छपी-अनछपी: पुल बना रही एजेंसी से जवाब तलब, जेएनयू और जामिया को 2-3 रैंकिंग

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। भागलपुर के पास सुल्तानगंज के अगवानी पुल के तीन पायों के गिरने के मामले में निर्माण एजेंसी को शो कॉज नोटिस जारी किया गया है। इससे संबंधित खबर पहले पेज पर हैं। एनआईआरएफ रैंकिंग में जेएनयू को दूसरा और जामिया मिल्लिया इस्लामिया को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। इससे जुड़ी खबर को भी अहमियत दी गई है। जदयू के विधान पार्षद राधाचरण सेठ के अलावा अन्य लोगों पर ईडी की छापेमारी की खबर भी प्रमुखता से छपी है।

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: निर्माण कंपनी को नोटिस, कार्यपालक अभियंता सस्पेंड। भास्कर की पहली खबर है: पुल बना रही एजेंसी को शोकॉज़, 15 दिनों में नदी से मलबा हटाने का निर्देश। अगवानी घाट पुल के सुपर स्ट्रक्चर के गिरने की घटना के बाद पथ निर्माण विभाग ने सोमवार को निर्माण में लगी कंपनी सिंगला को काली सूची में डालने का नोटिस जारी किया। साथ ही 15 दिनों के भीतर निर्माण एजेंसी को अपना पक्ष रखने को कहा गया है। खगड़िया में पुल निर्माण के काम की मॉनिटरिंग के लिए तैनात एग्जक्यूटिव इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया है। इधर इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पुल का निर्माण ठीक से नहीं हुआ तभी तो गिर जा रहा। “पिछले वर्ष अप्रैल में भी एक हिस्सा गिरा था। विभाग इसे देख रहा है, दोषी पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।”

आईआईटी मद्रास टॉप

हिन्दुस्तान की खबर है: आईआईटी मद्रास देश का सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान। भास्कर की सुर्खी है: टॉप 10 उच्च संस्थानों में 7 आईआईटी, बीएचयू 11 वें, आईआईटी पटना 66 वें पर। जागरण ने लिखा है: आईआईटी पटना ने बचाई लाज, राज्य के विश्वविद्यालय व कॉलेज सूची से बाहर। ओवरऑल रैंकिंग में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी दसवें और जामिया मिलिया इस्लामिया 12वें स्थान पर है लेकिन यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में जेएनयू दूसरे और जामिया तीसरे नंबर पर है। हिन्दुस्तान के अनुसार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में तीसरे स्थान पर रहा, जबकि आईआईटी मद्रास को पहला मुकाम मिला। एम्स दिल्ली देश का सर्वश्रेष्ठ मेडिकल कॉलेज है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय संस्थागत फ्रेमवर्क रैंकिंग (एनआईआरएफ) ने 2023 की रैंकिंग जारी की है। शोध क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु को शीर्ष पर है। लगातार सातवें साल दिल्ली का मिरांडा हाउस देश का सर्वश्रेष्ठ कॉलेज बना हुआ है।

ईडी की छापेमारी

हिंदुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: एमएलसी राधाचरण के ठिकानों पर छापे। जागरण में लिखा है आधा दर्जन बालू कारोबारियों के करीब 2 दर्जन ठिकानों पर ईडी की छापेमारी। भास्कर की सुर्खी है: ईडी ने ईओयू की दो साल पुरानी चार्जशीट पर बालू माफियाओं के यहां मारा छापा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने सोमवार को बालू कारोबार से जुड़े जदयू के विधान पार्षद राधाचरण शाह के पटना व आरा सहित विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी की अलग-अलग टीमों ने सुबह आठ बजे से ही बालू के कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ तीन राज्यों बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल स्थित 24 ठिकानों पर दबिश दी।

पहलवानों का आंदोलन

हिन्दुस्तान ने पहले पेज पर खबर दी है: पहलवान रेलवे की नौकरी पर लौटे मगर विरोध जारी। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट गृहमंत्री अमित शाह से मिलने के बाद उत्तर रेलवे में अपनी-अपनी नौकरी पर लौट आए हैं। हालांकि इस बीच आंदोलन से पीछे हटने की खबरों को भ्रामक बताते हुए पहलवानों ने स्पष्ट किया कि इंसाफ मिलने तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी। रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी ने ट्वीट किया, आंदोलन वापसी से जुड़ी खबर बिल्कुल गलत है।

