छपी- अनछपी: दरभंगा एम्स के दावे पर मोदी से तेजस्वी ने कहा- सफेद झूठ, मणिपुर पर वार-पलटवार

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। दरभंगा में एम्स बनाए जाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावे पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सवाल खड़े किए हैं। इससे जुड़ी खबर सभी अखबारों में अंदर के पन्नों पर है। मणिपुर की हिंसा के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान को पहले पेज पर जगह दी गई है।

उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री से देश सत्य और तथ्य की अपेक्षा करता है लेकिन, उन्होंने सफेद झूठ बोला। शनिवार को वीडियो जारी कर तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री दरभंगा में एम्स खुलवाने का झूठा श्रेय ले रहे थे। वस्तुस्थिति यह है कि बिहार सरकार ने निशुल्क 151 एकड़ जमीन केंद्र को इसकी स्थापना के लिए दी है। साथ ही 250 करोड़ से अधिक राशि मिट्टी भराई के लिए आवंटित किया। लेकिन, दुर्भाग्यवश राजनीति करते हुए केंद्र ने प्रस्तावित एम्स के निर्माण को स्वीकृति नहीं दी। उन्होंने कहा कि जून में हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से दूरभाष पर वार्ता कर इसकी स्वीकृति देकर निर्माण कराने का आग्रह किया। तेजस्वी के अनुसार शनिवार को पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने दरभंगा में एम्स खुलवाने का काम किया है, जो सरासर झूठ है। “मैं पीएम से अपील करता हूं कि पहले इसके बारे में जानकारी लें और फिर बोलें। आप देश के प्रधानमंत्री हैं और आपको असत्य बोलना शोभा नहीं देता है। दरभंगा में कोई एम्स नहीं खोला गया है।”

ललन सिंह की नसीहत

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद राजीव रंजन सिंह ‘‘ललन’’ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दरभंगा में एम्स खुलने वाले उनके बयान पर उन्हें आड़े हाथों लिया है। ललन सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी, आप अपने स्वास्थ्य विभाग से ठीक से जानकारी प्राप्त कर लीजिए। दरभंगा एम्स के लिए राज्य सरकार ने जमीन दी है और वहां पर मिट्टी भराई के लिए अलग से 250 करोड़ रुपये स्वीकृत भी किए हैं लेकिन उस जमीन पर आपकी केंद्र सरकार एम्स बनाने को तैयार नहीं है। इसका मकसद बिहार में एक एम्स के निर्माण को लटकाना है और आप कह रहे हैं कि एम्स खुल गया?

मणिपुर मामले में मोदी का आरोप

जागरण की सबसे बड़ी खबर है विपक्ष ने मणिपुर के साथ किया विश्वासघात: मोदी। अख़बार लिखता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संसद से वॉकआउट करने को लेकर विपक्षी दलों पर शनिवार को करारा प्रहार किया। बोले कि विपक्ष किसी भी चर्चा को लेकर गंभीर नहीं था। मणिपुर मुद्दे पर यह चर्चा नहीं सिर्फ राजनीति करना चाहता था। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होती तो विपक्षी गठबंधन की पोल खुल जाती। प्रधानमंत्री शनिवार को बंगाल के हावड़ा से शुरू हुए भाजपा के क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।

भाजपा देश को बांट रही: राहुल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद पहली बार शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र केरल के वायनाड के दौरे पर पहुंचे। हिन्दुस्तान के अनुसार उन्होंने जनसभा में मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री की आलोचना करते हुए कहा, भाजपा का लक्ष्य भारत को विभाजित करना है। कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री पर संसद में हुई चर्चा के दौरान मणिपुर की समस्या का समाधान नहीं करने का आरोप लगाया। राहुल कलपेट्टा में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ द्वारा आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मोदी दो घंटे 13 मिनट बोले। वह हंसे … उन्होंने मजाक किया.. वह मुस्कुराए… उनके मंत्रिमंडल ने ठहाके लगाए। पीएम ने दो घंटे में हर चीज के बारे में बात की… कांग्रेस के, मेरे, विपक्षी दलों के गठबंधन के बारे में लेकिन, मणिपुर पर दो मिनट ही बोले।

फेक न्यूज़ फैलाने पर तीन साल की जेल होगी

भास्कर ने पहले पेज पर खबर दी है: फेक न्यूज़ फैलाने वालों पर सख्ती, 3 साल सजा होगी। संसद में पेश भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य विधायक के जरिए फेक न्यूज़ से सख्ती से निपटने के प्रावधान भी शामिल किए गए हैं। लोकसभा में पेश भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 की धारा 195 के अंतर्गत देश की संप्रभुता व सुरक्षा को खतरे में डालने वाली फर्जी खबर या भ्रामक जानकारी फैलाने वालों से निपटने की व्यवस्था है। विधेयकों को संसद की स्थाई समिति को भेजा गया है। इसके अनुसार कोई देश की संप्रभुता एकता, अखंडता या सुरक्षा को खतरे में डालने वाली झूठी या भ्रामक जानकारी फैलता है प्रकाशित करता है तो उसे 3 साल तक की सजा जुर्माना यह दोनों हो सकता है।

