छपी-अनछपी: बोले नीतीश- 2024 में ‘दिल्ली वाले’ से आजादी मिलेगी, मोदी का दावा- फिर आऊंगा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। 15 अगस्त को दिए अपने भाषण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2024 में दिल्ली वालों से आजादी मिलेगी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दावा है कि वह फिर आएंगे। इन दोनों बयान से जुड़ी खबरों को प्रमुखता दी गई है। नियोजित शिक्षकों के बारे में यह खबर है के बीपीएससी से बहाली के बाद उनके बारे में फैसला किया जाएगा।

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: अगले साल तक 10 लाख को नौकरी और 10 लाख को रोजगार मिल जाएगा: नीतीश। अखबार लिखता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश को 2024 में :दिल्ली वाले’ से आजादी मिलेगी। उन्होंने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा दिल्ली वाला सिर्फ प्रचार करता है, हम लोग काम करते हैं। अगले साल तक 10 लाख लोगों को नौकरी और 10 लाख को रोजगार का वादा पूरा करेंगे। पिछले 2 वर्ष में 1 लाख 50 हज़ार 563 लोगों को सरकारी नौकरी दी गई है। 3 लाख 82 हज़ार 104 नए पदों का सृजन किया गया है। अभी 2 लाख 86 हज़ार 461 पदों पर नियुक्तियां चल रही है। नीतीश कुमार ने यह बातें गांधी मैदान में झंडा तोलन के बाद समारोह को संबोधित करते हुए कहीं।

फिर आऊंगा: मोदी

जागरण की खबर है: फिर आऊंगा, आपके सपने पूरे करूंगा। लाल किले से दसवीं बार स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने खुद को एक पार्टी के नेता के रूप में नहीं बल्कि 140 करोड लोगों के परिवार के सदस्य के रूप में पेश किया प्रधानमंत्री ने बार-बार देशवासियों को परिवारजन के रूप में संबोधित किया और याद दिलाया में आपके बीच से आया हूं कमा आपके लिए जीता हूं, आपके सपने मेरे सपने हैं उन्हें पूरा करके रहूंगा। उन्होंने देश को खोखला कर रहे भ्रष्टाचार परिवारवाद और तुष्टीकरण जैसी कुरीतियों से हो रहे नुकसान से रूबरू कराया।

नियोजित शिक्षकों पर फैसला

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: बीपीएससी से बहाली के बाद नियोजित शिक्षकों पर फैसला। जागरण की पहली सुर्खी भी यही है: परीक्षा बाद नियोजित शिक्षकों पर निर्णय। भास्कर की मेन हेडलाइन भी ऐसी ही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बीपीएससी से शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद नियोजित शिक्षकों के संबंध में निर्णय लिया जाएगा और उन्हें सरकार से जोड़ने पर अंतिम निर्णय होगा। अभी कई मुद्दों पर विचार-विमर्श चल रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षक मन लगाकर बच्चों को पढ़ाएं। जो शिक्षक मन लगाकर बच्चों को पढ़ाएंगे उनके लिए भविष्य में भी बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। गायब रहने वाले शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई होगी। उनके आगे की राह भी मुश्किल होगी।

पाकिस्तान में चर्च जलाए

जागरण की खबर है: पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने 5 चर्चों में लगाई आग। पाकिस्तान में ईशनिंदा का आरोप लगाकर अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जारी है। पंजाब प्रांत में बुधवार को ऐसा ही नया मामला सामने आया है। ईसाई समुदाय के 2 लोगों पर ईशनिंदा का आरोप लगाकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पांच चर्चों पर हमला बोल दिया और आग लगा दी। इलाके में रहने वाले ईसाई समुदाय के कई लोग जान बचाने के लिए घर छोड़कर भाग गए। वहीं कई ऐसे भी थे जिन्होंने अपने आप को घर में बंद कर लिया। भीड़ ने खाली घरों में लूटपाट की। कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ ने कहा है कि कानून का उल्लंघन करने वाले और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

समस्तीपुर में दारोगा की हत्या

समस्तीपुर में पशु चोरों को पकड़ने के लिए छापेमारी करने गए मोहनपुर ओपी अध्यक्ष नंदकिशोर यादव की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। हिन्दुस्तान के अनुसार 14 अगस्त की आधी रात के बाद छापेमारी के दौरान उजियारपुर थाने के शहबाजपुर में पशु चोरों ने उन्हें गोली मारकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। इलाज के लिए बेगूसराय से पटना ले जाने के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। 2009 बैच के दारोगा नंदकिशोर अररिया के रहने वाले थे।

