छपी-अनछपी: इफको की फ़र्ज़ी वेबसाइट से करोड़ों की ठगी, भागवत बोले- पंडितों ने बनाई ऊंच-नीच की श्रेणी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू समाज में ऊंच-नीच की श्रेणी के बारे में कहा है कि यह व्यवस्था भगवान की नहीं, पंडितों की बनाई हुई है, इस बयान को कई अखबारों ने प्रमुखता दी है। खाद की सरकारी कंपनी इफ़को के नाम पर हज़ारों किसानों से करोड़ों रुपए ठगे जाने की खबर को भी अखबारों ने प्रमुख जगह दी है। बिहार में एनआईए की छापामारी दूसरे दिन भी जारी रही जिसे पहले पेज पर जगह दी गई है।

जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: भगवान ने नहीं, पंडितों ने बनाई ऊंच-नीच की श्रेणी। आर एस एस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि समाज में ऊंच-नीच की श्रेणी भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई जो कि गलत है। रविवार को मुंबई में संत शिरोमणि रविदास की जयंती पर एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हमारे समाज के बंटवारे के बाद फायदा दूसरों ने उठाया। इसीलिए देश पर आक्रमण हुए, यहां तक कि दूसरे देश से आए लोगों ने हमारे देश पर राज भी किया। भागवत ने हिंदुओं से सवाल किया कि क्या हिंदू समाज को नष्ट होने का भय दिख रहा है? यह बात आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता।

इफको के नाम पर बड़े पैमाने पर ठगी

भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: देश में खाद की किल्लत हुई तो इफ़को की फर्जी वेबसाइट बनाई,फ्रेंचाइजी के नाम पर करोड़ों ठगे। हिन्दुस्तान ने भी इस खबर को प्रमुखता दी है: इफ़को की एजेंसी देने के नाम पर 20 हज़ार लोगों से करोड़ों ठगे। पत्रकार नगर थाना पुलिस ने इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेशन लिमिटेड (इफको) की एजेंसी और डीलरशिप दिलाने के नाम पर लोगों से करोड़ों की ठगी मामले का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में दो शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। ठग इफको की फर्जी वेबसाइट बनाकर खाद और कीटनाशक की एजेंसी देने का झांसा दे लोगों को ठग रहे थे। गिरोह अब तक बिहार-यूपी सहित विभिन्न राज्यों के 20 हजार से ज्यादा लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुका है। आरोपितों की पहचान नालंदा के कतरीसराय थाना क्षेत्र निवासी रंजन कुमार उर्फ अंकित और औरंगाबाद के ढिबरा के रहने वाले आनंद मुरारी उर्फ राजा के रूप में हुई है। हालांकि, नवादा निवासी गिरोह का सरगना जितेंद्र कुमार फिलहाल फरार है।

पीएफआई और एएनआईए

हिन्दुस्तान की मेन हेडलाइन है: पीएफआई: दूसरे दिन 10 ठिकानों पर एनआईए छापे। अखबार के अनुसार: एनआईए की टीम ने मोतिहारी के पीएफआई मॉड्यूल में दूसरे दिन भी छापेमारी जारी रखी। साथ ही, इस मामले में पहले दिन हिरासत में लिए गए सभी लोगों से पूछताछ का सिलसिला भी चल रहा है। दूसरे दिन भी संदेह के आधार पर करीब पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी। मोतिहारी स्थित पीएफआई के इस मॉड्यूल का सीधा संबंध फुलवारीशरीफ वाले मॉड्यूल से जुड़ गया है। इसके मद्देनजर एनआईए इस मामले में दर्ज अपने केस संख्या आरसी-31/2022 को फुलवारीशरीफ में जुलाई 2022 में हुई कार्रवाई से संबंधित केस से जोड़ते हुए जांच कर रही है। शनिवार से शुरू हुई यह कार्रवाई रविवार को भी जारी रही। पहले दिन आठ और दूसरे दिन 10 स्थानों पर छापेमारी की गयी। पूर्वी चंपारण के मोतिहारी, चकिया, मधुबन, पकड़ीदयाल, पीपराकोठी, पताही और मेहसी थाना क्षेत्र के अलावा मुजफ्फरपुर के साहेबगंज थाना क्षेत्र में कई स्थानों पर छापेमारी की गयी।