बीच सड़क पर पति ने की नर्स की हत्या

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: बीच सड़क पर मेदांता की नर्स पर इंजीनियर पति ने 12 इंच के चाकू से 10 बार वार किए, मौत। पटना के कंकड़बाग थाना के साईं नेत्रालय डी सेक्टर के बीच सड़क पर इंजीनियर पति ने नर्स पत्नी की हत्या कर दी। एमआईटी मुजफ्फरपुर से इंजीनियरिंग करने वाले हरित भास्कर ने कंकड़बाग के मेदांता अस्पताल की नर्स सोनी कुमारी को 10-12 इंच लंबे चाकू से पेट में 8-10 बार वार किए। पेट में चाकू को 360 डिग्री घुमा दिया। सोनी के पेट से आंत व लीवर बाहर आ गए। सीने पर भी चाकू मारा। उसे एक निजी अस्पताल ले जाया गया पर पहुंचने से पहले ही मौत हो गई। हत्या के बाद हरित मौके से पैदल ही निकल गया। दंपति पूर्णिया के रहने वाले हैं।

नए एम्स में 40% डॉक्टर कम

भास्कर की खबर है: देश के 19 एम्स में डॉक्टर 40%, तो स्टाफ 55% कम। देश के सभी नए 19 एम्स में डॉक्टर स्टाफ की भारी कमी है। इन संस्थानों में डॉक्टर्स के 40%, तो स्टाफ के 55% पद रिक्त हैं। रिक्त पदों में सीनियर रेजिडेंट व जूनियर रेजिडेंट सहित अन्य स्टाफ शामिल हैं। इसका पता लोकसभा में केंद्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी से लगा है। सदन में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सभी एम्स को संरक्षण देने वाले दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में ही डॉक्टर के 347 पद खाली हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • अनवर उल हक काकड़ बने पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री
  • आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल 32वें दिन खत्म, मानदेय बढ़ेगा
  • भारत में चौथी बार हॉकी की एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जीती, मलेशिया को 4-3 से हराया
  • आईजीआईएमएस में जल्द शुरू होगा हार्ट ट्रांसप्लांट खर्च होंगे 5 लाख, बाहर करने पर 25 लख रुपए
  • कल से भरे जाएंगे सीबीएसई 10वीं और 12वीं के परीक्षा फॉर्म
  • हेल्पलाइन नंबर 14567 से बुजुर्ग ले सकते हैं मदद

अनछपी: एक एम्स भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने खुलवाया था। उसके बाद कई एम्स हाल के वर्षों में हाल की सरकार ने खुलवाए हैं। दिल्ली का एम्स आज भी दुनिया भर के लिए एक आदर्श मेडिकल संस्थान बना हुआ है जबकि बाद में खोले गए एम्स की हालत बुरी मानी जाती है। दरभंगा में एम्स अभी खुला भी नहीं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसका श्रेय लेने पर विवाद की खबर आप पढ़ चुके हैं। प्रधानमंत्री को बेनिफिट ऑफ डाउट देते हुए यह कहा जा सकता है कि उन्हें सही जानकारी नहीं दी गई होगी लेकिन सच्ची बात यही है कि दरभंगा में अब तक एम्स का काम शुरू नहीं हो पाया है। एम्स दरभंगा में कहां बने इसको लेकर विवाद है और इस पर खूब राजनीति हो रही है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि दरभंगा में एम्स खुलने में अभी कितना समय लगेगा और जब वह खुल भी जाएगा तो वहां कितने प्रतिशत डॉक्टरों की बहाली हो पाएगी। दुख की बात यह है कि हमारी राजनीति और हमारे समाज में स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषय पर कम बहस होती है। कायदे से देखा जाए तो 19 एम्स में डॉक्टरों की इतनी कमी की खबर को पहले पन्ने पर जगह मिलनी चाहिए लेकिन अखबार में जहां भी जगह मिली हो, अब इस पर विपक्ष को सरकार से सवाल करना चाहिए। सरकार को भी बताना चाहिए कि आखिर 40% कम डॉक्टरों के साथ मरीजों का कैसे इलाज होगा। एक होड़ मची हुई है कि अधिक से अधिक एम्स और आईआईटी और दूसरे संस्थान खोल दिए जाएं लेकिन वहां पर शिक्षा की व्यवस्था क्या होगी या संबंधित काम कैसे होंगे इसकी कोई व्यवस्था नजर नहीं आती है। एम्स की ही तरह अगर आईआईटी का ही पता लगाया जाए तो वहां शिक्षकों की भारी कमी का अंदाजा लग सकता है और इससे पढ़ाई पर जो प्रभाव पड़ रहा है उसके बारे में भी पता चल सकता है। इसलिए उच्च शिक्षण संस्थानों के बारे में ऐसी खबरें छपनी चाहिए और इस पर समाज व सरकार में चर्चा भी होनी चाहिए।

 

 

 

 

 

 

 

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