छ्पी-अनछ्पी: सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा, ‘यह लोकतंत्र की हत्या’, मोदी का दावा- बीजेपी 370 सीट लाएगी
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई धांधली को लोकतंत्र की हत्या बताया है। इस खबर को भास्कर ने अच्छी कवरेज दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने भाषण के दौरान दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी को 2024 के आम चुनाव में 370 सीट से अधिक आएगी। इस खबर को सभी अखबारों ने अच्छी जगह दी है।
भास्कर की सुर्खी है: यह लोकतंत्र के साथ मजाक, उसकी हत्या है: सुप्रीम कोर्ट। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के कारण दोबारा मतदान की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने वह वीडियो भी देखा जिसमें निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह मत पत्रों से छेड़छाड़ करते दिख रहे हैं। वीडियो देखकर कोर्ट ने बेहद सख्त लहजे में कहा, “यह साफ देखा जा सकता है कि निर्वाचन अधिकारी मत पत्रों को खराब कर रहे हैं। कोई ऐसा कैसे कर सकता है? हम यह देखकर हैरान हैं। यह लोकतंत्र का मजाक है, लोकतंत्र की हत्या है।” मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी। ध्यान रहे कि मेयर का चुनाव आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर लड़ा था और उनके मेयर प्रत्याशी को 20 और भाजपा को 16 वोट मिले थे। निर्वाचन अधिकारी ने आप व कांग्रेस के 8 वोट रद्द कर भाजपा को विजय घोषित कर दिया था।
बीजेपी को मिलेंगी 370 सीटें: मोदी
हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: एनडीए इस बार 400 पार: मोदी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लोकसभा चुनाव में जीत का भरोसा जताते हुए कहा कि तीसरा कार्यकाल ज्यादा दूर नहीं है। साथ ही दावा किया कि चुनाव में भाजपा को 370 और एनडीए को 400 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। विपक्ष पर वार करते उन्होंने कहा, अगले चुनाव में वह दर्शक दीर्घा में दिखेगा। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब में मोदी ने दावा किया कि हमारी सरकार के तीसरे कार्यकाल में सिर्फ 100-125 दिन बाकी हैं। उन्होंने कहा कि वह आंकड़ों पर नहीं जाते, पर देश का मूड देख रहे हैं।
बिहार लघु उद्योग योजना शुरू
हिन्दुस्तान, जागरण और प्रभात खबर की पहली खबर बिहार लघु उद्यमी योजना शुरू होने की खबर है जिसमें हर गरीब परिवार को दो लाख रुपये दिए देने जाने की बात है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस योजना के लिए एक पोर्टल को लांच किया जिसके जरिए लोग आवेदन कर सकेंगे। जाति आधारित गणना की रिपोर्ट से उपलब्ध आंकड़े के आधार पर आरंभ हुई यह राज्य की पहली योजना है। रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि बिहार में 94 लाख से अधिक गरीब परिवार हैं जिनकी मासिक आय ₹6000 से कम है। सरकार इन्हें स्वावलंबन के लिए तीन किस्तों में दो लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराएगी। इस योजना के लिए आवेदन करने वालों के पास आय प्रमाण पत्र होना चाहिए जिसमें हर माह ₹6000 से कम आमदनी का जिक्र हो।
चंपाई सरकार ने बहुमत साबित किया
जागरण की खबर है: झारखंड में चंपाई सरकार ने हासिल किया विश्वास मत। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के गठबंधन वाली चंपाई सोरेन सरकार ने सोमवार को झारखंड विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर बहुमत साबित किया। मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के विश्वास प्रस्ताव पर वाद विवाद के बाद हुए मतदान में सरकार के पक्ष में 47 वोट पड़े जबकि विरोध में 29 विधायकों ने वोट डाले। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी ईडी की हिरासत में वोट डालने विधानसभा पहुंचे थे।
…तो राजनीति छोड़ दूंगा: सोरेन
मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के विश्वास मत के पक्ष में बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में कहा कि उनपर 8.5 एकड़ जमीन हड़पने का आरोप साबित करके दिखा दें, तो वे राजनीति क्या झारखंड छोड़ देंगे। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके नाम जमीन से संबंधित दस्तावेज दिखाएं और साबित करें। सुनियोजित तरीके से आदिवासी, पिछड़े व अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है।
आदिवासी सीएम भाजपा को मंजूर नहीं: राहुल
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का कारवां सोमवार को रांची पहुंचा। धुर्वा स्थित शहीद मैदान में आयोजित सभा में राहुल गांधी ने कहा कि झारखंड में भाजपा आदिवासी मुख्यमंत्री स्वीकार नहीं कर सकती है। यही कारण था कि एक आदिवासी मुख्यमंत्री की सरकार को हटाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि केंद्र में उनकी पार्टी की सरकार बनी तो देश से 50% आरक्षण की सीमा को उखाड़ कर फेंक देगी। उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी की सरकार देश में ओबीसी, आदिवासी और दलित जातियों के साथ अन्याय कर रही है। इनसे पैसा लेकर पूंजीपतियों को दे रही है।
कुछ और सुर्खियां
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से करेंगे मुलाकात
- पाकिस्तान के डेरा इस्माइल खान शहर में पुलिस पर आतंकी हमला, 10 की मौत
- सक्षमता परीक्षा के खिलाफ धरना देने वाले शिक्षकों पर दर्ज होगा केस
- बगहा में मिड डे मील खाने से 184 बच्चे बीमार, पांच की हालत गंभीर
- गुजरातियों को ठग कहने पर तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया माफीनामा
- मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार 19 फरवरी को बिहार आएंगे
- बिहार के संविदा कर्मियों का मानदेय बढ़ाने की तैयारी के लिए कमेटी बनी
अनछपी: चंडीगढ़ का मेयर चुनाव देश के लिए एक उदाहरण है कि कैसे खुल्लम खुल्ला धांधली की जाती है और हाई कोर्ट तक से इस मामले में राहत नहीं मिलती है तो सुप्रीम कोर्ट को कठोर टिप्पणी करनी पड़ती है। चंडीगढ़ के मेयर चुनाव मामले को छोटा चुनाव मानकर खारिज नहीं किया जा सकता। यह एक बड़ी बीमारी का लक्षण है जो बड़े पैमाने पर फैली हुई है। भारत में ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है जो यह शिकायत करती है कि ईवीएम से हुए चुनाव में धांधली होती है। ईवीएम से चुनाव में धांधली हो सकती है या नहीं, यह बहस जारी रहेगी लेकिन चंडीगढ़ में जो कुछ हुआ उसमें बहस की कोई गुंजाइश नहीं है। सवाल यह है कि इस तरह खुल्लम-खुल्ला धांधली करने वाले अधिकारी को यह आदेश कहां से मिलता है? आखिर यह धांधली हाई कोर्ट को क्यों नजर नहीं आई और उसने क्यों इस चुनाव परिणाम पर रोक नहीं लगाई? सुप्रीम कोर्ट को इन सवालों पर गौर करना है। लेकिन एक सवाल सुप्रीम कोर्ट से भी है कि आखिर इस चुनाव में धांधली को लोकतंत्र की हत्या बताने के बावजूद उसे अब तक रद्द करने का आदेश क्यों नहीं दिया गया? चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को एक बेहतरीन जज माना जाता है और उनकी बातों की काफी तारीफ भी होती है। लेकिन सवाल यह है कि सिर्फ सैद्धांतिक बातें होती रहेंगी या उन्हें अमल में भी लाया जाएगा। उदाहरण के लिए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जमानत को हक बताने के बारे में कई बार बोल चुके हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट में उमर खालिद की जमानत अर्जी लटकी चली आ रही है। बहरहाल, चंडीगढ़ मेयर चुनाव के बारे में पहली उम्मीद तो यही है कि उसके रिजल्ट को रद्द कर वहां दोबारा चुनाव कराया जाएगा। दूसरी बात यह है कि धांधली करने वाले उस चुनाव अधिकारी पर ठोस कार्रवाई होगी और इसकी भी पड़ताल की जाएगी कि आखिर उसने किसके कहने पर ऐसा किया। विपक्षी दलों को इस मुद्दे को गंभीरता से आम लोगों के बीच ले जाना चाहिए ताकि उनकी शिकायत पर उनका समर्थन भी बढ़े। इस समय आम आदमी को सबसे ज्यादा यह बताने की जरूरत है कि देश में चुनाव के नाम पर कैसी-कैसी धांधली होती है।
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