छ्पी-अनछपी: एग्जिट पोल में कांग्रेस व भाजपा के नाम दो-दो राज्य, बंगाल के 12 भाजपा विधायकों पर केस

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। मध्य प्रदेश राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में तस्वीर साफ नहीं है हालांकि अलग-अलग अखबारों ने अलग-अलग सुर्खी लगाई है। अखबारों के अनुसार मध्य प्रदेश व राजस्थान में बीजेपी आगे है तो छत्तीसगढ़ व तेलंगाना में कांग्रेस। उधर पश्चिम बंगाल के 12 भाजपा विधायकों पर राष्ट्रगान के अपमान का केस हुआ है जिसकी खबर दबी दबी सी है।

प्रभात खबर की सुर्खी है,: राजस्थान में कांटे की टक्कर, मध्य प्रदेश में भाजपा, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस। हिन्दुस्तान ने लिखा है: एग्जिट पोल ने चुनाव परिणामों का रोमांच बढ़ाया। मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद गुरुवार को एग्जिट पोल के आंकड़ों ने रोमांच बढ़ा दिया है। विभिन्न पोल में अलग-अलग दलों को बढ़त के परस्पर विरोधी आंकड़े आए हैं। जागरण ने लिखा है कि अधिकांश एग्जिट पोल के अनुमानों का औसत निकालने पर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में लगातार दूसरी बार जीत हासिल करते हुए और तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति से सत्ता छीनती नजर आ रही है। वहीं राजनीतिक अनुमानों को पूरी तरह गलत साबित करते हुए बीजेपी मध्य प्रदेश में कांग्रेस को पीछे छोड़कर सत्ता में लौटती नजर आ रही है। राजस्थान में सत्ता बदलते रहने का रिवाज बरकरार रहने का अनुमान है और वहां भी भाजपा सरकार बनती नजर आ रही है। मिजोरम में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बन रही है जिसमें कोई पार्टी बहुमत के करीब पहुंचती नहीं दिख रही है और ऐसा लगता है कि वहां चुनाव बाद गठबंधन के सहारे ही नई सरकार का गठन होगा।

बारह भाजपा विधायकों पर केस

कोलकाता पुलिस ने गुरुवार को राज्य विधानसभा परिसर में राष्ट्रगान का कथित रूप से अपमान करने के आरोप में हेयर स्ट्रेट पुलिस थाने में 12 भाजपा विधायकों के खिलाफ प्राथमिक दर्ज की। इन विधायकों में बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी और सदन में पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा शामिल हैं। यह मामला बुधवार दोपहर को शुरू हुआ था जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में काली पोशाक पहने तृणमूल कांग्रेस के विधायक डॉक्टर अंबेडकर की प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। वे विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत राज्य सरकार को केंद्रीय बकाया का भुगतान न करने के खिलाफ विधानसभा परिसर में प्रदर्शन कर रहे थे।

टीचर की पकड़ुआ शादी

प्रभात खबर की सुर्खी है: पकड़ुआ विवाह: नव नियुक्त शिक्षक को स्कूल से अगवा कर करा दी शादी। वैशाली जिले के पातेपुर थाना क्षेत्र के रेपुरा गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पढ़ा रहे बीपीएससी से चयनित शिक्षक को कुछ लोगों ने अगवा कर शादी करा दी। महेया मालपुर गांव निवासी गौतम कुमार ने हाल ही में स्कूल में योगदान दिया था। बताया जाता है कि बुधवार की शाम बोलेरो सवार कुछ लोग स्कूल पहुंचे और शिक्षक का अपहरण कर लिया। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने एक संदिग्ध को पूछताछ के हिरासत में ले लिया और उसकी निशानदेही पर पूरी रात छापेमारी करती रही। इस घटना से गुस्साए लोगों ने बुधवार की देर रात लगभग एक घंटे तक महुआ-ताजपुर मार्ग को जाम रखा। गुरुवार की सुबह तक जब शिक्षक का कुछ पता नहीं चला तो ग्रामीण उग्र हो गए और शिवना चौक के पास सड़क को 8 घंटे तक जाम रखा। इस बीच गुरुवार की दोपहर परिजनों को सूचना मिली कि रेपुरा गांव में शिक्षक का पकड़ुआ विवाह करा दिया गया है।

एक साल तक फैसला सुरक्षित, सुप्रीम कोर्ट को हैरत

हिन्दुस्तान की खबर है कि पटना उच्च न्यायालय द्वारा धन शोधन मामले में आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका पर करीब एक साल तक फैसला सुरक्षित रखे जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताई है। शीर्ष अदालत ने इस मामले में पटना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि वास्तव में हम इस बात से बेहद हैरान हैं कि अग्रिम जमानत की मांग वाली याचिका पर आदेश को एक साल तक कैसे लंबित रखा जा सकता है। आरोपी रजंती कुमारी की ओर से पटना उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दाखिल विशेष अनुमति याचिका पर यह आदेश दिया है। पेश मामले के अनुसार पटना उच्च न्यायालय के एकल पीठ ने आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका पर 7 अप्रैल 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया था और करीब एक साल बाद 4 अप्रैल, 2023 को मामले को अन्य पीठ के समक्ष भेज दिया।

