छपी-अनछपीः बेगूसराय गोलीकांड के दहशतगर्दों का आज लगेगा पता, सुनीता की किडनी बनी पहेली
बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। मुजफ्फरपुर के सकरा की सुनीता देवी की किडनी का मामला गोल गोल घूम रहा है। पहले बताया गया कि उसकी दोनों किडनी निकली हुई है। अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन दोनों की रिपोर्ट में यही बताया गया। अब वह आईजीआईएमएस लायी गयी है और यहां कहा जा रहा है कि जांच होगी कि किडनी निकली है या नहीं। मेडिकल सायंस की इतनी तरक्की वाले देश में ऐसी खबरें व्यथित करने वाली नहीं हैं? हिन्दुस्तान ने यह खबर प्रमुखता से छापी है। उधर, बेगूसराय गोलीकांड के मामले में एक दहशतगर्द की पहचान हो गयी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2024 के चुनाव के मद्देनजर कहा है कि अगर सरकार बनी तो सभी पिछड़े राज्यों को विशेष दर्जा दिया जाएगा। ये दोनों खबरें सभी जगह प्रमुखता से छपी है।
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर की सुर्खी हैः एक दहशतगर्द की पहचान। प्रभात खबर मंे इसी खबर की हेडलाइन हैः बेगूसराय गोलीकांडः दो गिरफ्तार, एक बाइक बरामद, खुलासा आज। जागरण ने लिखा हैः झाझा में ट्रेन से एक आरोपित गिरफ्तार। भास्करः 7.56 एमएम बोर की पिस्टल से अपराधियों ने की थी फायरिंग। उम्मीद की जा रही है कि पुलिस आज इस मामले के बारे में पूरी जानकारी देगी।
प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर हैः केन्द्र में हमलोगों की सरकार बनी तो सभी पिछड़े राज्यों को विशेष दर्जा। जागरण की लीड भी यही हैः केन्द्र में मेन फ्रंट की सरकार बनी तो पिछड़े राज्यों को विशेष दर्जाः सीएम। हिन्दुस्तान में इस खबर की सुर्खी हैः केन्द्र में सरकार बनी तो सभी पिछड़े राज्यों को विशेष दर्जा।
भास्कर की लीड अलग हैः पुतिन से आज मिलेंगे मोदी, सस्ते तेल के आयात का रिकार्ड बनेगा।
जागरण की एक अहम खबर आरक्षण के बारे में है। इसकी सुर्खी हैः आर्थिक आधार पर क्यों नहीं दिया जा सकता आरक्षणः सुप्रीम कोर्ट। आर्थिक आधार पर आरक्षण यानी ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर जल्द ही फैसला आने की उममीद है। बहस इस बात पर है कि क्या आरक्षण का आधार आर्थिक हो सकता है या यह सिर्फ सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर ही दिया जा सकता है।
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पीएमसीएच और अन्य अस्पतालों के निरीक्षण में वहां की अव्यवस्था को देखा था। डाॅक्टरों के गायब होने की बात नोट की थी। इस सिलसिले में जागरण की सुर्खी हैः तेजस्वी की सख्ती के बाद भी ड्यूटी से गायब मिले सात सौ डाॅक्टर।
नयी सरकार के मंत्रियों में अपनी ही सरकार के बारे में शिकायतों का सिलसिला जारी है। पहले कृषि मंत्री ने अपने विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। अब सहकारिता मंत्री सुरेंद्र यादव ने यही शिकायत की है।
हिन्दुस्तान के पहले पेज पर खबर हैः केंद्र व असम के विद्रोही गुटों में शांति समझौता। इसमें बताया गया है कि केन्द्र और असम की सरकार ने पूर्वोत्तर में सक्रिय आठ विद्रोही गुटों के साथ शांति समझौते पर दस्तखत किये हैं।
मधुबनी के हरलाखी में शौचालय की टंकी की शटरिंग खोलने में लगे चार मजूदरों की दम घुटने से मौत हो गयी है। यह खबर सभी जगह है। आधुनिक तकनीक वाले देश में इस तरह की घटना हमारे लिए बहुत ही अफसोसनाक है।
जागरण की खबर हैः सुरेन्द्र यादव बोले- मैं मंत्री हूं, मुझे ही नहंी मिली खाद, शिकायत की तो कार्रवाई हुई।
अनछपीः नयी सरकार के कुछ मंत्रियों की शिकायत सरसरी तौर पर गलत तो नहीं कही जा सकती। भ्रष्टाचार तो हर जगह आम है। बिना घूस के काम शायद ही कहीं होता हो। मगर इस बात को जनता को बताने से तो यह समस्या हल नहीं होने वाली है। तो फिर मंत्री ऐसे बयान क्यों दे रहे? वास्तव में इसके पीछे यह बात रहती है कि अपने अफसरों के बारे मंें जनता के बीच यह बात फैलायी जाए ताकि अफसर उनकी बातें अनसुनी न करें। कौन मंत्री यह कह सकता है कि उसके पास पैरवी नहीं आती है? पैसा और पैरवी के बिना काम होना बिहार में आसान है क्या? ऐसे में मंत्रियों को बयान देने से बेहतर इस बारे में ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।
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