कारीगरों को 5% ब्याज पर एक लाख

भास्कर की खबर है: कारीगरों को 5% ब्याज पर मिलेगा एक लाख का लोन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर घोषित की गई विश्वकर्मा योजना पर बुधवार को मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी। योजना से कौशल कार्यों को बढ़ाने वाले कामगारों का कौशल विकास किया जाएगा। साथ ही एक लाख रुपये तक का कर्ज अधिकतम पांच फीसदी ब्याज पर दिया जाएगा। बैठक के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने फैसलों की जानकारी दी। मंत्री वैष्णव ने बताया कि कस्बों में अनेक वर्ग ऐसे हैं जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल से जुड़े कार्यों में लगे हैं। इनमें लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि शामिल हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • मोदी सरनेम मामले में झारखंड हाईकोर्ट से राहुल गांधी को पेशी से छूट मिली
  • जातीय जनगणना का पूरे प्रदेश में डेटा एंट्री का काम पूरा
  • सुलभ शौचालय के लिए मशहूर बिंदेश्वर पाठक का दिल्ली में हुआ अंतिम संस्कार
  • शरद पवार ने कहा- केंद्रीय मंत्री पद लेने की बात पूरी तरह बेबुनियाद
  • मणिपुर हिंसा जांच के लिए सीबीआई ने 29 महिला सहित 53 अधिकारी नियुक्त किए
  • बजरंग दल पर कांग्रेस का मध्य प्रदेश में रुख अलग, नहीं लगाएगी प्रबंध

अनछपी: वैसे तो पाकिस्तान भारत के मुकाबले में लगभग हर मामले में पिछड़ा है लेकिन जब अल्पसंख्यकों पर हमले का मामला आता है तो उसका हाल भारत जैसा ही लगता है। पाकिस्तान खुद को इस्लामी गणराज्य कहता है लेकिन अल्पसंख्यकों के मामले में कई बार पूरी तरह नाकाम साबित होता है जबकि इस्लामी शिक्षाओं का तकाजा यह है कि उन्हें पूरी सुरक्षा और सम्मान दिया जाए। ताजा मामला पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से आया है जहां कई चर्चों को आग लगा दी गई और ईसाई समुदाय के लोगों को मारपीट का निशाना बनाया गया है। ईसाइयों के साथ इस अत्याचार का कारण ईशनिंदा बताया गया है। यह भी कहा गया है कि कुरान की बेहुरमति की गई है। आरोप चाहे जो हो सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान में कानून का शासन है या भीड़ जिसे जब चाहे जो सजा दे सकती है? चर्चाओं को आग लगाना और ईसाई समुदाय के लोगों के साथ मारपीट करना पाकिस्तान के किस कानून के तहत है? ऐसी घटनाएं पाकिस्तान की सरकार की नाकामी तो है ही वहां के समाज के बारे में भी बहुत कुछ बताता है। सरकार चाहे तो दोषी लोगों को तुरंत कार्रवाई कर एक कड़ा संदेश दे सकती है। वैसे पाकिस्तान का सामाजिक ढांचा बहुत ही पेचीदा है। वहां कई ऐसे धार्मिक समूह हैं जो तुरंत मरने-मारने, कटने-काटने पर उतारू हो जाते हैं। उन धार्मिक समूहों से पाकिस्तान सरकार भी बहुत सतर्क रहती है। वास्तव में पाकिस्तान में आम लोगों को यह बताने की जरूरत है कि दूसरे समुदाय के लोगों के साथ किस तरह का व्यवहार होना चाहिए। पाकिस्तान सरकार को इस मामले में गंभीरता दिखानी चाहिए और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के हर उपाय करने चाहिए। इस मामले में इस्लाम को मानने वाले खाड़ी देशों का प्रदर्शन पाकिस्तान से कहीं बेहतर है। वहां भी कई धार्मिक अल्पसंख्यक रहते हैं लेकिन उनके साथ कभी अत्याचार की खबर नहीं आती है लेकिन पाकिस्तान में धार्मिक उन्माद इतना ज्यादा है कि धर्म के नाम पर भी धर्म होता है।

 

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