सारण में बर्बरता के बाद बवाल

भास्कर में यह खबर प्रमुखता से छपी है: सारण: युवक की बर्बर हत्या से उग्र भीड़ ने मुखिया के घर व पोल्ट्री फॉर्म को फूंका। मांझी की मुबारकपुर पंचायत के मुखिया पति की पिटाई व भीड़ हिंसा में युवक की मौत के बाद गुस्साए लोगों ने रविवार को बवाल किया। मुबारकबाद पंचायत की मुखिया के पति विजय यादव व उनके समर्थकों द्वारा गुरुवार को पोल्ट्री फार्म में बंधक बना तीन युवकों की बर्बर पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद आक्रोशित लोगों ने रविवार को दरिया टोला के तीन घरों में आग लगा दी और गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया। पुलिस पर उग्र भीड़ ने पथराव भी किया, जिसमें एक महिला व एक पुरुष कर्मी जख्मी हो गए।हंगामा लगभग 3 घंटे तक चला। एसपी गौरव मंगला ने बताया कि मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित कर दी गई है। मांझी थानाध्यक्ष देवानंद को निलंबित कर दिया गया है। दो आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं। एसपी मृतक अमितेश कुमार सिंह के घर भी पहुंचे और परिजनों से बात की। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस की मौजूदगी में तीनों युवकों की लोहे के हथौड़े से पिटाई की गई है जिनमें से एक की मौत हो गई।

कॉमन सिविल कोड मंज़ूर नहीं

हिन्दुस्तान ने इस खबर को प्रमुखता दी है: समान नागरिक संहिता पर पर्सनल लॉ बोर्ड को आपत्ति। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारें इसे लागू करने से परहेज करें। लखनऊ में रविवार को बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैय्यद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमें प्रस्ताव पारित कर कहा गया कि 1991 के धर्मस्थल कानून और उसके बाद रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की शुचिता बनाई रखी जाए। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारें इसे लागू करने से परहेज करें।

कुछ और सुर्खियां

  • राजद प्रमुख लालू प्रसाद 10 फरवरी को सिंगापुर से लौटेंगे
  • एनआईटी पटना को 25 एकड़ जमीन वह हर संभव मदद, सीटें तीन गुना करें: नीतीश
  • जदयू में दूसरी फूट तय, उपेंद्र ने समर्थकों को बुलाया पटना
  • बेटी की शादी के लिए पूर्व सांसद आनंद मोहन को 15 दिनों की पैरोल
  • पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह और कारगिल थोपने वाले जनरल मुशर्रफ का दुबई में निधन
  • बांग्लादेश में अराजक तत्वों ने 14 मंदिरों में तोड़फोड़ की
  • अमेरिका ने चीन का जासूसी गुब्बारा मिसाइल से गिराया

अनछपी: डिजिटल स्पेस में छापेमारी से बचना आसान काम नहीं है और इफ़को की फर्जी वेबसाइट बनाकर लूट की ताजा घटना भी उसी की एक कड़ी है। डिजिटल स्पेस के ठग आम लोगों की समझ से पूरी तरह परिचित रहते हैं इसीलिए उनकी टीम में इंजीनियर वगैरह भी शामिल होते हैं। इससे पहले नौकरी के नाम पर खास करके रेलवे की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगने का मामला सामने आ चुका है। यह ठगी उस समय हुई है जब खाद की भारी किल्लत से किसान परेशान हैं। ठगी करने वालों के साजिशी दिमाग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें इस आपदा में भी अवसर नजर आ गया और एजेंसी देने के नाम पर लोगों से पैसे ठग लिए। फिलहाल यह कहा जा सकता है कि सरकार की कोशिशों से ठगों की साजिश काफी आगे चल रही है। कभी बिजली काटने की धमकी तो कभी बैंक का केवाईसी अपडेट करने की चेतावनी आदि ऐसे तरीके हैं जिनसे लोग ठगे जाते हैं। सरकार को दो स्तर पर काम करने की जरूरत है। एक तो खाद और नौकरी जैसी समस्याओं के बारे में और गंभीरता से सोचे और उसके लिए उपाय करें। दूसरे लोगों को जागरूक करने के लिए और बड़ी कोशिश करे। इसके बावजूद लोगों का ठगा जाना पूरी तरह से बंद तो नहीं हो सकता है लेकिन सख्त कानूनी कार्रवाई कर काफी हद तक इसे रोका जा सकता है।

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