार सुपर स्ट्रक्चर रविवार की शाम पांच बजे गंगा में समा गए। उधर, हादसे की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को जांच के निर्देश दिये हैं। खगड़िया के गोगरी एसडीओ अमर कुमार सुमन ने बताया कि घटना के बाद निर्माण एजेंसी का एक कर्मी लापता है। तीन पिलरों के बीच 192 मीटर स्लैब का हिस्सा गंगा की मुख्यधारा में में समा गया।

भाजपा को हराने की बात

जागरण की सुर्खी है: भाजपा को हराने जा रही भारत की जनता: राहुल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि कर्नाटक चुनाव में जीत के बाद उनकी पार्टी तेलंगाना और अन्य राज्यों के चुनाव में भाजपा का सफाया कर देगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि सिर्फ कांग्रेस नहीं बल्कि भारत की जनता भाजपा की नफरत से भरी विचारधारा को पराजित करेगी। राहुल वाशिंगटन और सन फ्रांसिस्को की यात्रा के बाद न्यूयाॅर्क पहुंचे हैं। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस, यूएसए द्वारा शनिवार को आयोजित रात्रि भोज में राहुल गांधी ने कहा कि हमने कर्नाटक में दिखा दिया है कि हम भाजपा का सफाया कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनाव में भाजपा ने हर पैंतरा आजमाया। उनके साथ पूरा मीडिया था। हम से 10 गुना पैसा उसके पास था। उनके पास सरकार थी, उनके पास एजेंसी थी। उनके पास सब कुछ था लेकिन फिर भी हमने उनका सफाया कर दिया।

12 को होने वाली विपक्ष की बैठक टलने के आसार

जागरण की खबर है: कांग्रेस ने दिया 12 को होने वाली विपक्ष की बैठक टालने का प्रस्ताव। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर पटना में हो रही विपक्षी दलों की बैठक की तिथि को टालने का प्रस्ताव कांग्रेस की ओर से दिया गया है। कहा जा रहा है कि यह बैठक 12 जून की बजाय 23 को रखी जाए जिससे उसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शामिल हो सकें। इसके अलावा इस बैठक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन भी शामिल होंगे। अभी यह बैठक 12 जून को पटना में प्रस्तावित है जिसमें खड़गे, गांधी और स्टालिन के शामिल होने की संभावना नहीं है।

कुछ और सुर्खियां

  • देश से बाहर तंजानिया में खुलेगा आईआईटी का कैंपस
  • मोतिहारी में कस्टम अधिकारी बन प्रॉपर्टी डीलर से 30 लाख रुपये लूटे
  • केंद्रीय मंत्री को ले जा रहे इंडिगो के विमान की गुवाहाटी हवाई अड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग
  • मणिपुर हिंसा की जांच के लिए केंद्र ने तीन सदस्य आयोग बनाया
  • हादसे के बाद भुवनेश्वर व दक्षिण भारत के शहरों के लिए हवाई किराया 2 गुना बढ़ा
  • नहीं रही बॉलीवुड की प्यारी मां अभिनेत्री सुलोचना लाटकर
  • पटना में गर्मी ने 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ा 9 जिले लू की चपेट में

अनछपी: बालासोर का रेल हादसा हो या बिहार में अभी बन रहे पुल गिरने का मामला, हादसों पर हमारे राजनीतिक दलों द्वारा अपनाया जाने वाला दोहरा मापदंड सामने आ जाता है। बालासोर हादसे मामले में जब रेल मंत्री से इस्तीफा मांगा जाता है तो भारतीय जनता पार्टी इससे साफ इंकार करती है लेकिन बिहार में अभी बन रहे पुल के तीन पायों के गिरने के बाद उसके नेता मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगने में नहीं हिचके। वास्तव में यह राजनेताओं की उस पत्थर दिली का सबूत है जिसमें हर हादसे में उन्हें अपनी संभावना नजर आती है। बालासोर रेल हादसे में 288 लोगों की मौत के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता इस बात में लग गए कि इससे पहले गैर भाजपा रेल मंत्रियों के काल में कितने हादसे और कितनी मौतें हुई हैं। उन रेल मंत्रियों में लालू प्रसाद, नीतीश कुमार और ममता बनर्जी भी शामिल हैं। इनमें से नीतीश कुमार और ममता बनर्जी तो भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में ही रेल मंत्री रही हैं। इससे अधिक बदकिस्मती और क्या होगी कि एक तरफ इतने लोगों की मौत हुई, इतने लोग घायल हुए और नेता इस बात पर बहस कर रहे हैं कि किसके काल में कितने हादसे हुए। ध्यान देने की बात यह भी है कि नीतीश कुमार ने एक बड़े रेल हादसे के बाद अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन भारतीय जनता पार्टी उसके लिए तैयार नहीं है। जहां तक बिहार की बात है तो बिहार की मामूली घटना को भी बड़ा पेश करके बदनाम करने की पुरानी रीति है। इसमें कोई दो राय नहीं कि पुल के तीन पायो का गिरना भ्रष्टाचार की निशानी है और इसकी कड़ाई से जांच करवाना जरूरी है। कई सूत्रों का कहना है कि पुल का यह प्रोजेक्ट 2019 में कब पारित हुआ जब भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार के साथ सरकार में थी और पथ निर्माण विभाग भारतीय जनता पार्टी के मंत्री नितिन नवीन के पास था। यह बताने का मकसद यह है कि नेता जनता को भ्रमित करने के लिए अपनी कमजोरी वाली बात को छुपा लेते हैं लेकिन मीडिया का काम उसे उजागर करना है।

 

 

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