छपी-अनछपीः भाजपा 200 तो जदूय 243 पर कर रही तैयारी, एम्स पटना में कार्डलियोजी भी बंद

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। आज के हिन्दी अखबार खबर और विज्ञापन दोनों में भाजपा में पटे से हैं। कल जिन अखबारों को फुल पेज विज्ञापन नहीं मिला, आज उन्हें और जिन्हें मिला था उन्हें भी भाजपा ने मालामाल कर दिया है। वैसे भी आज केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह पटना आ रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना होनेे के कारण किसी से मिलजुल नहीं रहे हैं।
गौर करने की बात यह है कि मुलाकात तो भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की किसी जदयू नेता से भी नहीं हो रही है। बल्कि कल जब वे पटना यूविर्सिटी पहुंचे तो गो बैक नड्डा के नारे लगे। इस आलेख के साथ तस्वीर उसकी की है।
दूसरी ओर, भाजपा की इस घोषणा के जवाब में कि वह 200 विधानसभा सीटों पर तैयारी कर ही है तो जदूय ने अब कहा है कि उसकी तैयारी 243 सीटों की है।
तो आज हर जगह अखबारों की सबसे बड़ी खबर है भाजपा के मोर्चों की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक। हिन्दुस्तान की हेडलाइन हैः भाजपा अपनी विचारधारा से अलग नहीं हटेगीः नड्डा। इसमें उन्होंने पार्टी के लोकसभा सांसद की संख्या 2 से 303 तक पहुंचने की कहानी सुनायी और यह भी बताया कि 18 राज्यों में भाजपा की सरकार है। जागरण ने लिखा हैः नड्डा ने दिया हारे हुए बूथों पर को जीतने का मंत्र। भास्कर ने छोटी सी हेडिंग दी हैः 2024 का शंखनाद। इससे समझा जा सकता है कि भाजपा ने कैसे 2024 के आम चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
प्रभात खबर की हेडिंग हैः तुष्टीकरण या परिवारवाद नहीं, विकासावाद और सेवा की राजनीति करेगी भाजपाः नड्डा।
जागरण ने स्वास्थ्या से जुड़ी एक अहम खबर दी हैः अब कार्डियोलोजी विहीन हुआ एम्स, नफ्रोलोजी पहले से ही ठप। यह पटना एम्स की खबर है और भाजपा नेता दरभंगा एम्स खोलने के बारे मेें बड़े बड़े दावे करते हैं।
प्रभात खबर की दूसरी बड़ी खबर हैः विचाराधीन कैदियों की जेलों से रिहाई प्रक्रिया में तेजी लायी जाएः प्रधानमंत्री।
झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों जामताड़ा से इरफान अंसारी, खिजरी से राजेश कच्छप और कोलबिरा से नमन विक्सल कोंगाड़ी को लाखों रुपये के साथ कोलकाता में हिरासत में लिये जाने की खबर भी प्रमुखता से छपी है। झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार पर पहले से ही आॅपरेशन लोटस का साया है। ऐसे में कांग्रेस के समर्थन से चल रही सोरेन सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
भास्कर ने अपनी एक और खास खबर में बताया है कि पीएफआई के तीन लाख ’फैमिली खाते’, विदेश से आ रहे 500 करोड़।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का बयान भी प्रमुखता से छपा है। जागरण की हेडिंग हैः आरसीपी के लिए सीएम के नारे लगने पर ललन बोले- जदयू में मुख्यमंत्री की वैकेंसी नहीं। इसी बयान में उन्होंने जदयूू की 243 सीटों पर तैयारी की बात भी कही है।
अनछपीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डीएलएसए यानी जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अलिख भारतीय कार्यक्रम में बहुत ही महत्वपूर्ण बात कही है कि विचाराधीन कैदियों की जेलों से रिहाई में तेजी लायी जाए। प्रभात खबर में रिपोर्ट है कि देश में 76 प्रतिशत कैदी विचाराधीन हैं यानी उन्हें अदालत ने जेल की सजा नहीं सुनायी है लेकिन न्याय प्रक्रिया ही ऐसी है कि उन्हें जेल में रहना पड़ रहा है। इस व्यवस्था को जिसमें ’जेल नहीं, बेल हो नियम’ लागू करने में अदालत के साथ सरकार को अपने रोल पर विचार करना चाहिए। आप इसे मोहम्मद जुबैर के मामले से देख सकते हैं कि एक अदालत से बेल मिलते ही दूसरे अदालत में मामला खोल दिया जा रहा था। इससे सरकार की कथनी और करनी का अंतर देखा जा सकता है। सरकारी व्यवस्था ही ऐसी है कि जिसमें न जाने कितने लोग बेकसूर जेल में सड़ते हैं और कितने निर्धारित सजा से अधिक दिन जेल में बिताते हैं और जो पहुंच-पैरवी वाले होते हैं वे अपराध के बावजूद आसानी से बेल पर छुट्टा घूमते हैं।

 

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