रियरव्यू मिरर देख रहे मोदी…

जागरण की सुर्खी है: रियरव्यू मिरर देखकर कार चलाने की कोशिश कर रहे हैं पीएम मोदी: राहुल। अखबार लिखता है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भविष्य की ओर देखने में अक्षम करार दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह केवल रियरव्यू मिरर (पीछे देखने वाला दर्पण) देखकर कार चलाने की कोशिश कर रहे हैं जिससे एक के बाद एक दुर्घटना ही होगी। अमेरिका की यात्रा पर चल रहे हैं राहुल ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस यूएसए द्वारा रविवार को प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया।

पटना की विपक्षी बैठक की तारीख

हिन्दुस्तान की खबर है: कांग्रेस बैठक की नई तिथि पर जल्द फैसला ले: नीतीश। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि 12 जून को पटना में विपक्षी एका पर होने वाली दलों की बैठक टल गई है। उन्होंने कहा, “हमने कांग्रेस पार्टी से कहा है कि आपलोग भी बैठक के लिए आगे की तिथि को लेकर बात कर लीजिए। हम चाहते हैं कि बैठक जल्द हो।” मुख्यमंत्री सोमवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण को नमन करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी पार्टी के अध्यक्ष को आना है, इसमें कोई दूसरा आएगा तो अच्छा नहीं लगेगा।

कुछ और सुर्खियां

  • मणिपुर में दो समूहों में गोलीबारी में 3 की मौत, 4 लोग घायल
  • बालासोर ट्रेन हादसे में बिहार के 25 लोगों की मौत 32 अब तक लापता
  • पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को अवधेश राय हत्याकांड में उम्र कैद
  • बिहार विश्वविद्यालय के पीएचडी एडमिशन टेस्ट में पूछे गए हूबहू पीएचडी एडमिशन टेस्ट ‘पैट- 2019’ के सवाल
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा मंत्री के बीच चर्चा, जेट इंजन करार की तैयारी पूरी
  • अगवानी पुल ध्वस्त होने के बाद इंजीनियर अधिकारी फरार
  • रेल पटरियों की मरम्मत का काम पूरा, बालासोर से गुजरी वंदे भारत एक्सप्रेस

अनछपी: नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क या एनआईआरएफ की ताजा रैंकिंग कई अर्थों में महत्वपूर्ण है। वैसे तो एनआईआरएफ रैंकिंग पर भी सवाल उठते हैं लेकिन मोटे तौर पर इससे देश और राज्य के शिक्षण संस्थानों के बारे में पता चलता है। कई बार एनआईआरएफ रैंकिंग में प्राइवेट शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग को लेकर भी सवाल उठता है। अखबारों में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु और आईआईटी, मद्रास के सर्वश्रेष्ठ होने की बात की चर्चा तो हुई है लेकिन जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और जामिया मिल्लिया इस्लामिया की रैंकिंग के बारे में कम लिखा है। जेएनयू और जामिया के सुर्खियों का हिस्सा नहीं बनाया जाना समझ में आने वाली बात है। पिछले कई सालों से जेएनयू और जामिया को बदनाम करने की कोशिश की जाती रही है। इस दौरान उसकी अच्छी रैंकिंग उसे बदनाम करने वालों को बेहतरीन जवाब के तौर पर देखा जा सकता है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बारे में हाल के दिनों में यह शिकायत मिली है कि उसकी फंडिंग में कटौती की जा रही है। इसी तरह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की भी यूनिवर्सिटी रैंकिंग अच्छी है लेकिन वहां भी फंड की समस्या बताई जाती है। एएमयू को नौवां स्थान मिला है। बिहार के लिहाज से देखा जाए तो एनआईआरएफ बिहार राज्य के शिक्षण संस्थानों के लिए अर्थहीन है। बिहार के नए गवर्नर लगातार राज्य में शिक्षा सुधारने की बात कह रहे हैं लेकिन एनआईआरएफ रैंकिंग में एक भी संस्थान का ना होना बिहार के लिए बेहद अफसोस की बात है। सबसे ज्यादा अफसोस की बात यह है कि एक जमाने में देश में नाम रौशन रखने वाले पटना विश्वविद्यालय और उसके किसी कॉलेज को भी एनआईआरएफ रैंकिंग में कहीं कोई जगह नहीं मिली है।

 

 

 

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