मंत्री की गाड़ी 30, डीएम की 20 लाख की

प्रभात खबर की सुर्खी है मंत्री चलेंगे 30 लख रुपए की गाड़ी से, डीएम 20 लाख तो एसपी 16 लाख के वाहन से करेंगे सफर। राज्य के मंत्री 30 लख रुपए की तो सरकार के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव सचिव व उनके समकक्ष अधिकारी 25 लख रुपए की गाड़ी से चलेंगे। वहीं पुलिस अधीक्षक से चार लाख महंगी गाड़ी से जिला अधिकारी करेंगे सफर। एसपी का वाहन 16 लाख का होगा तो डीएम का 20 लख रुपए तक का होगा। राज्य सरकार ने सभी स्तर के अधिकारियों के लिए गाड़ी खरीद की अधिकतम कीमत तय कर दी है।

पीएम मोदी की चार जातियां

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर है: नारी, युवा, किसान और गरीब यह मेरे लिए सबसे बड़ी जातियां: मोदी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि मेरे लिए सबसे बड़ी जाति चार जातियां हैं, नारी, युवा, किसान और गरीब। जब तक इन चार जातियों को मुश्किलों से उबार नहीं देते तब तक मैं चैन से नहीं बैठने वाला। इन चार जातियों का उत्थान भारत को विकसित बनाएगा।

यूपी में जाति सर्वे नहीं होगा

उत्तर प्रदेश विधानसभा में सरकार ने राज्य में जातिगत जनगणना कराने से इंकार करते हुए कहा कि राज्य को इसका अधिकार नहीं है। जनगणना कराने का अधिकार केवल संसद को है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने जब सदन में उपरोक्त जवाब दिया तो सपा सदस्यों ने इससे असंतुष्ट होकर वाकआउट कर दिया। इससे पहले प्रश्नकाल में सपा के संग्राम सिंह यादव ने कहा कि भारतीय समाज में जाति के कारण ही सम्मान मिलता है और उसी के कारण अपमान भी होता है। यह सच्चाई है। सरकार को जातिगत गणना करा कर आबादी के हिसाब से उसका हक दिलाना चाहिए। जब तक जातिगत जनगणना नहीं होगी सामाजिक न्याय नहीं हो सकेगा।

कुछ और सुर्खियां

  • ग्रामीण क्षेत्र के स्मार्ट मीटर में ब्लूटूथ होगा, मीटर को खुद ही रिकनेक्ट कर सकेंगे उपभोक्ता
  • कुहासे के कारण दो दर्जन ट्रेनें रद्द, हफ्ते में चार दिन नहीं चलेगी पाटलिपुत्र-गोरखपुर एक्सप्रेस रद्द
  • पटना समेत कई जिलों में बूंदाबांदी, 5 दिसंबर के बाद तेजी से बढ़ेगी ठंड
  • विश्वविद्यालय में समान छुट्टी कैलेंडर के लिए राज्यपाल ने बनाई कमेटी
  • विवादों में रहे अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर का 100 साल की उम्र में निधन

अनछपी: एग्जिट पोल भी अजीबो गरीब चीज है जो चुनाव के असली परिणाम से बस दो-तीन दिन पहले आता है। टेलीविजन चैनलों के लिए यह एक मेला होता है जिसमें कोई भी कुछ दावा कर सकता है। हालांकि एग्जिट पोल वाले वैज्ञानिक तरीके का हवाला देते हैं। कई बार एग्जिट पोल के नतीजे सही भी साबित हुए हैं लेकिन कई बार इनके नतीजे पूरी तरह गलत सिद्ध हुए हैं। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 3 दिसंबर को आएगा और 30 नवंबर को अंतिम दिन के मतदान के तुरंत बाद एग्जिट पोल आना शुरू हो गए। अलग-अलग एग्जिट पोल में अलग-अलग परिणाम दिखाया गया है। इसलिए नेता लोग अपने हिसाब से उस पर टिप्पणी कर रहे हैं। लेकिन इस बार के एग्जिट पोल में ऐसा भी हुआ है कि उसके नतीजे से कहना मुश्किल है कि किसे जीत मिलने वाली है। हार और जीत की सीटों का रेंज इतना ज्यादा है कि एग्जिट पोल वाले असली परिणाम आने के बाद उसका इस्तेमाल कर यह कह सकते हैं कि हमने तो यह रेंज दिया था। एग्जिट पोल वाले असली चुनाव परिणाम के लिए तीन दिनों के इंतजार क्या खूब लाभ उठाना चाहते हैं। टेलीविजन चैनल वाले भी इसके नाम पर अपना टीआरपी बढ़ाते हैं और नेताओं से एग्जिट पोल के आधार पर इस तरह के बयान मिलते हैं जैसे कि वही असली परिणाम हों। अखबारों के लिए भी यह सुर्खी बनाने का अच्छा मौका होता है। खैर, नेताओं के लिए असली रिजल्ट आने के बाद बयान बदलना कोई खास बात नहीं होती। अक्सर लोगों को यह याद भी नहीं रहता कि पिछले चुनाव के एग्जिट पोल और असली रिज़ल्ट में क्या फ़र्क़ था। आम लोगों के लिए बेहतर तो यही है कि वह तीन दिनों का इंतजार करें और असली रिजल्ट को देखकर राय बनाएं।

 1,382 total views

Share Now

Leave a Reply